महाराष्ट्र चुनाव के बीच सोशल मीडिया पर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पार्टी के नेता व बालासाहेब ठाकरे के बेटे और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लेकर हिंदी व मराठी भाषा के अख़बार की एक फ़ोटो वायरल है. अखबार की इस कथित कटिंग का हेडलाइन है, “1992 के दंगों में शामिल होना गलती थी, माफ़ करो”- उद्धव ठाकरे. जिसमें आगे लिखा है कि मुस्लिम नेताओं के साथ हुई बैठक में उद्धव ठाकरे ने 1992 के दंगों में शामिल होने के लिए माफी मांगी है. वायरल अख़बार की कटिंग के साथ यूज़र्स दावा कर रहे हैं कि उद्धव ठाकरे वोट पाने के लिए कितना नीचे गिर सकता है, यह महाराष्ट्र के हिंदुओं के जीवन का सबसे बड़ा काला दिन है.
महासचिव-महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना कार्यकारी शालिनी ठाकरे ने मराठी में लिखी गई अख़बार की कटिंग को शेयर करते हुए लिखा, “जिस बात पर बाला साहेब को गर्व था आज उसी बात के लिए उद्धव बालासाहेब ठाकरे माफी मांग रहे हैं. वोट पाने के लिए यह कितना नीचे गिरेगा? ”(आर्काइव लिंक)
बाळासाहेबांनी ज्या गोष्टीचा अभिमान बाळगला त्याच गोष्टीसाठी आज उ.बा.ठा. दिलगिरी व्यक्त करत आहे.
मत मिळवण्यासाठी अजून किती खालची पातळी गाठणार?#mnsadhikrut #MNS pic.twitter.com/zopEa13mf8— Shalini Thackeray (@ThakareShalini) November 18, 2024
कंकावली विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उम्मीदवार व विधायक नितेश राणे ने अपने सभी सोशल मीडिया प्लेटफोर्मो X- हैंडल,इंस्टाग्राम व फेसबुक पर वायरल हिन्दी,मराठी भाषा के अख़बार का फ़ोटो शेयर किया,(आर्काइव लिंक-1, लिंक-2, लिंक-3,लिंक-4)
— Nitesh Rane (@NiteshNRane) November 18, 2024
मराठी में लिखी गई अख़बार की कटिंग को कई और राइट विंग X- यूज़र्स @theWolvosaga,@Sonalimumbai1 ने भी शेयर किया. (आर्काइव लिंक-1, लिंक-2)
अख़बार की ये कथित कटिंग हिन्दी में भी वायरल है जिसे राइटविंग इन्फ्लुएंसर ऋषि बागरी ने अपने X- हैंडल पर शेयर करते हुए लिखा, “कल तक जो शेखी बघार रहे थे कि 1992 के दंगों से मुंबई को शिवसेना ने बचाया, उसी दंगो के लिए आज उद्धव ठाकरे मुस्लिम समाज से माफ़ी मांगते हुए दिख रहे है.” (आर्काइव लिंक)
कल तक जो शेखी बघार रहे थे कि 1992 के दंगों से मुंबई को शिवसेना ने बचाया, उसी दंगो के लिए आज उद्धव ठाकरे मुस्लिम समाज से माफ़ी मांगते हुए दिख रहे है। pic.twitter.com/J3djytHYEf
— Rishi Bagree (@rishibagree) November 18, 2024
अक्सर गलत जानकारी फैलाते हुए पाए जाने वाले राइट विंग वेरिफ़ाइड X-यूज़र्स जीतेंद्र प्रताप सिंह, स्मिता देशमुख, @kreatelymedia व रिनीति चटर्जी पांडे जैसे कई सोशल मीडिया यूज़र्स ने ऐसी ही दावों के साथ वायरल फ़ोटो को शेयर किया.(आर्काइव लिंक-1, लिंक-2, लिंक-3, लिंक-4)
फ़ैक्ट-चेक
ध्यान देने वाली बात है कि हिन्दी और मराठी दोनों भाषाओं में वायरल अख़बार की इस कटिंग में ये कहीं नहीं लिखा है कि ये बात उद्धव ठाकरे ने कब और किस जगह पर कही.
मराठी अखबार की वायरल कटिंग में दिख रहे पत्रकार राहुल पांढरे, मुंबई वार्तापत्र अखबार को सर्च करने पर, हमें इससे संबंधित कुछ जानकारी नहीं मिली.
साथ ही हिंदी भाषा वाली वायरल कटिंग में संवाददाता का नाम प्रणव डोगरा और अखबार का नाम राष्ट्रीय उजाला लिखा हुआ दिख रहा है. सर्च करने पर हमें राष्ट्रीय उजाला नाम की दैनिक अखबार की आधिकारिक वेबसाइट मिली किन्तु ई पेपर पर सर्च करने ऐसी कोई ख़बर नहीं मिली. दैनिक राष्ट्रीय उजाला के फेसबुक पेज पर एक पोस्ट में बताया गया है कि उनके नाम से फ़ेक न्यूज़ क्लिपिंग्स चलाये जा रहे है और प्रणव डोगरा नामक व्यक्ति का इस समाचार पत्र से कोई संबंध नहीं है.
इसके अलावा 19 नवम्बर 2024 को शिवसेना के सभी सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्मो X-हैंडल, फेसबुक व इंस्टाग्राम पर “फ़र्ज़ी खबरों और फ़र्ज़ी लोगों से सावधान” कैप्शन के साथ वायरल अखबार की कटिंग को फ़र्ज़ी बताया गया है.
फेक बातम्या आणि फेक माणसांपासून सावधान! pic.twitter.com/d2H0sllZHH
— ShivSena – शिवसेना Uddhav Balasaheb Thackeray (@ShivSenaUBT_) November 19, 2024
शिवसेना सांसद प्रियंका चतुवेर्दी ने 18 नवंबर को एक ट्वीट में ABP न्यूज़ से जुड़े पत्रकार सोमेश कोल्गे के एक ट्वीट का शेयर करते हुए लिखा था कि ये @abpmajhatv के ब्यूरो चीफ़ हैं. इन्हें ये फ़र्ज़ी खबर डालने से पहले जांच करनी थी और पोस्ट डिलीट करने को भी कहा. बाद में पत्रकार सोमेश कोल्गे ने अपना ट्वीट डिलीट कर लिया. (आर्काइव लिंक)
This man is a journalist, he is bureau chief of @abpmajhatv , he could have very well verified before putting up this fake news. But these propagandist in the garb of patrakar keep selling their soul everyday.
Either ABP network gets him to takedown this tweet or we will be… pic.twitter.com/yHA7pQzQjp— Priyanka Chaturvedi🇮🇳 (@priyankac19) November 18, 2024
ऑल्ट न्यूज़ ने प्रियंका चतुर्वेदी से सम्पर्क किया. उन्होंने स्पष्ट कहा कि ऐसी कोई मीटिंग नहीं हुई है और ये खबर पूरी तरह से झूठी है.
AI डिटेक्टर टूल TrueMedia.org पर वायरल अखबार की कटिंग को चेक करने पर इसमें हेरफेर के परिणाम मिले.
कुल मिलाकर, सोशल मीडिया पर फ़र्ज़ी अख़बार की कटिंग शेयर कर 1992 की बातों से हिन्दू मुस्लिम मुद्दे बनाकर चुनावी माहौल को बिगाड़ने का प्रयास किया जा रहा है.
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