उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में HDFC शाखा में नमाज़ के बाद इफ़्तार की तस्वीरें फ़ेसबुक पर सांप्रदायिक ऐंगल के साथ शेयर की गयीं. ये इफ़्तार रमज़ान के महीने के दौरान 24 अप्रैल, 2022 के आसपास बैंक परिसर में रखी गयीं थी.
वायरल तस्वीरों को इस कैप्शन के साथ शेयर किया गया था: “ये फ़ोटो किसी मस्जिद की नहीं, बल्कि एक बैंक की हैं. ये फ़ोटो बाराबंकी ज़िले के HDFC बैंक की है. यहां बैंक ब्रांच में प्रतिदिन रोजा, इफ़्तार और नमाज़ हो रही है. और बैंक ब्रांचों में ये कई वर्षों से किया जा रहा है. “सेकुलरिज्म” के इस ढकोसले का विरोध करना आवश्यक है.”
बीजेपी समर्थक प्रोपगंडा आउटलेट ऑपइंडिया ने इस घटना की रिपोर्ट करते हुए कहा कि “सिर्फ मुस्लिम कस्टमर्स” को इफ़्तार में बुलाया गया था. ये भी दावा किया गया कि सपा नेता ओसामा अंसारी ने इस अवसर पर अपनी मौजूदगी दर्ज कराई थी. इस घटना ने हिंदू राष्ट्रवादी संगठन बजरंग दल के सदस्यों को परेशान कर दिया. अवध प्रांत के संगठन के संयोजक सुनील सिंह के कथित बयान को ऑपइंडिया के आर्टिकल में कोट किया गया है, “आज उन्होंने एक बैंक में नमाज़ अदा की है. कल वे कहीं और नमाज़ पढ़ेंगे. प्रशासन को इनके खिलाफ़ कार्रवाई करनी चाहिए.”
फ़ैक्ट-चेक
ऑल्ट न्यूज़ ने हिंदी में की-वर्ड्स सर्च किया. हमें इस बारे में कई रिपोर्ट्स मिलीं जहां इस घटना को “हिंदू-मुस्लिम” एकता का एक बेहतरीन उदाहरण बताया गया था.
हमें यूट्यूब पर एक वीडियो रिपोर्ट भी मिली जिसमें इस घटना की अधिक जानकारी दी गई थी.
इफ़्तार पार्टी के आयोजन के पीछे बैंक के तर्क को समझने के लिए और ये साबित करने के लिए कि बैंक परिसर में हिंदू त्योहार भी मनाए जाते हैं, इस वीडियो रिपोर्ट के टाइम-स्टैम्प के साथ नीचे दिए गए कुछ बयान सुनने ज़रूरी हैं:
6 मिनट के एक वीडियो में 1 मिनट 35 सेकेंड बैंक शाखा के उप प्रबंधक को ये कहते हुए सुना जा सकता है, आज जितने भी हमारे सम्मानित ग्राहक थे चाहे वो हिन्दू-मुस्लिम भाई हो हमारे सब लोग यहां पर आए. बहुत अच्छा लगा.” ये बयान सीधे तौर पर ऑपइंडिया के आर्टिकल में किए गए उस निराधार दावे को ख़ारिज करता है कि सिर्फ मुस्लिम ग्राहकों को इफ़्तार में बुलाया गया था.
आगे 1 मिनट 50 सेकेंड पर सपा नेता ओसामा अंसारी को ये कहते हुए सुना जा सकता है, “आज कल के माहौल के हिसाब से बैंक में जो रोज़ा इफ़्तार कराया गया इससे बहुत अच्छा संदेश जाता है. क्योंकि यहां काम करने वाले जो स्टाफ़ हैं वो सभी धर्मों के लोग हैं और सभी ने हम लोगों के लिए जो रोजा इफ़्तार कराया है वो बहुत अच्छा कार्य है. समाज में एक अच्छा मेसेज जाएगा और इस तरह के काम करने से या इस तरह के प्रोग्राम करने से लोगों के बीच की दूरियां कम होगी और पूरे देश में एक हिन्दू-मुस्लिम भाईचारे का एक संदेश जाएगा.”
2 मिनट 21 सेकेंड पर रिपोर्टर सपा नेता से ये सवाल पूछता है, “इससे पहले भी यहां होली में इस तरह के प्रोग्राम रखे गए हैं”? उन्होंने इस पर जवाब दिया, “जी हाँ, यहां इससे पहले होली में भी होली मिलन समारोह भी हुआ है, और भी कुछ फ़ेस्टिवल हुए हैं उसमें बुलाया गया सभी लोगों को, तो मेरे ख्याल से ये HDFC से हमलोग करीब 15 साल से जुड़े हुए हैं यहां प्रोग्राम होता रहता है और सभी धर्मों के होते रहते हैं.”
इसी वीडियो रिपोर्ट में 3 मिनट 24 सेकेंड पर बैंक क्लस्टर हेड को ये कहते हुए सुना जा सकता है, “इस तरह की प्रोग्राम का आयोजन करना एक अच्छा तरीका है अपने कस्टमर्स से कनेक्ट का.” 3 मिनट 35 सेकेंड पर वे कहते हैं, “हम हर तरह के त्योहार मनाते हैं जैसे हनुमान जयंती भी, होली, दिवाली भी… हर त्योहार मनाते है यहां बैंकर के तौर पर.”
3 मिनट 48 सेकेंड पर बैंक के प्रबंधक, ज़हीर अब्बास को ये कहते हुए सुना जा सकता है, “हमारे बैंक का ऑब्जेक्टिव रहता है हमेशा. वो ये है कि जो हमारे बैंक के कस्टमर्स हैं और जो हमारे नागरिक हैं उन्हें हमें सबको जोड़ के इकट्ठा ले के चलना है.” 4 मिनट 1 सेकेंड पर प्रबंधक कहते हैं, “हमारी एक फ़िलॉसफ़ी है कि हम हमारे कस्टमर्स के साथ कनेक्ट में रहते हैं, लगातार कनेक्टेड रहते हैं, क्योंकि तभी वो कस्टमर हमारे साथ सेफ़ फ़ील करेगा, और बैंकिंग करेगा, क्योंकि बैंकिंग का नाम है विश्वास.” 4 मिनट 42 सेकंड पर प्रबंधक आगे बताते हैं, “सर, ये हम हमेशा करते हैं, इस तरह के प्रोग्राम.. अभी तो, कोरोना की वजह से हम रुके हुए थे.. हमलोग इंडस्ट्रीज की मीट करते हैं..हमलोग कुछ ऐसे गेट टूगेदर करते हैं जहां पर लोगों को लोन तुरंत सेंक्सन करते हैं…”
वीडियो रिपोर्ट के इन हिस्सों से ये साफ है कि बैंक द्वारा आयोजित इफ़्तार कस्टमर्स से जुड़ने के एक व्यावसायिक निर्णय पर आधारित था और इसका संबंध धार्मिक पहचान के आधार पर किसी भी विशेष समुदाय से नहीं है.
इनके अलावा, हमें दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट भी मिली जिसमें HDFC, बाराबंकी में मनाए जा रहे होली और दिवाली जैसे अन्य धार्मिक त्योहारों के वीडियो और तस्वीरें शेयर की गई हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है कि बैंक परिसर के अंदर आयोजित इफ़्तार पार्टी ने बजरंग दल के सदस्यों को नाराज़ कर दिया जिन्होंने मामले की जांच की मांग की. उन्होंने इफ़्तार के आयोजन में शामिल लोगों की जांच के लिए कड़े कदम नहीं उठाए जाने की स्थिति में बैंक परिसर के अंदर जबरदस्ती हनुमान चालीसा पढ़ने की धमकी भी दी.
जागरण द्वारा पब्लिश इस रिपोर्ट के अनुसार, नवाबगंज के उप ज़िलाधिकारी सुमित यादव ने कहा, ”ऐसे वीडियो के वायरल होने की जानकारी मिली है. इसकी जांच कराई जाएगी. बैंकिंग नियमों का उल्लंघन पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी.”
ऑल्ट न्यूज़ ने बाराबंकी में एक वरिष्ठ बैंक अधिकारी (प्रशासन) से भी संपर्क किया, जिन्होंने नाम न छापने की रिक्वेस्ट करते हुए कहा, “मैं कंफ़र्म बता सकता हूं कि बैंक में अन्य धार्मिक समारोह आयोजित किए जाते हैं और सभी धर्मों के कस्टमर्स को भाग लेने के लिए बुलाया जाता है.”
कुल मिलाकर, HDFC बाराबंकी ने सभी धर्म के कस्टमर्स से जुड़े रहने के लिए एक इफ़्तार पार्टी का आयोजन किया था. पक्षपात दिखाने के लिए इस घटना को राजनीतिक साथ ही सांप्रदायिक ऐंगल देने की कोशिश की गयी.
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