हालिया ख़बर के मुताबिक, इसराइल और हमास एक बार फिर भिड़ गए हैं. हमास ने इसराइल पर 5 हज़ार से ज़्यादा रॉकेट दागे हैं. इस हमले में अबतक 22 लोगों की मौत और 500 से ज़्यादा लोगों के घायल होने की ख़बर है. इसी बीच एक वीडियो शेयर करते हुए इसे हमास पर हमले का बताया जा रहा है. वीडियो में एक मिसाइल ऊंची बिल्डिंग को धराशायी कर रही है. वीडियो के साथ दावा है, “इज़राइल ने ऑपरेशन आयरन स्वोर्ड्स के जरिए हमास आतंकियों के ठिकानों को निशाना बनाया. अभी कुछ समय पहले ही इसराइल ने गाज़ा के तीसरे टावर को नष्ट कर दिया और कम से कम 30 फिलिस्तीनी आतंकियों को मार गिराया.” (आर्काइव लिंक)

और भी यूज़र्स ने ऐसा दावा करते हुए ये वीडियो शेयर किया है.

रूस-यूक्रेन युद्ध से जोड़कर भी हुआ था शेयर

यूक्रेन पर रूस के हमले से जोड़कर ये वीडियो शेयर किया जा गया था. दावा किया गया था कि ये रूसी मिसाइलें हैं जो कथित तौर पर यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय की बिल्डिंग को तबाह कर रही है. ये भी दावा किया गया कि मिसाइलों को लॉन्च करने से पहले, रूस ने विदेशी पत्रकारों को ये हमला रिकॉर्ड करने के लिए सूचना दी और सभी लोगों को बिल्डिंग खाली करने के लिए कहा.

ये वीडियो फ़ेसबुक पर भी काफी शेयर किया गया था.

फ़ैक्ट-चेक

ऑल्ट न्यूज़ ने की-वर्ड्स सर्च किया जिससे हमें कई रिपोर्ट्स मिलीं. इन रिपोर्ट्स में यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय के खुफिया मुख्यालय से निकलने वाले धुएं के विसुअल्स हैं. हालांकि, बिल्डिंग वहीं खड़ी दिखाई दे रही है. ये रिपोर्ट्स 24 फ़रवरी 2022 की हैं.

वायरल वीडियो के फ़्रेम को यांडेक्स पर रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें मालूम चला कि ये वीडियो मई 2021 का है. उस समय एक इसरायली हवाई हमले ने गाज़ा के अल-शोरौक टॉवर को तबाह कर दिया था. बिल्डिंग पर हुए हमले के दौरान BBC अरबी रिपोर्टर अदनान अल-बर्श और उनकी टीम इस घटना की लाइव रिपोर्टिंग कर रही थी.

अलजज़ीरा के यूट्यूब चैनल पर भी इस वीडियो के वीज़ुअल्स हैं. इन्हें नीचे दिए गए वीडियो में 9 मिनट 40 सेकंड से देखा जा सकता है.

कुल मिलाकर, गाज़ा में एक उंची बिल्डिंग पर किए गए इसरायली मिसाइल हमले का पुराना वीडियो सोशल मीडिया पर ग़लत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि रूसी मिसाइलों ने कीव में यूक्रेनी रक्षा मंत्रालय की इमारत को तबाह कर दिया.

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About the Author

Nilofar Absar is a lawyer by training and a storyteller by nature who takes a keen interest in the lives of people belonging to South Asian diasporic communities.