शिक्षा निदेशालय द्वारा कक्षा 1 से 12 तक के अल्पसंख्यक छात्रों की ट्यूशन फ़ीस वापसी के संबंध में जारी एक निर्देश सोशल मीडिया पर वायरल है. कहा जा रहा है कि दिल्ली में केजरीवाल के नेतृत्व वाली आप सरकार ऐसी नीतियों के माध्यम से मुसलमानों को खुश करने की कोशिश कर रही है. आरोप है कि ये आदेश सिर्फ मुसलमानों पर लागू है.

बीजेपी दिल्ली के प्रवक्ता और मीडिया प्रभारी हरीश खुराना ने इस सर्कुलर का स्क्रीनशॉट ट्वीट करते हुए कहा कि केजरीवाल पर मुस्लिम तुष्टीकरण में शामिल होने का आरोप लगाना ग़लत नहीं है क्योंकि शिक्षा निदेशालय का ये फ़रमान इसका उदाहरण है.

बीजेपी के एक अन्य प्रवक्ता विक्रम बिधूड़ी ने इस सर्कुलर का एक स्क्रीनशॉट ट्वीट करते हुए पूछा कि क्या हिंदू होना अपराध है. उन्होंने आगे आरोप लगाया कि मौलवियों के वेतन के बाद, केजरीवाल सरकार निजी स्कूलों में पढ़ने वाले मुस्लिम बच्चों की दो साल की फ़ीस वापस कर देगी.

फ़ेसबुक पर, भाजपा कार्यकर्ता रविंदर सिंह नेगी इसे “तुगलकी” आदेश बताते हुए शेयर किया.

फ़ैक्ट-चेक

एक की-वर्ड्स सर्च से हमें शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर इस आदेश की एक कॉपी मिली. आदेश में कहीं भी ये नहीं कहा गया है कि ट्यूशन फ़ीस की वापसी सिर्फ मुस्लिम अल्पसंख्यक छात्रों के लिए लागू की गई है.

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अलग-अलग न्यूज़ रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली सरकार ने सभी प्राइवेट स्कूलों के अल्पसंख्यक छात्रों की ट्यूशन फ़ीस वापस करने के निर्देश जारी किए हैं. दिल्ली शिक्षा निदेशालय ने अपने निर्देश में शिक्षा अधिकारियों को अल्पसंख्यक छात्रों के लिए साल 2020-21 और 2021-22 की ट्यूशन फ़ीस रिफ़ंड प्रक्रिया को पूरा करके सुनिश्चित करने को कहा है. किसी भी न्यूज़ रिपोर्ट में ये ज़िक्र नहीं किया गया है कि ये पॉलिसी सिर्फ एक विशेष धर्म के छात्रों पर लागू होती है.

दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग की वेबसाइट के अनुसार, “दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग की स्थापना दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम, 1999 के तहत दिल्ली विधान सभा द्वारा 24.12.99 को पारित की गई थी. अधिनियम के अनुसार अधिसूचित अल्पसंख्यक समुदाय मुस्लिम, ईसाई, सिख, बौद्ध और पारसी हैं.” जाहिर है कि फ़ीस की वापसी राष्ट्रीय राजधानी में मौजूद इन सभी अल्पसंख्यक समूहों पर लागू है.

हमने देखा कि इस योजना के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया भी है. SC/ST कल्याण की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, 2 लाख रुपये प्रति वर्ष से कम की पारिवारिक आय वाले छात्र, फ़ीस की वापसी के लिए आवेदन कर सकते हैं. ये SC/ST/OBC/अल्पसंख्यकों पर लागू है. अन्य डिटेल में SC, ST, OBC और अल्पसंख्यक समुदायों से आने वाले कक्षा 1 से 5 तक के छात्र ट्यूशन फ़ीस और अन्य अनिवार्य शुल्क की वापसी के लिए योग्य हैं. इन छात्रों के अंक मायने नहीं रखेंगे, लेकिन कक्षा 6 से 12 तक के छात्रों के मामले में, ट्यूशन और अन्य अनिवार्य शुल्क सिर्फ उन छात्रों को वापस किया जाएगा, जिन्होंने पिछली कक्षा में 50% या उससे अधिक अंक प्राप्त किए हैं और उनकी उपस्थिति 80% से कम नहीं है.

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कुल मिलाकर, ट्यूशन फ़ीस की वापसी दिल्ली में कक्षा 1 से 12 तक के सभी मान्यता प्राप्त अल्पसंख्यक छात्रों के लिए लागू है न कि सिर्फ मुसलमानों के लिए.

 

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