कर्नाटक में हिजाब बैन पर फैसले के बाद सोशल मीडिया पर एक दावा काफी शेयर किया जा रहा है. कहा जा रहा है कि बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक आदेश पारित किया जिसके तहत मुंबई में मुस्लिम छात्राएं अपने शैक्षणिक संस्थानों में गाउन, स्कार्फ़ या हिजाब पहन सकती हैं.

वायरल दावे में लिखा है, “बॉम्बे हाईकोर्ट का बड़ा फैसला अगर कोई #मुस्लिम_छात्रा शिक्षा प्राप्त करने के लिए गाउन स्कॉर्फ या हिजाब पहनना चाहती है तो कॉलेज के मैनेजमेंट को रोकने का कोई अधिकार नहीं है.” ये भी ज़िक्र किया गया है कि ये कर्नाटक उच्च न्यायालय के हिजाब बैन फैसले का मुंहतोड़ जवाब है. कैप्शन में इस बात पर भी इशारा किया गया है कि दो राज्यों के उच्च न्यायालयों ने एक ही मामले पर अलग-अलग फैसले लिए.

कुछ तस्वीरों के साथ भी ये दावा शेयर किया जा रहा है. इनमें से एक तस्वीर हेडस्कार्फ़ पहनी छात्राओं की है और दूसरी तस्वीर न्यूज़18 के एक आर्टिकल का स्क्रीनशॉट है. इस आर्टिकल की हेडलाइन है, “बॉम्बे हाई कोर्ट ने छात्र को हिजाब पहनकर कॉलेज जाने की अनुमति दी.”

ट्विटर और फ़ेसबुक पर कई यूज़र्स ने ये दावा शेयर किया है.

फ़ैक्ट-चेक

ऑल्ट न्यूज़ ने मुस्लिम छात्राओं की तस्वीर का गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च किया. हमें मालूम हुआ कि इस तस्वीर का इस्तेमाल इंडिया TV के एक आर्टिकल में किया गया था और इसे उडुपी के PU कॉलेज में लिया गया था. तस्वीर का क्रेडिट PTI को दिया गया है.

न्यूज़18 के आर्टिकल के स्क्रीनशॉट के आधार पर हमने की-वर्ड्स सर्च किया. ये आर्टिकल 15 मार्च 2018 को पब्लिश किया गया था. इस रिपोर्ट में मुंबई के साईं होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज की एक मुस्लिम छात्रा द्वारा दायर एक रिट याचिका पर बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के बारे में जानकारी दी गई थी. छात्रा ने अदालत से अपील की थी कि कॉलेज को निर्देश जारी किया जाय ताकि उसे हिजाब पहनकर अपनी परीक्षा में बैठने और क्लास लेने की अनुमति दी जाये या उसे ऐसे कॉलेज में ट्रांसफ़र करे जहां वो स्वतंत्र रूप से अपने धार्मिक विश्वासों का पालन कर सके.

ये याचिका 30 नवंबर 2017 को दायर की गई थी और 12 मार्च 2018 को इसपर फैसला सुनाया गया था. हमने बॉम्बे हाई कोर्ट की ऑफ़िशियल वेबसाइट से इस मामले की डिटेल्स चेक की. इसका एक स्क्रीनशॉट आर्टिकल में शामिल दिया गया है.

इसके अलावा, हमें इस मामले पर द एशियन एज और DNA इंडिया की दो अलग-अलग रिपोर्ट्स मिलीं. इन रिपोर्ट्स से पता चलता है कि दोनों पक्षों को सुनने के बाद, अदालत ने याचिका का निपटारा किया. क्योंकि दोनों पक्षों के बीच इस मुद्दे को सुलझा लिया गया था.

इस तरह, ये दावा ग़लत है कि बॉम्बे हाई कोर्ट ने हाल ही में छात्राओं को कॉलेज में हिजाब पहनने की अनुमति देने का फैसला पारित किया. ये निर्णय 2018 में एक छात्रा की याचिका के संबंध में पारित किया गया था और इसका कर्नाटक हाई कोर्ट के हिजाब बैन फैसले से कोई संबंध नहीं है.

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