दिसंबर के आखिरी हफ़्ते में उडुपी के एक सरकारी पीयू कॉलेज फ़ॉर गर्ल्स की 6 छात्राओं को हिजाब पहनकर क्लास में नहीं घुसने दिया गया था. कई दिनों के विरोध के बाद 7 जनवरी को छात्राओं को कॉलेज में प्रवेश करने की अनुमति दी गई. लेकिन उन्हें क्लास लेने से मना कर दिया गया और एक अलग क्लास में बैठाया गया. इस भेदभाव के बाद विरोध जल्द ही राज्य के अन्य ज़िलों में भी होने लगा.

हिजाब को लेकर चल रहे विवाद के बीच मंगलवार को शिवमोगा ज़िले में हिंसा भड़क गई. गवर्नमेंट फ़र्स्ट ग्रेड कॉलेज (GFGC) में भगवा शॉल पहने कुछ छात्रों ने फ्लैगपोस्ट पर भगवा झंडा फहराया. इस दौरान, पथराव और साथ ही धारा 144 लागू करने की ख़बरें भी आयी थीं.

कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने दावा किया कि ‘भाजपा के जुड़े राष्ट्र विरोधी तत्वों’ ने भारत के राष्ट्रीय झंडे को भगवा झंडे से बदल दिया.

इंडिया टुडे ने रिपोर्ट किया, “कर्नाटक हिजाब रॉ: शिवमोगा में छात्र ने तिरंगे को भगवा झंडे से बदल दिया”. लेकिन बाद में एक एक आर्टिकल पब्लिश करते हुए मीडिया संगठन ने कहा कि फ्लैगपोस्ट खाली था.

हिंदुस्तान ने भी ऐसी ही ख़बर पब्लिश की.

कई ट्विटर और फ़ेसबुक यूज़र्स ने इसी तरह के दावे किए. सोशल मीडिया मॉनिटरिंग टूल क्राउडटेंगल का इस्तेमाल करके हमने देखा कि ये दावा कई हाई नेटवर्क फ़ेसबुक पेज ने किया है. इनमें महुआ मोइत्रा फ़ैन्स [4 लाख से ज़्यादा फ़ॉलोअर्स], द लॉजिकल इंडियन सिटीजन [1 लाख से ज़्यादा फ़ॉलोअर्स] और बीफ़ जनता पार्टी [3 लाख से ज़्यादा फ़ॉलोअर्स ] शामिल हैं. इस PDF में इस तरह के और पेजों का डॉक्यूमेंटेशन किया गया है.

वीडियो वेरिफ़िकेशन

यहां ध्यान दिया जाना चाहिए कि घटना के वायरल वीडियो में छात्र को राष्ट्रीय झंडे को हटाते हुए नहीं देखा जा सकता है. (पहला लिंक, दूसरा लिंक) ये वीडियो तब शूट किया गया था जब छात्र फ्लैगपोस्ट पर चढ़ गया था और भगवा झंडा फ़हराने जा रहा था. इस बात से ही इस दावे पर शक होता है कि क्या राष्ट्रीय झंडे को सच में वहां से हटाया गया था? क्योंकि वीडियो में इस बात का कोई सबूत नहीं है.

शिवमोगा से हिंसा की रिपोर्ट कर रहे ANI के संवाददाता उदय कुमार ने ऑल्ट न्यूज़ को बताया कि एक खाली फ्लैगपोस्ट पर भगवा झंडा फहराया गया था.

ऑल्ट न्यूज़ ने शिवमोगा के एक दूसरे रिपोर्टर से बात की जो घटना के समय GFGC परिसर में मौजूद थे. रिपोर्टर ने नाम पब्लिक नहीं करने की शर्त पर बताया कि भगवा झंडा सुबह करीब 10 बजकर 15 मिनट पर लगाया गया था और बाद में हटा दिया गया. उन्होंने ये भी कहा कि भगवा झंडा फहराने से पहले फ्लैगपोस्ट खाली था.

इसके बाद हमने GFGC के प्रिंसिपल धनंजय बीआर से बात की. उन्होंने बताया, “राष्ट्रीय झंडा 26 जनवरी को ही फ्लैगपोस्ट से हटा दिया गया था और प्रोटोकॉल के अनुसार, एक बॉक्स में रखा गया था. इसके बाद से, राष्ट्रीय झंडे को नहीं फहराया गया.”

टाइम्स नाउ के प्रमुख संवाददाता दीपक बोपन्ना ने धनंजय बीआर के हवाले से ट्वीट किया कि गणतंत्र दिवस के बाद भारतीय झंडे को उतार लिया गया था.

ANI को दिए एक बयान में शिवमोगा के एसपी बीएम लक्ष्मी प्रसाद ने सोशल मीडिया के दावों को ग़लत बताते हुए कहा कि एक खाली फ्लैगपोस्ट पर भगवा झंडा लगाया गया था.

ऑल्ट न्यूज़ को कॉलेज का एक दूसरा वीडियो भी मिला. नीचे दिया गया वीडियो भगवा झंडा फहराने से कुछ मिनट पहले शूट किया गया था. इस वीडियो में फ्लैगपोस्ट साफ तौर पर से खाली दिख रहा है. कैमरे के पीछे एक व्यक्ति को ये कहते हुए सुना जा सकता है कि पुलिस भीड़ को भगवा झंडा लाने से नहीं रोक रही है.

पूरे कर्नाटक के कॉलेजों में हिजाब पहनने वाली महिला मुस्लिम छात्रों के साथ भेदभाव की कई खबरें आई हैं. छात्रों को बिना वज़ह दक्षिणपंथी समूहों से जुड़े हिंदू छात्रों द्वारा आक्रामकता का भी सामना करना पड़ा. जय श्री राम के नारों के बीच मुस्लिम छात्राओं के साथ हाथापाई की ख़बरें और वीडियो भी सामने आये हैं. लेकिन ये दावा ग़लत है कि भगवा शॉल पहने छात्रों की भीड़ ने शिवमोगा के एक कॉलेज में राष्ट्रीय झंडे को हटा कर भगवा झंडा लगाया. भगवा झंडा लगाने से पहले फ्लैगपोस्ट खाली था.

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🙏 Blessed to have worked as a fact-checking journalist from November 2019 to February 2023.