विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर एक वीडियो इस दावे के साथ प्रसारित किया गया है कि बांग्लादेश में नेत्रोकोना के मुख्तारपुर इस्कॉन मंदिर पर आतंकवादियों ने हमला किया, तीन श्रद्धालु गंभीर रूप से घायल हो गए।

फेसबुक पेज FM Hindu पर शेयर किए गए इस वीडियो में कथित हमले को दिखाया गया है। वीडियो के साथ साझा किये गए कैप्शन में लिखा है- ”বাংলাদেশের নেত্রকোনা জেলার ইসকন মুক্তারপুর মন্দিরে হামলা চালিয়েছে মুসলিম জিহাদী বাহিনী। তিনজন ভক্ত মারাত্মকভাবে আহত হয়েছে।” (अनुवाद: मुस्लिम जिहादी सेना ने बांग्लादेश के नेत्रोकोना जिले में इस्कॉन मुख्तारपुर मंदिर पर हमला किया। तीन प्रशंसक गंभीर रूप से घायल हो गए।)

 

Terrorist attack of ISKCON Netrakona Muktarpara Temple (Bangladesh). Three devotees are seriously injured.

বাংলাদেশের নেত্রকোনা জেলার ইসকন মুক্তারপুর মন্দিরে হামলা চালিয়েছে মুসলিম জিহাদী বাহিনী। তিনজন ভক্ত মারাত্মকভাবে আহত হয়েছে।

Posted by FM HINDU on Monday, 20 January 2020

यही वीडियो बंगाली शिक्षाविद् आशुतोष मुखर्जी के परपोते चयन चटर्जी ने भी ट्वीट किया है। वीडियो को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (NRC) के साथ जोड़ते हुए, चटर्जी ने आगे लिखा कि बांग्लादेश में हिंदू असुरक्षित हैं। उनके ट्वीट के मुताबिक, ‘‘कट्टरपंथी समूह ने बांग्लादेश में इस्कॉन नेत्रोकोना मुक्तारपारा मंदिर पर हमला किया। तीन कृष्ण भक्त गंभीर रूप से घायल हैं। जरा देखें कि बांग्लादेश में हिंदू कितने असुरक्षित हैं। भारत में #CAA और #NRC का विरोध करने वालों को जवाब देना चाहिए। (अनुवाद)।”

उसी वीडियो की क्लिप को घायल साधु की तस्वीरों के साथ साझा किया गया है। एक अभिजीत बसाक नामक उपयोगकर्ता ने इसे 23 जनवरी, 2020 को ट्विटर पर साझा किया है। ट्वीट में लिखा है, “बांग्लादेश में इस्कॉन मंदिर पर हमला। तद्नुसार आतंकवादियों पर नेत्रोकोना मुक्तार पारा के श्री श्री गौरा गोपाल विग्रह मंदिर पर एक सांप्रदायिक नारे द्वारा हमला किया गया था। बांग्लादेश में हिंदू सुरक्षित नहीं हैं।” (अनुवाद)

अभिजीत बसाक ने अपने प्रोफाइल में बताया है कि वह BJYM, पश्चिम बंगाल के राज्य आईटी सेल संयोजक है। उनके ट्वीट को ट्विटर हैंडल ‘Paschimbanga BJP’ ने रिट्वीट किया।

पुरानी घटना को सांप्रदायिक रंग दिया गया

ऑल्ट न्यूज़ ने बांग्लादेश के नेत्रकोना के एक पत्रकार से संपर्क किया (अनुरोध किए जाने की वजह से पहचान छुपाई जा रही है), जो उस देश के एक राष्ट्रीय दैनिक में काम करते हैं। पत्रकार ने सोशल मीडिया के दावों को खारिज किया। उन्होंने कहा, “इससे पहले 2015 में, एक परिवार और इस्कॉन के प्रबंधन के बीच संपत्ति विवाद का मामला आया था। तस्वीरें उसी घटना को दर्शाती हैं।”

पत्रकार ने यह भी पुष्टि की कि इस घटना में कोई सांप्रदायिक हिंसा नहीं हुई थी। उन्होंने आगे कहा, “इस्कॉन के कुछ अनुयायियों ने गौर गोपाल बिग्रह को भूमि दान किया था, जिस पर स्थानीय निवासियों का कब्जा था, जिसमें हिंदू और मुसलमान दोनों शामिल थे। नेत्रोकोना बांग्लादेश में सबसे शांतिपूर्ण स्थानों में से एक होने के लिए जाना जाता है। नेत्रोकोना के डिप्टी मजिस्ट्रेट और पुलिस अधीक्षक ने बैठक बुलाकर एक समिति गठित कर दी, जिसके बाद विवाद को सुलझा लिया गया। ज़मीन हड़पने वालों के खिलाफ इस्कॉन के प्रबंधन द्वारा उच्च न्यायालय में एक मामला दायर किया गया है।”

द क्विंट ने इस्कॉन मंदिर बांग्लादेश के संयुक्त सचिव से बात की और उन्हें प्रबंधन द्वारा दर्ज़ की गई शिकायत की एक प्रति मिली। शिकायत में नामजद आरोपी थे- शांता सरकार, छाया सरकार, रूपन चौहान, राजन चौहान, मोहम्मद पारस, हिमेल मिया, शरीफ अहवाल, बिस्वा सरकार, तापस सरकार, उज्जल सरकार।

ऑल्ट न्यूज़ ने नेत्रोकोना मॉडल पुलिस स्टेशन से सम्पर्क किया तो बताया गया, “हमें हाल ही में कोई शिकायत नहीं मिली है। लेकिन 2015 में स्थानीय भूमि हड़पने वालों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज़ की गई।” पुलिस ने द क्विंट की रिपोर्ट में उल्लिखित नामों की पुष्टि की है।

बांग्लादेश में एक परिवार और इस्कॉन मंदिर के प्रबंधन के बीच भूमि विवाद के मामले को सोशल मीडिया पर पुनर्जीवित किया गया है। साथ ही, नागरिकता संशोधन कानून (CAA) जो बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यकों को नागरिकता प्रदान करना चाहता है, उसकी पृष्ठभूमि में घटना को सांप्रदायिक रंग देकर साझा किया गया है।

डोनेट करें!
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.

बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.

About the Author

Defence Correspondent turned fact-checker. Two times award winning journalist by Govt. of Goa.