“जब पानी में से बिजली निकल जाएगी और पानी खेतों में जाएगा आपके खेतों में जाएगा, तो पानी में से बिजली निकल जाएगी तो ताकत ही निकल जाएगी। फिर खेतों में पानी काम क्या आएगा।” AICC के महासचिव और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को सोशल मीडिया पर इस बयान के लिए जबरदस्त तरीके से ट्रोल किया जा रहा है। बताया जा रहा कि उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह टिप्पणी की थी। एक 16 सेकंड का क्लिप ट्विटर पर व्यापक रूप से फ़ैल रहा है जिसमें गहलोत को ये कहते हुए सुना जा सकता है। जिन लोगों ने इसे शेयर किया है उनमें संबित पात्रा भी हैं जो भाजपा के प्रवक्ता हैं।
Friends I received this video!
Is it authentic??
Is this the way the Congress misguided our Farmers??
Pls enlighten!!
अशोक गहलोत का विज्ञान – पानी मे से बिजली पैदा करके खेतो में भेजेंगे तो प… https://t.co/cLPCawUXiz via @YouTube— Sambit Patra (@sambitswaraj) June 5, 2018
This is proof that stupidity indeed is contagious pic.twitter.com/ief8bU9Fee
— Rishi Bagree 🇮🇳 (@rishibagree) June 5, 2018
अखिलेश मिश्रा जो MyGoV के पूर्व निदेशक हैं उन्होंने भी इसे शेयर किया था जिसे बाद में डिलीट कर लिया गया। इस छोटे से वीडियो को कई ऐसे यूजर्स ने शेयर किया है जिसे प्रधानमंत्री मोदी ट्विटर पर फॉलो करते हैं।
कुछ ही समय में #ScientistGehlot ट्विटर पर शीर्ष ट्रेंड में से एक में शामिल हो गया। इस हैशटैग के साथ भाजपा और प्रधानमंत्री के समर्थक ट्वीट करके इसे टॉप लिस्ट में पहुंचा दिया।
गहलोत द्वारा कथित रूप से किया गया यह बयान फेसबुक पर भी फैल गया। इस वीडियो क्लिप को गहलोत और कांग्रेस पार्टी का उपहास करते हुए कई यूजर्स और कई ऐसे पेजों ने पोस्ट किया है जो सिर्फ भाजपा के समर्थन में पोस्ट करते हैं। PMO India:Report card पेज ने भी इस विडियो को शेयर किया था जिसे अब डिलीट कर दिया गया है।
पानी में से बिजली निकल जाएगी, तो उसकी ताकत ख़त्म हो जाती है : अशोक गहलोत
अब राहुल गांधी के पार्टी के एक और महापुरुष को सुनें: पानी में से बिजली निकल जाएगी, तो उसकी ताकत ख़त्म हो जाती है : अशोक गहलोत
Posted by India First on Tuesday, 5 June 2018
गलत तरीके से सम्पादित किया गया विडियो सोशल मीडिया पर फैलाया गया
क्या अशोक गहलोत ने ये शब्द कहे थे? दरअसल उन्होंने ऐसा कहा जैसा कि वीडियो में देखा जा सकता है। लेकिन क्या उनके कहने का मतलब ये था? इसका संदर्भ क्या था जिसमें उन्होंने ऐसा कहा था? ऑल्ट न्यूज़ ने गहलोत के बयान के बारे में इस वायरल दावे की जांच की और पाया कि यह छोटा सा विडियो क्लिप लंबे वीडियो का एक छोटा हिस्सा है। इस वीडियो का एक लंबा संस्करण है जो उनके संदर्भ को समझाता है। यह विडियो नीचे पोस्ट किया गया है।
26 मई को कांग्रेस पार्टी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी, यह उसी का विडियो है। जैसा कि वीडियो को देखते हुए यह स्पष्ट हो जाता है कि गहलोत बीजेपी के मूल संगठन जनसंघ का जिक्र कर रहे हैं। गहलोत के अनुसार जब वह छोटे थे तो उन्होंने देखा था कि कैसे जनसंघ के कार्यकर्ता भाखड़ा बांध के बारे में गलत जानकारी फैला रहे थे कि पानी से बिजली निकाल देने से पानी बेकार हो जाएगा। इस बांध का उद्घाटन पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने किया था। गहलोत ने कहा, “मुझे याद है बचपन में जब जनसंघ हुआ करता था ये लोग, भाखरा डैम बना था। ये जनसंघ वाले घूम-घूम कर प्रचार करते थे कि पंडित नेहरु का दिमाग ख़राब हुआ है, ये बांध बना रहा है, उसमें बिजली घर बनाएगा और जब पानी में से बिजली निकल जाएगी पानी खेतों में जाएगा आपके खेतों में जाएगा तो पानी में बिजली निकल जाएगी तो ताकत ही ख़त्म ही जाएगी तो आपके खेतों में पानी काम क्या आएगा। ये वो लोग है जनसंघ वाले। तो ये जो इनकी संस्कृति संस्कार जो बने हैं मोदी जी के और उनकी पार्टी के उस रूप में बने हुए हैं।”
अशोक गहलोत ने 26 मई को अपने आधिकारिक फेसबुक पेज से इस प्रेस कॉन्फ्रेंस का वीडियो भी पोस्ट किया था।
देश में करीब 6 लाख गांव हैं, यदि 18 हजार गांवों में मोदी जी ने बिजली पहुंचाई तो फिर 5 लाख 82 हजार गांवों में बिजली किसने पहुंचाई? मोदी जी झूठ बोलने की हदें पार कर चुके हैं।
Posted by Ashok Gehlot on Saturday, 26 May 2018
हालांकि, गहलोत ने पहली बार यह दावा नहीं किया है। यूट्यूब पर गुजरात कांग्रेस द्वारा पोस्ट किए गए एक वीडियो में यह देखा जा सकता है कि गहलोत ने दिसंबर 2012 को इसी तरह का एक बयान दिया था।
गलत रूप से सम्पादित किया गया विडियो जो मूल अर्थ को बदल देता है जिससे शब्दों का सन्दर्भ पूरी तरह से बदल जाता है, यह कार्य फर्जी खबर चलाने वालों की पुरानी रणनीति है। इससे पहले, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के (‘आलू की फैक्ट्री‘) बयान को इसी तरह गलत तरीके से एडिट कर फैलाया गया था। एक अन्य उदाहरण में पत्रकार रविश कुमार को बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने लक्षित करते हुए झूठे दावे के साथ एक संपादित क्लिप शेयर किया था।
बाद में अशोक गहलोत ने ट्वीट करते हुए स्पस्ट किया कि वायरल विडियो असली विडियो से लिया गया सम्पादित क्लिप था।
ये इनकी असलियत है और इनकी फितरत में है कि मुझ जैसे साधारण इंसान को भी #ScientistGehlot का दर्जा दे देते हैं।
This is the original, which was edited.. pic.twitter.com/KGygG7RPMn— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) June 5, 2018
जिस तरीके से इस संपादित वीडियो को शेयर किया गया और जिस गति से यह सोशल मीडिया पर फैल गया, यह दर्शाता है कि कई सोशल मीडिया यूजर्स ने इसे सच मान लिया। इसका एक कारण यह हो सकता है कि जब सोशल मीडिया पर कोई खबर या विडियो वायरल होता है तो एक सामान्य यूजर को बार-बार एक ही विडियो या मेसेज फेसबुक और व्हात्सप्प के माध्यम से मिलता है, जिससे उन्हें उस खबर पर संदेह करने का मौका भी नहीं मिलता। इस तरह के प्रचार को कुछ ही समय में सोशल मीडिया पर फैलने में देर नहीं लगती।
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