पिछले कुछ दिनों में कई ट्विटर यूज़र्स ने एक ग्राफ़िक पोस्ट करते हुए दावा किया कि तमिलनाडु में मस्जिदों और चर्चों के मुकाबले मंदिरों को बिजली का ज़्यादा बिल भरना पड़ेगा. इस तस्वीर के मुताबिक मंदिरों को 8 रूपए प्रति यूनिट जबकि मस्जिदों और चर्चों को 2.85 रुपए प्रति यूनिट भुगतान करना पड़ेगा.

ट्विटर यूज़र @Dix5a ने राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी को टैग करते हुए यह तस्वीर शेयर की. इस ट्वीट को 1,400 से ज़्यादा बार रिट्वीट किया गया. (आर्काइव लिंक)

ट्विटर बायो में खुद के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भक्त बताने वाले दुष्यंत सिंह जादौन ने यह वायरल तस्वीर ट्वीट करते हुए लिखा, “इसे कहते हैं सिकुलरिज़्म, मंदिरों के लिए हर चीज़ के लिए ज़्यादा दाम वसूल करो, वह बिजली हो या पानी आदि, दूसरे संप्रदायों को रियायत दो. और मंदिरों के खजाने पर नज़र रखो.” इस पोस्ट को 150 से ज़्यादा बार रिट्वीट किया गया है. (आर्काइव लिंक)

इस तस्वीर को कई और ट्विटर यूज़र्स ने जादौन की तरह ही कैप्शन देकर शेयर किया है. इन ट्वीट्स को #मंदिर_धन_भक्तों_का के साथ शेयर किया गया है.

ऑल्ट न्यूज़ के ऑफ़िशियल एंड्रॉइड एप्लिकेशन और व्हाट्सएप नंबर (+917600011160) पर कई लोगों ने इसका फ़ैक्ट-चेक करने की रिक्वेस्ट की.

सभी धार्मिक स्थलों के लिए बिजली के रेट बराबर

तमिलनाडु सरकार द्वारा लगाए गए टैरिफ़ को वेरिफ़ाई करने के लिए ऑल्ट न्यूज़ ने तमिलनाडु जनरेशन ऐंड डिस्ट्रिब्यूशन कॉरपोरेशन लिमिटेड (TANGEDCO) की वेबसाइट देखी. ताज़ा शेड्यूल Billing Services > Schedule of Tariff > Abstract of tariff schedule के अंतर्गत पाया गया. 2017 में इन कीमतों में संशोधन किया गया था.

टैरिफ़ शेड्यूल के मुताबिक बिजली सप्लाई वोल्टेज की दो केटेगरी हैं: हाई टेंशन (11 किलो वोल्ट का वोल्टेज या 112 किलोवाट से ऊपर का कनेक्टेड लोड) और लो टेंशन (415 वोल्ट तक का वोल्टेज और 112 किलोवाट तक का कनेक्टेड लोड). हाई टेंशन सप्लाई से अलग लो टेंशन सप्लाई का टैरिफ़ द्विमासिक आधार पर जोड़ा जाता है. प्रार्थना की सभी जगहों पर बिजली का रेट ऊपर दिए गए टैरिफ़ शेड्यूल के अंतर्गत तीन केटेगरी में लिस्टेड है-

  • II-A हाई टेंशन सप्लाई के अंतर्गत: प्रार्थना की सार्वजनिक जगहों के लिए 6.35 रुपए प्रति यूनिट का टैरिफ है. इसकी अलावा हर महीने 350 रुपए प्रति किलो वोल्ट एम्पियर (kVA) का अतिरिक्त चार्ज फिक्स है.
  • II-C लो टेंशन सप्लाई के अंतर्गत: प्रार्थना की जिन जगहों पर 0 से 120 यूनिट तक ही खपत है वहां 2.85 रुपए प्रति यूनिट चार्ज किया जाता है, जिन प्रार्थना की जगहों पर 120 यूनिट से ज़्यादा की खपत है उन्हें 5.75 रुपए प्रति यूनिट की दर से भुगतान करना होगा. इसके अलावा दो महीने पर 120 रुपए प्रति किलोवाट का अतिरिक्त चार्ज देना पड़ेगा.
  • V लो टेंशन सप्लाई के अंतर्गत: इसके साथ ही जिन प्रार्थना की जगहों पर आम जनता का जाना वर्जित है या जो अनाधिकृत ज़मीन पर बिना राजस्व विभाग की सूचना के बनी हैं उन्हें कमर्शियल कैटेगरी में रखा गया है. यदि उनकी खपत 100 यूनिट से कम है तो उन्हें 5 रुपए प्रति यूनिट और यदि 100 यूनिट से ज़्यादा है तो 8.05 रुपए प्रति यूनिट का भुगतान करना होगा. इसके अलावा हर दो महीने पर 140 रुपए प्रति किलोवाट अतिरिक्त भुगतान करना होगा.

ऑल्ट न्यूज़ ने TANGEDCO के वरिष्ठ अधिकारी से बात की, उन्होंने बताया, “तमिलनाडु में पिछला टैरिफ़ ऑर्डर राज्य नियामक आयोग द्वारा 2017 में जारी किया गया था. तबसे टैरिफ़ स्ट्रक्चर में कोई बदलाव नहीं किया गया है. हमारा इंजीनियर उन प्रार्थना की जगहों पर वेरिफ़िकेशन के लिए जाता है कि वहां आम लोग जा रहे हैं. अगर ऐसा होता है तो वह रियायती टैरिफ़ सैंक्शन कर सकता है. HR&CE या Wakf से किसी सर्टिफ़िकेट की ज़रूरत नहीं पड़ती. इसलिए धर्म के आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया जा रहा है.”

इसी तरह का दावा पिछले साल भी किया गया था. उसे तमिल फ़ैक्ट-चेक वेबसाइट You Turn ने ख़ारिज किया था.

यानी सोशल मीडिया पर किए जा रहे दावे झूठे और बेबुनियाद हैं. तमिलनाडु सरकार के द्वारा सभी धार्मिक स्थलों से बिजली की बराबर कीमत ली जा रही है. #मंदिर_धन_भक्तों_का की तरह ही मई के पहले हफ़्ते में चले #LootTemplesGiftMinorities भी यह झूठी साम्प्रदायिक तनाव को बढ़ाने वाली जानकारी फैलाने के लिए चलाया गया कि तमिलनाडु सरकार ने मंदिरों को 10 करोड़ रुपए देने का आदेश दिया है जिससे रमज़ान के दौरान मस्जिदों को 5,450 टन चावल दिया जाएगा- अधिक जानकारी के लिए ऑल्ट न्यूज़ की फ़ैक्ट-चेक रिपोर्ट पढ़िए.

बिना तमिलनाडु एंगल के वायरल किया गया

इस झूठे दावे के बाद कई यज़र्स ने इस बात पर सवाल उठाया कि पूरे देश में मंदिरों से मस्जिदों और चर्चों के मुकाबले बिजली का ज़्यादा बिल वसूल किया जा रहा है. ट्विटर यूज़र @mayamadhava ने बिना तमिलनाडु का ज़िक्र किए इसी दावे के साथ पोस्ट की, “कोई चेक कर सकता है कि क्या यह सच है?” यह ट्वीट 750 से ज़्यादा बार रीट्वीट किया गया (आर्काइव लिंक).

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🙏 Blessed to have worked as a fact-checking journalist from November 2019 to February 2023.