“बच्चा चोर गैंग आज पकड़ा गया ऐसा क्या और भी हो सकता है आपके आसपास के इलाके में कृपया ध्यान से देखिए और अपने बच्चे की सुरक्षा के लिए ध्यान रखिए अपने बच्चों का स्कूल जाते हुए आते हुए आसपास के ऐसा कोई अजनबी व्यक्ति उनके पास ना हो और उनका अच्छे तरीके से ध्यान को खुद छोड़ कर उसके खुद ले जाए साथियों मीडिया को नहीं दिखाएगी”

सोशल मीडिया में कुछ तस्वीरों को इस दावे से साझा किया गया है कि बच्चा चोर गिरोह को हाल ही में पुलिस ने गिरफ्तार किया है और साथ में सावधानी बरतने की चेतावनी दी गई है, क्योंकि बच्चा चोर गिरोह क्षेत्र में फैले हुए है। फेसबुक उपयोगकर्ता ज़ाकिर मलिक ने उपरोक्त संदेश के साथ इन तस्वीरों को पोस्ट किया है।

रवि नेगी ने भी कुछ तस्वीरों को समान दावे से साझा किया है।

तथ्य जांच

ऑल्ट न्यूज़ ने प्रसारित चारों तस्वीरों की पड़ताल की है। गूगल और यांडेक्स पर रिवर्स सर्च करने से हम इन तस्वीरों के स्त्रोत के बारे में पता लगाने में सफल रहे।

पहली और दूसरी तस्वीर

इन दोनों तस्वीरों में सलवार कमीज़ पहने हुए दो लोगों को पुलिस ले जा रही है। ऑल्ट न्यूज़ 5 अगस्त, 2019 को यूट्यूब पर अपलोड किए गए इस घटना के वीडियो को ढूढ़ने में सफल रहा है। वीडियो में किए गए दावे के मुताबिक, हरियाणा के फतेहाबाद के रतिया में दो बच्चा चोर को गिरफ्तार कर लिया गया है। वीडियो के विवरण में लिखा हुआ है कि, “दो मर्द औरत के भेस में पकडे गए”

इस मामले को लेकर ऑल्ट न्यूज़ ने रतिया (शहर) पुलिस स्टेशन से संपर्क किया। SI विक्रम सिंह ने बताया,“यह एक गलत दावा है। हमने अपनी पड़ताल की और पाया कि ये दोनों ट्रांसजेंडर थे। ये बच्चा चोर नहीं है”-अनुवादित।

तीसरी और चौथी तस्वीर

ये दो तस्वीरें, जहां एक कार के आसपास भीड़ जमा हो गई थी, हरियाणा के कुरुक्षेत्र में हुई एक घटना से संबंधित है। लाडवा में स्थानीय लोगों ने यात्रा कर रहे एक परिवार पर बच्चा चोर होने का झूठा आरोप लगाया था। दैनिक जागरण की 14 अगस्त की रिपोर्ट के अनुसार, सुरेंद्र कुमार और सुनील हिसार जिले के निवासी हैं, जो एक रिश्तेदार के अंतिम संस्कार के बाद हरिद्वार से लौट रहे थे।

इस घटना की पुष्टि करने के लिए ऑल्ट न्यूज़ ने लाडवा पुलिस से संपर्क किया। SI ओमप्रकाश ने बताया,“हमने इस घटना की पड़ताल की थी और पाया था कि गाड़ी की डिक्की में बैठे हुए बच्चे उनके थे। वे अपने पिता के अंतिम संस्कार के लिए हरिद्वार गए थे, जिनकी मृत्यु छह महीने पहले हो गई थी”-अनुवादित। पुलिस से इस बारे में पूछने पर कि बच्चे गाड़ी की डिक्की में क्यों बैठे थे, हमें बताया गया कि यह बच्चों की ज़िद थी कि उन्हें डिक्की में बिठाया जाए।

पांचवी तस्वीर

ऑल्ट न्यूज़ ने इस तस्वीर की पड़ताल जुलाई में ही की थी। यह तस्वीर एक देह व्यापार गैंग की गिरफ्तारी से संबंधित है और मध्य प्रदेश में गिरफ्तार किए गए बच्चा चोर गिरोह के झूठे दावों से साझा किया जा रहा था। आप हमारी विस्तृत तथ्य जांच को यहां पर पढ़ सकते हैं।

निष्कर्ष के तौर पर हमने पाया कि बच्चा चोर के संदेह में पकड़े गए लोगों की तस्वीरों को सोशल मीडिया में बच्चा चोर गिरोह की अफवाहों के चलते साझा किया जा रहा है। सोशल मीडिया में फैली ऐसी ही बच्चा चोरी की अफवाहों से जुड़ी तस्वीरों और वीडियो पर की गई पड़ताल के संकलन को आप यहां पर पढ़ सकते हैं।

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About the Author

Jignesh is a writer and researcher at Alt News. He has a knack for visual investigation with a major interest in fact-checking videos and images. He has completed his Masters in Journalism from Gujarat University.