30 नवंबर को, ट्विटर उपयोगकर्ता @_shwetanshi ने दो तस्वीरें पोस्ट की, जिसमें एक व्यक्ति के सिर में गंभीर चोटें लगी हुई थी और साथ में लिखा- “रात को कुछ मुस्लिम लड़के हिंदू लड़कियो को परेशान कर रहे थे उस वक्त धवल बारोट #महेसाना (गुजरात) से है #विश्व_हिन्दू_परिषद के कार्यकर्ता हैं उन्होंने लड़कियों को बचा लिया और सही सलामत घर भेज दिया जिहादियों को पता चलते ही धवल बारोट को लड़के बुला कर जेहादियों ने तलवार और पाइप से मारा”। इस पोस्ट को करीब 550 से ज़्यादा बार रिट्वीट और लाइक किया जा चूका है।
[चेतावनी: कुछ उपयोगकर्ताओं के लिए ये तस्वीरें मन को विचलित करने वाली हो सकती हैं। दर्शक अपने विवेक से काम लें।]रात को कुछ मुस्लिम लड़के हिंदू लड़कियो को परेशान कर रहे थे उस वक्त धवल बारोट #महेसाना (गुजरात) से है #विश्व_हिन्दू_परिषद के कार्यकर्ता हैं उन्होंने लड़कियों को बचा लिया और सही सलामत घर भेज दिया जिहादियों को पता चलते ही धवल बारोट को लड़के बुला कर जेहादियों ने तलवार और पाइप से मारा pic.twitter.com/OkOBPZAaAQ
— पंडित श्वेता 🅰 (@_shwetanshi) November 30, 2019
1 दिसंबर को ट्विटर उपयोगकर्ता @mdhaka21 ने ऐसा ही ट्वीट किया, लेकिन थोड़े बदलाव के साथ। इस पोस्ट में, उपयोगकर्ता ने केवल एक तस्वीर साझा की और यह जोड़ दिया कि 15-20 लोगों ने धवल की पिटाई की। इस ट्वीट को 1,000 से अधिक लाइक और रिट्वीट किया जा चूका है।
ऑल्ट न्यूज़ ने ट्विटर और फ़ेसबुक पर “धवल बारोट #महेसाना” वाक्यांश से सर्च किया तो पाया कि ये तस्वीरें सितंबर से ऐसे समान दावों के साथ सोशल मीडिया में प्रसारित हो रही हैं।
मीडिया की मिलती-जुलती खबरें
12 सितंबर को, अहमदाबाद स्थित समाचार चैनल, GSTV News ने इस घटना की खबर “लव जिहाद” के रूप में प्रकाशित की। इस समाचार संगठन के अधिकारिक यूट्यूब चैनल के एक वीडियो में एंकर और संवाददाता दोनों को इस घटना के लिए “लव जिहाद” का उल्लेख करते हुए दिखाया गया है। पीड़ित को धवल ब्रह्मभट्ट के नाम से संबोधित किया गया है।
झूठा सांप्रदायिक रंग
ऑल्ट न्यूज़ वायरल तस्वीरों के स्रोत का पता नहीं लगा सका, लेकिन वे प्रामाणिक प्रतीत होते हैं क्योंकि धवल की ऐसी ही तस्वीरों का उपयोग GSTV News और दिव्य भास्कर द्वारा किया गया है।
हालांकि, सोशल मीडिया से अलग, धवल का उपनाम बारोट नहीं, बल्कि ब्रह्मभट्ट बताया गया। दिव्य भास्कर की 13 सितंबर की एक रिपोर्ट में पुलिस उप अधीक्षक मंजिता वंजारा का एक बयान शामिल है, जिसके अनुसार यह एक व्यक्तिगत झगड़ा था, कोई सांप्रदायिक विवाद नहीं।
ऑल्ट न्यूज़ ने मेहसाणा पुलिस से संपर्क किया और पाया कि धवल उन लोगों को जानता था जिन्होंने उस पर हमला किया था। पुलिस ने यह भी बताया कि धवल के ‘जिहादियों’ से हिंदू लड़कियों की रक्षा करने का दावा निराधार है। पुलिस ने पुष्टि की कि धवल पर तलवार और लकड़ी के डंडों से हमला किया गया था। उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष कानूनी रूप से मामले को हल करना चाहते हैं।
इसके अलावा, इस मामले की प्राथमिकी गुजरात पुलिस की वेबसाइट पर उपलब्ध है।
धवल (I / 0136/2019) द्वारा दायर प्राथमिकी के अनुसार, उनका पूरा नाम धवलकुमार मुकुंदभाई शांतिलाल ब्रह्मभट्ट है। धवल ने कुशाल ठाकोर, शारुख, याशर, खान और एक अज्ञात व्यक्ति पर मारपीट का आरोप लगाया। उन्होंने रात में लड़कियों के साथ बैठने के लिए समूह को फटकार लगाने का दावा किया। जवाब में, आरोपियों ने धवल पर तलवार और लकड़ी के डंडों से हमला किया। उल्लेखनीय है कि प्राथमिकी में उल्लेख किया गया एक आरोपी धवल के समुदाय से है।
एक प्राथमिकी (II/0206/2019) उन लोगों की ओर से जिन्होंने धवल के साथ कथित तौर पर मारपीट की, अल्मास खान (पुत्र, अशरफ खान पठान) द्वारा दर्ज कराई गई। इसमें धवल और एक विकी को आरोपी बताया गया है। खान के अनुसार, उन्होंने धवल द्वारा उकसाने पर हमला किया था।
दोनों पक्षों द्वारा दायर एफआईआर से स्पष्ट होता है कि इसमें सांप्रदायिक हिंसा की कोई बात नहीं है। सोशल मीडिया के दावे और GSTV की रिपोर्ट झूठी है।
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