महाराष्ट्र के उल्हासनगर में NCP नेता जितेंद्र आव्हाड के भाषण का एक वीडियो सोशल मीडिया पर इस दावे के साथ वायरल है कि उन्होंने सिंधी समुदाय के बारे में अपमानजनक टिप्पणी की. वायरल क्लिप में जहां राजनेता कथित तौर पर ‘अपमानजनक टिप्पणी’ कर रहे हैं, वहां दावे को स्थापित करने के लिए ऑडियो पर जोर दिया गया है और इसे तीन बार रिपीट किया गया है.

ट्विटर ब्लू यूज़र समीत ठक्कर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी फ़ॉलो करते हैं और उनके 1,27,000 से ज़्यादा फ़ॉलोअर्स हैं. उन्होंने 31 मई को ये वीडियो क्लिप शेयर करते हुए लिखा, “मुंब्रा के 100 सिंधी कुत्ते 🐕 मुंबई के माफिया ने पूरे सिंधी समाज का अपमान किया. इनके खिलाफ FIR की जनि चाहिए. ये जितेंद्र अहवाड का राहुल गांधी मोदी समाज जैसा पल है.” इस ट्वीट को 80 हज़ार से ज़्यादा बार देखा गया है और इसे 500 से ज़्यादा बार रीट्वीट किया गया है. (आर्काइव)

@khadaksingh_ नामक एक अन्य ट्विटर ब्लू यूज़र ने भी इस क्लिप को मराठी कैप्शन के साथ शेयर किया जिसमें कहा गया है: “सिंधी समुदाय का अपमान करने के लिए जितेंद्र अवध के खिलाफ सार्वजनिक विरोध.” (आर्काइव)

कई अन्य यूज़र्स ने इसी क्लिप को सोशल मीडिया पर इन्हीं दावों के साथ शेयर किया. ऐसे कुछ पोस्ट नीचे देखे जा सकते हैं.

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इसके अलावा, एक स्थानीय होटल व्यवसायी के बयान के आधार पर ठाणे पुलिस ने जितेंद्र आव्हाड के खिलाफ एक FIR भी दर्ज़ की थी. ये FIR IPC की धारा 153A (धर्म, जाति, आदि के आधार पर अलग-अलग समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 153B, 295A (नागरिकों के किसी भी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को जानबूझकर ठेस पहुंचाना) और 298 (जानबूझकर किसी व्यक्ति की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का इरादा) के तहत दर्ज़ की गई थी.

न्यूज़ एजेंसी ANI ने न्यूज़ अपडेट ट्वीट करते हुए कहा, “महाराष्ट्र | सिंधी समुदाय के खिलाफ टिप्पणी को लेकर NCP नेता जितेंद्र आव्हाड के खिलाफ हिल लाइन पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज़ की गई है. IPC की धारा 153A, 153B, 295A और 298 को FIR में शामिल किया गया है: ठाणे पुलिस. (आर्काइव)

फ़ैक्ट-चेक

की-वर्ड्स से सर्च करने पर हमें एक मराठी न्यूज़ चैनल साम टीवी द्वारा यूट्यूब पर अपलोड किए गए वीडियो का एक लंबा वर्जन मिला. इसमें क्या कहा जा रहा है ये समझने के लिए हमने ऑडियो को धीमा कर दिया. ये साफ पता चलता है कि उन्होंने इस क्लिप में सिंधी समुदाय का कोई ज़िक्र नहीं किया है. जितेंद्र आव्हाड को “जंगली कुत्ते” कहते हुए सुना जा सकता है और वायरल दावों में ‘जंगली’ शब्द को ‘सिंधी’ के रूप में ग़लत तरीके से पेश किया गया है.

हमने ये भी देखा कि जितेंद्र आव्हाड ने खुद 1 जून को एक वीडियो कोलाज ट्वीट किया था जिसमें दो क्लिप थे. वायरल क्लिप का टाइटल था ‘एडिटेड वीडियो’ और दूसरी क्लिप का टाइटल था ‘ओरिजनल वीडियो.’

कैप्शन में कहा गया है, “सिंधी समाज के एक बदमाश ने मे सिर्फ उल्हासनगर मे जाकर मेरे पक्ष के नेता श्री. पप्पु कलानीजी से बात करता हूं और उनकी तारीफदारी करता हूं इसलिए मुझे बदनाम करने के लिए मेरे भाषण का मॉर्फ वीडियो बनाकर पुरे सिंधी समाज मे घुमाया. मैं अब ओरिजिनल वीडियो अपलोड कर रहा हूं. दो दिन तक गलत वीडियो चलाकर सिंधी समाज का माथा भडकानेवाला कौन है ? वो आप मेरे से ज्यादा जानते हो. ये कांड उल्हासनगर मे हुआ है. मेरेपर झूठा FIR भी बनाया गया. अब मै शासन से पूछना चाहता हूं, की मॉर्फ़ वीडियो सामने आ गया है और ओरिजिनल वीडियो भी सामने आ गया है. अब केस किसके उपर बनेगी.….”(आर्काइव)

ट्विटर यूज़र @niiravmodi ने एक अलग एंगल से लिए गए इसी क्लिप को शेयर किया और इसमें भी राजनेता को साफ तौर पर “जंगली कुत्ते” कहते हुए सुना जा सकता है.

हमने इस बारे में जानने के लिए जितेंद्र आव्हाड से संपर्क किया. उन्होंने कहा, “भाषण में मैंने ‘जंगली कुत्ते’ कहा था, जिसे किसी ने कंप्रेस कर ऑडियो को इस तरह बनाया है जैसे मैं सिंधी समुदाय की बात कर रहा हूं, जबकि मैंने ऐसा नहीं कहा था.”

1 जून को जितेंद्र आव्हाड ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ठाणे डिवीजन से एक ऑफ़िशियल लेटर शेयर किया, जिसमें पुलिस से उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया, जिन्होंने एडिटेड वीडियो को झूठे दावे के साथ शेयर किए हैं. (आर्काइव)

कुल मिलाकर, ग़लत दावे के साथ ये वीडियो शेयर किया जा रहा है कि NCP नेता जितेंद्र आव्हाड ने अपने उल्हासनगर भाषण में सिंधी समुदाय के प्रति अपमानजनक टिप्पणी की. उन्होंने ‘जंगली कुत्ते’ शब्द का इस्तेमाल किया था जिसे कुछ सोशल मीडिया यूज़र्स द्वारा ग़लत तरीके से पेश किया गया.

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