दो अलग अलग दावों के साथ सोशल मीडिया में पांच मृत बच्चों के शवों की तस्वीर प्रसारित है। एक उपयोगकर्ता ने ऑल्ट न्यूज़ एप्प पर इस तस्वीर की सत्यता की जांच करने के लिए रिक्वेस्ट भेजा है। इसके साथ दावा किया गया है कि यह तस्वीर राजस्थान पुलिस द्वारा साझा की गई है और साथ में राजस्थान में ऐसे गिरोह की सक्रियता के बारे में लोगों को चेतावनी दी गई है। संदेश में लोगों को अपने बच्चों का ध्यान रखने के लिए कहा गया है।

साझा किए गये संदेश में लिखा है,“राजस्थान में सक्रिय गैंग के सदस्यों के राजस्थान पुलिस द्वारा जारी किए फोटो जयपुर। ये है कच्छा धारी जो वर्तमान में यह गैंग राजस्थान में सक्रिय हैं। राजस्थान पुलिस द्वारा उनके फोटो डाले गए हैं। प्रशासन ने बताया कि सतर्क रहें सावधान रहें और अपने बच्चों को सुरक्षित रखें।”

दूसरा दावा, जिसे फेसबुक उपयोगकर्ता योगेंद्र यादव भैया जी ने पोस्ट किया है। उन्होंने मृत बच्चों की तस्वीर के साथ अन्य चार तस्वीरों को भी साझा किया है (नीचे पोस्ट किये गए स्क्रीनशॉट में चौथी तस्वीर को फेसबुक ने संवेदनशील प्रकृति के कारण कवर कर दिया था)। उन्होंने दावा किया है कि यह गिरोह बच्चों को अगवा करते हैं और उनकी किडनी को बेच देते हैं।

उपरोक्त पोस्ट में दावा किया गया है , “सभी जेलों में बंद सभी बंदी भाइयो से और उनके रिश्तेदारों से अनुरोध है जो ये बच्चो को अगवा कर उनकी किडनी निकाल कर बेंचने बाले को प्रशाशन जेल भेजता है उन मादरचोदों को जेल में ही दफना दें ताकि ये सबक रहे और ऐसा कुकर्म करने बालो में खौफ का माहौल पैदा हो
अगर प्रशाशन इन्हें गिरफ्तार करने की बजाय एकांत में ले जाकर ठोंक दे तो सोने पे सुहागा हो जाये.”

तथ्य जांच

गूगल पर एक आसान सा रिवर्स सर्च करने से यह पता चलता है कि यह पांचों तस्वीरों को झूठे दावों के साथ साझा किया जा रहा है।

पहली तस्वीर

बच्चों के मृत शरीर को दिखाने वाली तस्वीर मध्यप्रदेश में हुई 2018 की घटना से संबंधित है।

इस घटना को व्यापक रूप से मीडिया ने भी प्रकाशित किया था। NDTV के मुताबिक, इन बच्चों के पिता ने दो शादियां की थी। पहली शादी से उनके चार बेटे और दूसरी शादी से एक बेटा था। सभी पांच बच्चे बरवाना जिले के एक कुएं में मृत पाए गए। बच्चों के माता-पिता फरार थे और पुलिस को शक था कि डूबने से मरने वाले बच्चों की मौत में उनकी भूमिका हो सकती है।

दूसरी और तीसरी तस्वीर

हमने पाया कि घायल लोगों की दूसरी और तीसरी तस्वीर मध्यप्रदेश में हुई हाल ही घटना से संबधित है। ग्वालियर में उन तीनों लोगों पर भीड़ ने बच्चा चोर होने के संदेह में हमला कर दिया था। इस मामले की रिपोर्ट दैनिक भास्कर ने 8 अगस्त को दी थी।

इस घटना के बारे में नईदुनिया ने भी रिपोर्ट किया था। मंदिर से लौट रही किन्नर सखी बाबा और उनके दो चेलों पर कुछ लोगों ने बच्चा चोरी करने का अफवाह फैलाकर हमला कर दिया। भास्कर के अनुसार, बहोड़ापुर थाने के दो सिपाही कुछ ही देर बाद वहां पहुंच गए। उन्होंने भीड़ के हाथों पिट रहे तीनों लोगों को बचाने की कोशिश की तो भीड़ उन पर ही हावी होने लगी। इस पर उन्होंने बहोड़ापुर थाने से और फोर्स बुला लिया। भारी संख्या में पुलिस बल पहुंचने पर भीड़ तितर-बितर हुई और तीनों को बचाया जा सका। अगर पुलिस दस मिनट देर से पहुंचती तो शायद तीनाें की जान तक इस गलत आरोप के कारण जा सकती थी।

चौथी तस्वीर

इस अंतिम तस्वीर की ऑल्ट न्यूज़ ने जुलाई में ही पड़ताल की थी। यह तस्वीर बच्चा चोर गिरोह को नहीं दर्शाती है, यह मध्यप्रदेश में पकड़े गए सेक्स रैकेट गिरोह की है।

इस घटना को पत्रिका ने भी प्रकाशित किया था।

निष्कर्ष के रूप में, दो असंबंधित तस्वीर और एक अन्य घटना की तस्वीर जिसमें तीन व्यक्तियों को बच्चा-चोर होने के झूठे संदेह पर पीटा गया था, इन घटनाओं को झूठे दावे से साझा किया गया कि ये बच्चा चोर गिरोह है और बच्चों को अगवा कर उनकी किडनी बेच देते हैं।

नीचे पोस्ट किए गए वीडियो में ऑल्ट न्यूज़ ने इसी तरह की अफवाहों की पड़ताल की है।

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About the Author

Pooja Chaudhuri is a researcher and trainer at Bellingcat with a focus on human rights and conflict. She has a Master's in Data Journalism from Columbia University and previously worked at Alt News.