द युथ नामक एक वेबसाइट का लेख सोशल मीडिया में प्रसारित है। लेख के शीर्षक में खुद अपने आपको संत बताने वाले स्वामी यति नरसिंहानंद सरस्वती के हवाले से दिए गए एक बयान को साझा किया गया है, जिसके अनुसार –“हैदराबाद बलात्कार मामले के सभी आरोपी मुस्लिम है, पुलिस ने खुद उनके नाम बदलने की बात कबूल की है।-स्वामी नरहरि ने कहा।” (अनुवाद)
4 दिसंबर, 2019 को प्रकाशित लेख में बताया गया कि, “यति नरसिन्हानंद ने कहा कि नाबालिग होने के बहाने से पुलिस ने तीन बलात्कारियों के नाम बदलकर हिन्दू कर दिए थे। मगर सच यह है कि वे मुस्लिम है।”
कई उपयोगकर्ताओं ने इस समान दावे को सोशल मीडिया में साझा किया है। ट्विटर उपयोगकर्ता जगदीश हिरेमत ने इस लेख को यह कहते हुए साझा किया कि, “क्या कोई इस खबर की जांच कर सकता है। अगर यह सच है तो हैदराबाद पुलिस और उनके राजनितिक मास्टर उनसे भी बड़े गुन्हेगार है।” (अनुवाद)
“All accused of Hyderabad Rape were Muslims, police admit to change their names”- Says Swami Narhari
Can anyone confirm this story.
If it is true then Hyderabad police & their political masters are bigger criminals https://t.co/8fuRjO5sQq
— Dr Jagadish J Hiremut (@Kaalateetham) December 5, 2019
प्रधानमंत्री द्वारा फॉलो की जा रही मीणा दास नामक एक वेरिफाइएड ट्विटर हैंडल, जिन्होंने खुद को “Gulf Connoisseur” का एडिटर इन चीफ बताया है, लेख को इस संदेश के साथ ट्वीट किया कि –“बलात्कारियों के धर्म छुपाने के लिए पुलिस ने उनके नाम बदल दिए।” (अनुवाद) हालांकि, उन्होंने अपने ट्वीट को डिलीट कर दिया है, लेकिन ट्वीट के आर्काइव को आप यहां पर देख सकते है।
2 दिसंबर को, नरसिंहानंद ने एक वीडियो के ज़रिये दावा किया था कि हैदराबाद बलात्कार मामले के सभी आरोपियों को नाबालिग बताया और इस कारण जारी किये गए सभी नाम “काल्पनिक” है। उन्होंने यह भी दावा किया कि सभी आरोपी एक ही धर्म के थे। ट्विटर पर उनके द्वारा साझा की गई ट्वीट को 2,100 से ज़्यादा बार रीट्वीट किया गया है।
वीडियो में, Hinduexistence.org वेबसाइट के 29 नवंबर, 2019 के लेख को स्त्रोत बताया गया है।
झूठा दावा
ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि पुलिस द्वारा आरोपियों के नाबालिग होने की वजह से उनकी पहचान छुपाने का दावा गलत है। साइबराबाद पुलिस ने एक प्रेस नोट में चारों आरोपियों की उम्र बताई थी। कोई भी आरोपी 18 साल से कम उम्र का नहीं है।
यह समान जानकारी घटना के बाद दिए गए प्रेस विवरण में भी बताई गयी थी। पुलिस ने चारो आरोपीयों की पहचान – 26 वर्षीय लॉरी चालक पाशा, 20 वर्षीय लॉरी क्लीनर शिवा और नवीन और 20 वर्षीय लोरो चालक केशवुलु – के रूप में की थी।
इसेक अलावा, द क्विंट ने सभी आरोपियों के परिवारजनों से बात की थी। लेख में जोल्लू शिवा के पिता की पहचान जोल्लू राजप्पा के रूप में की गई है, चिन्तकुनता चेन्नेकशवुलु की माँ की पहचान जयम्मा और मोहम्मद उर्फ आरीफ की माँ की पहचान मोलनबी के रूप में हुई है।
साइबराबाद पुलिस ने ट्विटर पर सरस्वती के दावे पर किये गए सवाल पर जवाब देते हुए इसे “फ़र्ज़ी खबर बताया“।
Is this true? Shocking if true.. @hydcitypolice https://t.co/mRPeLTioDr
— GRK (@grk001) December 4, 2019
निष्कर्ष के रूप में, यह दावा कि हैदराबाद बलात्कार मामले के चार आरोपियों में से तीन आरोपी नाबालिग और मुस्लिम समुदाय से है जिस वजह से उन्हें काल्पनिक हिन्दू नाम दिए गए थे, गलत है। साइबराबाद पुलिस ने भी इस दावे को फ़र्ज़ी बताया है।
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