सोशल मीडिया में वायरल संदेश में यह दावा किया गया है कि श्रीलंका में मुस्लिम समुदाय के लोग खुद पुरे देश भर की मस्जिद तोड़ रहे हैं और हिन्दू धर्म अपना रहे हैं। संदेश के मुताबिक, “श्री लंका में मुसलमान अपने ही हाथो से तोड़ रहे हैं मस्जिद और अपना रहे हैं हिन्दू धर्म. मुस्लिम बोलते हैं कि हमें अब इस्लाम धर्म की घिनौनी और नफ़रत से भरी असलियत समझ आ गयी”।
इस दावे के साथ दो तस्वीरों को साझा किया जा रहा है, जिसमें कुछ लोगों ने सामुदायिक टोपी पहन रखी है और वे किसी ईमारत को तोड़ रहे हैं।
इसे ट्विटर पर कुछ व्यक्तिगत उपयोगकर्ताओं द्वारा भी साझा किया गया है।
तथ्य जांच
मस्जिद को क्यों गिराया गया?
तस्वीर को रिवर्स इमेज सर्च करने से हमें श्रीलंका की एक न्यूज़ वेबसाइट डेली मिरर का 29 मई, 2019 को प्रकाशित एक लेख मिला।
रिपोर्ट के मुताबिक,“राष्ट्रीय तौहीद जमात द्वारा उपयोग में ली गई मस्जिद को कल वहां (Madatugama in Kekirawa)के और मुख्य मस्जिद के मुस्लिमों द्वारा तोड़ दिया गया”-(अनुवाद)। रिपोर्ट में आगे बताया गया कि,“मुख्य मस्जिद के ट्रस्टी M H M अकबर खान ने कहा कि NTJ द्वारा बनाई गई मस्जिद को विदेशी देशों के संगठनो के फंड्स से बनाया गया था”-(अनुवाद)।
NTJ श्रीलंका का एक इस्लामिक ग्रुप है, जिसका नाम 2019 के ईस्टर बम विस्फोट में भी आया था। इस हमले में 250 से अधिक लोग मारे गए थे।
डेली मिरर ने इस घटना का वीडियो भी अपलोड किया था।
मस्जिद के अलावा लोगों ने अरबी शिलालेख की तख्ती को भी तोड़ दिया था, जैसा कि एक लोकल मीडिया संगठन हीरु न्यूज़ ने बताया है।
इस विनाश के वीडियो को श्रीलंका की न्यूज़ चैनल Ada Derana ने अपलोड किया था, जिसमें लोगों को हथौड़े से नीले रंग की ईमारत को तोड़ते हुए देखा जा सकता है।
Muslims demolish NTJ mosque in Kekirawa
Muslims demolish NTJ mosque in Kekirawa
කැකිරාවේ මුස්ලිම් ජනතාව තව්හිත් ජමාත් පල්ලියක් කඩා දමයිPosted by Ada Derana on Thursday, 30 May 2019
ऑल्ट न्यूज़ ने सिन्हलीज अनुवादक से संपर्क किया, जिन्होंने बताया कि वीडियो में दिख रहे लोगों का दावा है कि इस मस्जिद को अरब देश के फंड्स से बनाया गया था। उनमें से एक निवासी ने कहा,”यहां तक कि तख्ती पर के शब्दअरबी भाषा में है”। Ada Derana से बात करते हुए लोगों ने बताया कि उनके पास इबादत का पारंपरिक स्थान (मुख्य मस्जिद) है और मस्जिदों पर “अनावश्यक अरब प्रभाव” को अस्वीकार किया जायेगा।
क्या धर्म परिवर्तन हुआ था?
AFP पहले इस वीडियो की पड़ताल कर चूका है, जब अप्रैल में हुए बम धमाकों के कुछ हफ्तों बाद यह वायरल हुआ था। इस मीडिया संगठन ने वहां के पुलिस (Kekirawa Police officer-in-charge Thilak Bandara Ganegoda) से इस वायरल दावे के बारे में बात की। पुलिस ने जानकारी दी कि,”कोई धर्म रूपांतर की घटना नहीं हुई है। पहले बच्चों के पुस्तकालय के निर्माण के लिए यह ज़मीन आवंटित की गई थी और उसे बाद में उसके असली मालिक को सौंप दिया गया था”।
समाचार एजेंसी एएफपी के अनुसार, अकबर खान ने इमारत को तोड़ने के लिए आंदोलन किया था। उन्होंने कहा,”इसे इसलिए नहीं तोड़ा गया क्योंकि ईमारत और NTJ के बीच कोई तकरार थी या कोई धर्म परिवर्तन की घटना हुई थी”। इस रिपोर्ट में वहां के निवासियों के बयानों का अकबर खान ने प्रतिनिधित्व किया था। उन्होंने हीरु न्यूज़ को कहा कि मस्जिद को विदेशी फंड की वजह से तोड़ा गया है। इसे डेली मिरर के डिप्टी एडिटर ने भी ट्वीट किया था।
A mosque used by National Thawheed Jama’at at Madatugama in Kekirawa was today demolished by the area Muslims & devotees of the main mosque.Trustee of the main mosque Akbar Khan said the mosque used by the NTJ was built with the funds of an organization based in a foreign country pic.twitter.com/jhmzT0mqpM
— Sunil Jayasiri (@sjayasiri) May 29, 2019
इस घटना के बारे में श्रीलंका के कई मीडिया संगठनो ने लेख प्रकाशित किया है। किसी भी लेख में इस घटना को “धर्म परिवर्तन” की घटना नहीं बताया गया है। इसलिए सोशल मीडिया में किये गये दावे गलत साबित होते हैं।
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