महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बीच सोशल मीडिया पर आरोप लगाये जाने लगे कि वक्फ़ बोर्ड ने मुंबई में प्रसिद्ध हिन्दू मंदिर ‘श्री सिद्धिविनायक मंदिर’ पर दावा किया है. भाजपा विधायक नितेश राणे ने अपने इंस्टाग्राम प्रोफ़ाइल पर मराठी में एक ग्राफिक शेयर किया जिसपर लिखा है, “वक्फ़ बोर्ड ने मुंबई में सिद्धिविनायक मंदिर पर भी दावा किया है” और कैप्शन में ज़िक्र किया गया है: “यही कारण है कि किसी को UBT और कांग्रेस को ना कह देना चाहिए.”

भाजपा नेता द्वारा शेयर किए गए ग्राफ़िक में ऊपरी दाएं कोने पर एक लोगो था जिस पर ‘सकाल’ लिखा था.

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सिद्धिविनायक मंदिर पर वक्फ़ बोर्ड का दावा वाला सबसे पहला ट्वीट 18 नवंबर को किया गया था जिसमें सकाल न्यूज़ के लोगो के साथ ऊपर जैसा ही ग्राफ़िक भी था. (आर्काइव)

इसी तरह का एक अन्य ग्राफ़िक जिसमें क्रिएटली मीडिया का वॉटरमार्क था, राईटविंग इन्फ्लुएंसर द्वारा काफ़ी ज़्यादा शेयर किया गया है. क्रिएटली मीडिया ने वायरल ग्राफ़िक को ‘ब्रेकिंग न्यूज़’ के रूप में पोस्ट किया. ट्वीट को 300,000 से ज़्यादा बार देखा गया. (आर्काइव)

उपरोक्त तस्वीर को शेयर करते हुए, राईटविंग इन्फ्लुएंसर @MrSinha_ ने कहा, “…वे नियंत्रण से बाहर हो रहे हैं. उन्हें रोकने की ज़रूरत है…” (आर्काइव) एक अन्य ट्वीट में उन्होंने भाजपा से सिद्धिविनायक मंदिर पर वक्फ़ बोर्ड के दावे के एजेंडे को आक्रामक रूप से आगे बढ़ाने का आग्रह किया. (आर्काइव)

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पत्रकार अभिजीत मजूमदार ने भी वायरल ग्राफ़िक शेयर किया. (आर्काइव)

वकील शशांक शेखर झा समेत कई लोगों ने ट्विटर पर वायरल दावे को शेयर किया. (आर्काइव- 1234567)

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फ़ैक्ट-चेक

सकाल न्यूज़ के लोगो वाले वायरल पोस्ट को संबोधित करते हुए, सकाल ने अपने आधिकारिक फ़ेसबुक पेज पर पोस्ट किया कि आउटलेट ने ऐसा कोई ग्राफ़िक पब्लिश नहीं किया है. मराठी में लिखे पोस्ट के कैप्शन का हिंदी अनुवाद है: वर्तमान में, एक भ्रामक ग्राफिक जिसका शीर्षक है, “मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर पर वक्फ़ बोर्ड का दावा” शीर्षक से एक भ्रामक क्रिएटिव सोशल मीडिया पर कथित तौर पर ‘सकाल’ के नाम से वायरल हो रहा है. हालांकि, सकाल ने ऐसा कोई ग्राफिक नहीं बनाया है. कुछ व्यक्तियों ने इस शरारत को करने के लिए सकाल की क्रिएटिव स्टाइल के समान एक टेम्पलेट और लोगो का इस्तेमाल किया है.

#fakenewsalert : सध्या सोशल मीडियावर ‘मुंबईतील सिद्धिविनायक मंदिरावरही वक्फ बोर्डचा दावा’ नावाने एक दिशाभूल करणारे…

Posted by Sakal on Monday 18 November 2024

हमें सकाल की एक डिटेल फ़ैक्ट-चेक रिपोर्ट भी मिली, जिसमें उन्होंने स्पष्ट किया कि वायरल पोस्ट (जिसमें सकाल का लोगो भी शामिल है) जिसमें आरोप लगाया गया है कि वक्फ़ बोर्ड ने सिद्धिविनायक मंदिर का दावा किया था वो झूठा था. आउटलेट ने साफ किया कि ऐसी कोई ख़बर पब्लिश नहीं की गई थी. सकाल न्यूज़ ने वायरल तस्वीर में कुछ गलतियों को अंडरलाइन किया-

  1. लोगो डिज़ाइन में गलतियां: आधिकारिक सकाल पोस्ट एक विशिष्ट प्रारूप का पालन करते हैं, जैसे कि टेक्स्ट लेफ़्ट- अलाइन्ड टेक्स्ट और फूल-फ़्रेम तस्वीरों का इस्तेमाल होता है, जबकि वायरल पोस्ट में सेंटर-अलाइन्ड टेक्स्ट और असंगत फ़ॉन्ट का इस्तेमाल किया गया है.
  2. इसके आलावा, ग्राफ़िक को सकाल के किसी भी वेरिफ़ाईड सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट नहीं किया गया था. सोशल मीडिया टीम के प्रमुख ने पुष्टि की कि सभी आधिकारिक पोस्ट सूचीबद्ध हैं, और ये ग्राफिक उनमें से नहीं था और ये उनके लोगो का अनऑथोराइज्ड इस्तेमाल था.

वायरल दावों के जवाब में सिद्धिविनायक मंदिर के कोषाध्यक्ष और भारतीय जनता पार्टी मुंबई के उपाध्यक्ष पवन त्रिपाठी ने एक वीडियो बयान में वायरल दावों को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा, “श्री सिद्धिविनायक मुंबई की आन बान शान है. पूरे विश्व में रहने वाले सभी सनातनियों की श्री सिद्धिविनायक मंदिर के ऊपर श्रद्धा है. इसलिए श्री सिद्धिविनायक मंदिर पर कोई भी बोर्ड कब्ज़ा नहीं कर सकता है. ये सभी गणेश भक्तों और गणेश भक्तों का मंदिर बना रहेगा.”

ऑल्ट न्यूज़ ने मुंबई ज़िला वक्फ़ अधिकारी से भी संपर्क किया. उन्होंने कहा, उनकी जानकारी के मुताबिक, ऐसी कोई घटना नहीं हुई थी. इसके अलावा इस घटना के संबंध में कोई स्थानीय या अन्य न्यूज़ रिपोर्ट भी नहीं मिली.

दावा वायरल होने के बाद, राज्यसभा सांसद और शिवसेना (UBT) नेता प्रियंका चतुर्वेदी, युवा सेना अध्यक्ष आदित्य ठाकरे सहित कई राजनेताओं ने इस ग़लत सूचना को फैलाने वालों की कड़ी आलोचना की. आदित्य ठाकरे ने ट्वीट किया, “अपने वोटों के लिए महाराष्ट्र में हमारी भावनाओं के साथ मत खेलें,” जबकि प्रियंका चतुर्वेदी ने झूठे दावों का प्रचार करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ़ पुलिस कार्रवाई का आह्वान किया.

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हमें RSS के मुखपत्र ऑर्गेनाइजर की एक रिपोर्ट भी मिली जिसमें भ्रामक दावे को खारिज किया गया है. हालांकि, इस रिपोर्ट में ये बिल्कुल ग़लत लिखा है कि वक्फ़ बोर्ड ने मंदिर पर अपना दावा किया था.

कुल मिलाकर, ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि वायरल दावा भ्रामक है. वक्फ़ बोर्ड ने मुंबई में प्रतिष्ठित श्री सिद्धिविनायक मंदिर पर दावा नहीं किया है. मंदिर के कोषाध्यक्ष और वक्फ़ बोर्ड के प्रतिनिधि दोनों ने ऐसे दावों को खारिज कर दिया है.

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