सोशल मीडिया पर एक वीडियो खूब शेयर किया जा रहा है जिसमें रेलवे के कुछ स्टाफ़ एक नाबालिग लड़के को डांट रहे हैं. दावा किया जा रहा है कि वीडियो कर्नाटक का है और ये हाल ही की घटना है. वहीं कुछ लोगों का कहना है कि ट्रेन को पटरी से उतारने के लिए मुस्लिम समुदाय के लोग बच्चों का इस्तेमाल कर रहे थे.
अक्सर ग़लत जानकारी शेयर करने वाले अरुण पुदुर (@arunpudur) ने 5 जून को ये वीडियो शेयर किया. उन्होंने लिखा, “शॉकिंग: एक और #ट्रेन दुर्घटना टाली गई. #कर्नाटक में इस बार एक कम उम्र का लड़का रेलवे ट्रैक में तोड़फोड़ करते पकड़ा गया. हमारे पास हजारों किलोमीटर की रेल पटरियां हैं और वयस्कों को तो भूल ही जाइए, अब तो बच्चों को भी तोड़-फोड़ और मौत के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है. ये एक गंभीर मसला है.” उन्होंने रेलवे मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव को टैग किया. इस ट्वीट को 6 लाख से ज्यादा व्यूज़ मिले हैं और इसे 4 हज़ार से ज़्यादा बार रीट्वीट किया गया है. (आर्काइव)
⚠️ Shocking: Another #TrainAccident Averted.
An underage boy was caught sabotaging the railway Track this time in #Karnataka.
We have tens of thousands of Kms of railway tracks and forget adults now even kids are being used for sabotaging and causing deaths.
This is a serious… pic.twitter.com/URe9zW4NgG
— Arun Pudur (@arunpudur) June 5, 2023
@SubbaRaoTN नामक एक यूज़र ने एक ट्विटर थ्रेड में ये वीडियो शेयर किया. पहले ट्वीट में लिखा था: “ये वीडियो कर्नाटक का है… जिहादियों द्वारा ऐसे बच्चों का इस्तेमाल पटरी से उतारने के लिए किया जा रहा है…। #ट्रेनएक्सीडेंट #ट्रेनट्रेजेडी.” इस ट्वीट को 300 से ज़्यादा बार रीट्वीट किया गया है. (आर्काइव)
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This video is from Karnataka… Such kids are being used by the Jihadis to cause derailment….#TrainAccident #TrainTragedy pic.twitter.com/nBSqfjKobM
— Subba Rao🇮🇳🇮🇳🚩🕉️ (@SubbaRaoTN) June 5, 2023
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद कुछ न्यूज़ आउटलेट्स ने भी बिना किसी संदर्भ के के इस मामले पर रिपोर्ट किया. हमें टाइम्स नाउ, अमर उजाला, एशियानेट न्यूज़, वन इंडिया, ओडिशा टीवी.इन, न्यूज़ कर्नाटका, और संबद इंग्लिश की रिपोर्ट मिलीं जिन्होंने वायरल वीडियो के आधार पर रिपोर्ट पब्लिश की थीं. डेक्कन न्यूज़ ने भी वीडियो के बारे में ट्वीट किया. (आर्काइव 1, 2, 3, 4)
enbee007, @maheshyagyasain, @Lawyer_Kalpana, @ZenralBazwa, @ByRakeshSimha और @Goan_Senorita सहित कई अन्य यूज़र्स और पेज ने ये वीडियो इन्हीं दावों के साथ शेयर किया.
𝑰 𝑨𝒎 𝑲𝒆𝒔𝒂𝒓𝒊𝒚𝒂 (@Kesariya_Meenu) नामक यूज़र ने ऋषि बागरी के ट्वीट को कोट-ट्वीट करते हुए लिखा: “भयानक. क्या ये रोहिंग्या हैं?? (आर्काइव)
Horrible
Are these Rohingiyas ,??🤨🤨🤔🤔Before any untoward happens, please pay attention, take action and take this matter seriously who is hatching such a deep conspiracy against the country.@AshwiniVaishnaw @RailMinIndia @HMOIndia @AmitShah @narendramodi @PMOIndia… https://t.co/y3D0uES6xj pic.twitter.com/Y58pONSIQt
— 🇺🇸 𝑰 𝑨𝒎 𝑲𝒆𝒔𝒂𝒓𝒊𝒚𝒂 🇮🇳 (@Kesariya_Meenu) June 5, 2023
फ़ैक्ट-चेक
InVid सॉफ्टवेयर की मदद से हमने वीडियो से कई की-फ्रेम्स लिए और उनमें से कुछ का रिवर्स इमेज सर्च किया. हमें 12 मई, 2018 का एक फ़ेसबुक पोस्ट मिला इसमें यही वीडियो था जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इससे पता चलता है कि वीडियो अभी का नहीं बल्कि करीब पांच साल पुराना है.
इसके अलावा, वायरल पोस्ट को ध्यान में रखकर और ये देखते हुए कि वीडियो में लोग आपस में कन्नड़ में बात कर रहे थे. हमने इस मामले पर ज़्यादा जानकारी के लिए रायचूर रेलवे के सर्किल इंस्पेक्टर रवि कुमार से संपर्क किया.
उन्होंने कहा, “ये वीडियो 2018 का है. पास की झुग्गियों के बच्चे ट्रैक के पास पत्थर रखकर खेल रहे थे.” उन्होंने कहा कि वीडियो सांप्रदायिक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है लेकिन बच्चों का ट्रेन को नुकसान पहुंचाने का कोई इरादा नहीं था. रवि कुमार ने ऑल्ट न्यूज़ को बताया कि वहां मौजूद ट्रैकमैन ने लड़कों को डांटा और बिना मामला दर्ज किए उन्हें जाने दिया.
रवि कुमार ने हमें ये भी बताया कि ये घटना कलबुर्गी मुख्य स्टेशन से लगभग 2 किलोमीटर दूर हिरेनंदुरु की ओर हुई थी. हमें उनसे ये भी पता चला कि खेल रहे बच्चों को पकड़ने वाले ट्रैकमैन गोपाल, राजकुमार और राजू थे.
कुल मिलाकर, ये दावा बिल्कुल झूठा है कि घटना में सांप्रदायिक ऐंगल है या रेल की पटरी को जानबूझ कर तोड़ने की कोशिश की जा रही थी.
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