एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है जिसमें बसपा सुप्रीमो मायावती, पूर्व उपराष्ट्रपति और राज्य सभा के तत्कालीन चेयरपर्सन हामिद अंसारी से कह रही हैं, “12 बजे के बाद रोज़ाना हाउस नहीं चल रहा है, आप हाउस के चेयरमैन हैं आपकी ज़िम्मेवारी है कि 12 बजे के बाद हाउस ऑर्डर में चलना चाहिए, इसकी व्यवस्था कौन करेगा? आप रोज 12 बजे उठकर चले जाते हैं और हाउस चलता नहीं है, इसकी व्यवस्था कौन करेगा?”
इस वीडियो को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि कांग्रेस द्वारा नामित उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी रोज़ 12 बजे राज्यसभा स्थगित कर नमाज़ पढ़ने चले जाते थे और संसद के सभी सदस्यगण उनके इंतज़ार में ख़ाली बैठे रहते थे जिससे सदन की कार्यवाही बंद रहती थी.
रिटायर्ड आईएएस अधिकारी और भाजपा समर्थक सूर्य प्रताप सिंह ने वीडियो शेयर करते हुए ऐसा ही दावा किया. (आर्काइव लिंक)
उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी रोज़ 12:00 राज्यसभा स्थगित कर नमाज़ पढ़ने व तक़रीर करने चले जाते थे।
सभी सांसद उनके इंतज़ार में ख़ाली बैठे रहते थे,संवैधानिक कार्य बंद रहता था।
हामिद अंसारी कांग्रेस द्वारा नामित थे।
मायावती ने ये मुद्दा उठाया तो अंसारी जी का जवाब सुनिए? pic.twitter.com/izD9HsCmGd
— Surya Pratap Singh IAS Rtd. (@suryapsingh_IAS) February 7, 2024
भाजपा समर्थक जितेंद्र प्रताप सिंह ने वीडियो पोस्ट करते हुए हामिद अंसारी को आतंकवादी और ‘जिहादी’ समर्थक बोला और दावा किया कि राज्यसभा के उपसभापति हामिद अंसारी रोज 12 बजे नमाज़ पढ़ने और तकरीर करने मस्जिद चले जाते थे और वापस नहीं आते थे. मायावती ने सदन में उन्हें एक्सपोज किया था. (आर्काइव लिंक)
अक्सर गलत जानकारी फैलाने वाले ट्विटर अकाउंट मेघ अपडेट्स और भाजपा बंगाल की मीडिया इंचार्ज केया घोष ने वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा कि उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी रोजाना 12 बजे नमाज़ के लिए राज्यसभा से निकल जाते थे. जब मायावती ने उनसे सवाल किया तो उन्होंने मामले को भटकाने की कोशिश की.
फ़ैक्ट-चेक
हामिद अंसारी 2007 से 2017 तक भारत के उपराष्ट्रपति रहे हैं. चूंकि, उपराष्ट्रपति ही राज्य सभा के सभापति होते हैं, इसलिए जाहिर सी बात है कि ये वीडियो 2007 से 2017 के बीच का है. वायरल वीडियो में बसपा सुप्रीमो मायावती द्वारा कहीं भी ‘नमाज़’ का जिक्र नहीं किया गया है. हमने इस वीडियो का पूरा संदर्भ जानने के लिए डेट फ़िल्टर के साथ की-वर्ड्स सर्च किया. हमें 12 दिसंबर 2012 को द इकोनॉमिक टाइम्स पर पब्लिश्ड एक आर्टिकल मिला. इस ख़बर के मुताबिक, मायावती सरकारी नौकरियों में एससी/एसटी को प्रमोशन में आरक्षण वाले विधेयक पर बार-बार हो रहे खलल का विरोध कर रही थीं. इस मुद्दे को लेकर उनकी पार्टी और समाजवादी पार्टी में टकराव की स्थिति थी.
हमें एबीपी न्यूज़ के यूट्यूब चैनल पर 12 दिसंबर 2022 को अपलोड किया गया वो वीडियो भी मिला जिसमें मायावती के वायरल वीडियो का अंश मौजूद है. इस वीडियो के टाइटल में लिखा है, “मायावती ने राज्यसभा में किया हंगामा, सभापति हामिद अंसारी की अनुपस्थिति पर उठाया सवाल.”
घटनाओं का क्रम
11 दिसंबर 2012 को डेक्कन हेरल्ड की वेबसाइट पर पब्लिश्ड एक रिपोर्ट के मुताबिक, समाजवादी पार्टी के विरोध की वजह से सरकारी नौकरियों में SC/ST को प्रमोशन में आरक्षण वाला बिल पेश नहीं हो पाया. UPA इस बिल के समर्थन में था, DMK इस बिल में OBC को भी शामिल करना चाहता था. भाजपा ने इस मुद्दे पर अपना क्लीयर स्टैंड नहीं रखा था, लेकिन समाजवादी पार्टी की इस बिल को लेकर बसपा से असहमति थी. सपा नेता रामगोपाल यादव ने कहा था, “अदालतों ने इस कदम की आलोचना की है और अगर सरकार इस विधेयक को पारित कराने पर अड़ी रही तो अदालतें इस विधेयक को फिर से खारिज कर देंगी. हम इस विधेयक का विरोध जारी रखेंगे.” समाजवादी पार्टी ने कहा था कि अगर ये बिल पेश होता है तो वे सदन की कार्यवाही में रोज़ बाधा डालेंगे. सपा ने इस मुद्दे पर 14 दिनों में कई बार सदन की कार्यवाही भी रोकी. मायावती ने सदन की कार्यवाही रोकने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की आलोचना की और समाजवादी पार्टी पर भाजपा के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि अगर अगले दो-तीन दिनों में इस मुद्दे पर सरकार का रुख संतोषजनक नहीं रहा तो बसपा सख्त रुख अपनाएगी.
12 दिसंबर 2012 को इंडिया टीवी की वेबसाइट पर पब्लिश्ड एक रिपोर्ट के मुताबिक, बसपा सुप्रीमो मायावती ने 12 दिसंबर को राज्यसभा की कार्यवाही के दौरान, सदन में बार-बार होने वाले खलल को लेकर सभापति हामिद अंसारी पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि 12 बजे के बाद रोज़ाना हाउस नहीं चल रहा है, आप हाउस के चेयरमैन हैं आपकी जिम्मेवारी है. रिपोर्ट के मुताबिक, इस हंगामें की वजह से दोनों सदनों में लगातार तीसरे दिन कामकाज नहीं हो सका. उनका गुस्सा सरकारी नौकरियों में SC/ST को प्रमोशन में आरक्षण वाला बिल पर विचार में देरी को लेकर था. जहां बसपा इस बिल पर जोर दे रही थी, वहीं समाजवादी पार्टी यह तर्क देते हुए इसका कड़ा विरोध कर रही थी कि यह समाज को बांट देगा. इसी को लेकर जारी संघर्ष में हुई अव्यवस्था के कारण ये बिल संसद में पेश नहीं हो सका था.
13 दिसंबर 2012 को इंडिया टुडे की वेबसाइट पर पब्लिश्ड एक रिपोर्ट के मुताबिक, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राज्यसभा के हुई घटना पर अपनी चिंता व्यक्त करने के लिए उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी को फोन किया था. उपराष्ट्रपति के अपमान के बावजूद, सरकार और कांग्रेस ने बसपा नेता की खुलकर आलोचना करने से परहेज किया था. कांग्रेस प्रवक्ता रेणुका चौधरी ने कहा था कि राज्यसभा के सभापति पर हमला दुखद था, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि सरकारी नौकरियों में प्रमोशन में एससी/एसटी को आरक्षण के मुद्दे ने सबसे बड़े राज्यों में से एक को प्रभावित किया है और संबंधित पार्टियों को इसका अवसर मिलना चाहिए कि वे कह पाएं कि वे क्या चाहते हैं. समाजवादी पार्टी ने कहा है कि सरकारी नौकरियों में प्रमोशन में एससी/एसटी को आरक्षण का कदम असंवैधानिक है और इससे 80 फीसदी कर्मचारी पदोन्नति के रास्ते से वंचित हो जाएंगे. इसके साथ ही सपा सांसदों ने ज़रूरत पड़ने पर हर दिन राज्यसभा को बाधित करने की धमकी दी थी.
14 दिसंबर 2012 को हिंदुस्तान टाइम्स की वेबसाइट पर पब्लिश्ड एक रिपोर्ट के मुताबिक, मायावती ने राज्य सभा में सभापति हामिद अंसारी से कहा कि मैं आप का सम्मान करती हूँ और मैं चेयर का सम्मान करती हूं. मुझे पूरा विश्वास है कि आप यह सुनिश्चित करने के लिए कोई रास्ता निकालेंगे कि सदन सुचारू रूप से चले और बिल पारित हो. उन्होंने कहा कि यह दुखद है कि बार-बार डिसरप्शन के कारण इस बिल को संसद के पिछले सत्र के साथ-साथ इस सत्र में भी पेश नहीं किया जा सका.
कुल मिलाकर, यह विवाद राज्य सभा के तत्कालीन सभापति हामिद अंसारी के 12 बजे नमाज़ पढ़ने जाने से जुड़ा नहीं है और न ही मायावती ने उनसे 12 बजे नमाज़ पढ़ने जाने पर सवाल उठाया. कई बीजेपी समर्थकों और सोशल मीडिया यूज़र्स ने बीएसपी सुप्रीमो मायावती का वीडियो ग़लत दावे के साथ शेयर किया.
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