लेखक भावना अरोरा ने दो तस्वीरें ट्वीट की – पहली तस्वीर में एक घायल व्यक्ति को देखा जा सकता है और दूसरी तस्वीर में एक बुज़ुर्ग व्यक्ति को पत्थरबाज़ी करते हुए देखा जा सकता है। तस्वीरें ट्वीट करते हुए भावना ने लिखा है, “चच्चा पत्थरबाज़ी करेंगे तो क्या खाने को मिलेगा? बिरयानी?” उनकी ट्वीट को करीब 1,200 बार रिट्वीट किया गया है।
Chacha patharbaaji karega to kya khane ko milega? Biryani? pic.twitter.com/PQhRNOlKe4
— bhaavna arora (@BhaavnaArora) December 30, 2019
अन्य ट्विटर उपयोगकर्ता विवेक ने तस्वीरें साझा करते हुए लिखा, “न्यूटन का तीसरा सिद्धांत: हर क्रिया के लिए, समान और विरोधी प्रतिक्रिया होती है।” (अनुवाद)
Newton’s third law: For every action, there is an equal and opposite reaction. https://t.co/p53dWz10z0 pic.twitter.com/sCX3UUhMGL
— Vivekk | विवेक | বিবেক | விவேக் | (@oyevivekk) December 29, 2019
इन समान तस्वीरों को साझा करने वाले एक अन्य ट्वीट को करीब 1,300 बार रिट्वीट किया गया है।
Sochta hu wo kitne maasoom the,kya se kya ho gaye dekhte dekhte….. 😭😭😭 #UPPoliceZindabad pic.twitter.com/3FEpRsC2v2
— ᴬᴹᴮᴱᴿ (@dafa_ho__jao) December 30, 2019
तथ्य-जांच
ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि सोशल मीडिया के दावे के अनुसार ये दोनों व्यक्ति एक नहीं है।
पहली तस्वीर: कानपूर
गूगल पर कीवर्ड्स सर्च करने से, ऑल्ट न्यूज़ को 22 दिसंबर, 2019 को प्रकाशित हुए हिंदुस्तान टाइम्स के लखनऊ संस्करण का एक PDF मिला। हालांकि, तस्वीर के साथ साझा किये गए विवरण के मुताबिक, यह तस्वीर 21 दिसंबर (शनिवार) को ली गई थी। कैप्शन के अनुसार, “शनिवार को एक वृद्ध प्रदर्शक ने कानपूर में प्रदर्शन के दौरान पथरबाज़ी की।” (अनुवाद) तस्वीर में व्यक्ति की पहचान नहीं होती है।
दूसरी तस्वीर: मुज़्ज़फरनगर
यह तस्वीर 65 वर्षीय मौलाना असद रज़ा हुसैनी की है, जो कि मुज़्ज़फरनगर के शादात हॉस्टल में अन्य छात्रों के साथ रहते थे, उन्हें पीटकर पुलिस हिरासत में लिया गया। फ़र्स्टपोस्ट की 24 दिसंबर की रिपोर्ट के अनुसार, हुसैनी को कई चोटें आयी थी जिसकी वजह से वो अभी अस्पताल में है। पत्रकार नरेंद्र ने 29 दिसंबर, 2019 को हुसैनी की तस्वीरें साझा की थी।
#मुज़फ्फरनगर के विश्वविख्यात मुस्लिम शिक्षाविद मौलाना असद रज़ा हुसैनी को @muzafarnagarpol ने दी थर्ड डिग्री,इसी साल भारत सरकार ने दिया था राष्ट्रपति पुरस्कार,मौलाना असद के अनाथालय के छात्रों को भी थर्ड डिग्री@naqvimukhtar @narendramodi @Uppolice
My story-https://t.co/fm0FCl62PK pic.twitter.com/xapZOBo9mT— Narendra (@hindipatrakar) December 29, 2019
31 दिसंबर की टाइम्स ऑफ़ इंडिया की एक रिपोर्ट में हॉस्टल कर्मचारी के हवाले से बताया गया है, हुसैनी को मदरसा (अनाथालय) के परिसर से खींच कर बाहर लाया गया और किसी सुनसान जगह पर ले जाया गया। उन्हें कथित तौर पर कई घंटो तक प्रताड़ित किया गया, 21 दिसंबर को उस इलाके के प्रभावशाली लोगों द्वारा हस्तक्षेप करने के बाद उन्हें छोड़ा गया। टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने उनकी उम्र 72 वर्ष बताई थी।
भारत समाचार की एक अन्य रिपोर्ट में भी समान जानकारियां दी गई है। मौलाना असद रज़ा जिन्हें मस्जिद के मौलवी के रूप में पहचाना जाता है, दंगाइयों के खिलाफ जारी सर्च अभियान के दौरान उन्हें हॉस्टल से घसीट कर बाहर निकाला गया और मुज़्ज़फरनगर पुलिस ने उन्हें घंटो तक पीटा था।
निष्कर्ष के तौर पर, मुज़्ज़फरनगर पुलिस द्वारा पीटे गए घायल मौलवी की तस्वीर को, कानपूर में पत्थरबाज़ी करने वाले एक अनजान व्यक्ति के साथ इस गलत दावे से साझा किया गया कि वे दोनों एक ही व्यक्ति हैं।
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