सोशल मीडिया पर 2 तस्वीरें इस दावे के साथ वायरल हैं कि असम कांग्रेस के नेता ‘अमजद अली’ को हथियारों और गोलियों के साथ गिरफ़्तार किया गया. पहली तस्वीर में हथकड़ी पहना हुआ एक व्यक्ति पुलिस अफ़सरों के साथ खड़ा हुआ दिखता है जबकि दूसरी तस्वीर में एक बैग में हथियार और गोलियां रखी हुई दिख रही हैं. इन तस्वीरों को इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा है, “असम का कोंग्रेसी नेता #अमजत_अली सेब की पेटी में हथियार और गोलियों के साथ हिरासत में लिया गया। हिंदुओ से भाईचारा निभाने का प्लान था बस #हेमंता_विश्वाशर्मा की पुलिस ने सब गुड़ गोबर कर दिया.” (लिंक 1, लिंक 2, लिंक 3, लिंक 4)
जून से वायरल
कांग्रेस का पंजा…आतंकियों के साथ! pic.twitter.com/5iWu6aESY8
— सी बी पंजाबी (@cbpunjabi) June 15, 2021
फ़ेसबुक पर ये तस्वीरें काफी शेयर की जा रही हैं.
पिछले साल भी ये तस्वीरें इन्हीं दावों के साथ शेयर की जा रही थीं. (ट्वीट का आर्काइव लिंक)
#असम के #कांग्रेस नेता अमजात अली 🐷सेब 🍎की पेटी में #हथियार और #गोलियां के साथ हिरासत में। काफिरो को मारने का कर रहा था प्लान। पुलिस ने दबोचा।
इनकी पूरी तैयारी है जागो हिंदुओ जागो…
:@TEJSHAH9 #जागो_हिन्दू_जागो#Powerfull_Twitter_Army pic.twitter.com/dD2IG7JGd3— 🇮🇳TEJ SHAH(હિંદુ)🇮🇳 (@TEJSHAH9) November 3, 2020
ये तस्वीरें एक बंगाली मेसेज के साथ भी शेयर की गई हैं. मेसेज के मुताबिक, ‘अमजद अली’ गैर-मुस्लिम लोगों को मारने का प्लान बना रहा था.
फ़ेसबुक और ट्विटर पर ये तस्वीरें इसी दावे के साथ पोस्ट की गई हैं.
फ़ैक्ट-चेक
ये तस्वीरें साल 2018 में इसी दावे के साथ शेयर हो रही थीं. वास्तव में, इन दोनों तस्वीरों के साथ किया जा रहा दावा ग़लत है. यहां गौर करने वाली बात है कि असम कांग्रेस नेता ‘अमजद अली’ के बारे में हमें कोई जानकारी नहीं मिली. ‘अमजद अली’ नाम के पश्चिम बंगाल से एक तृणमूल कांग्रेस के नेता ज़रूर हैं लेकिन उनका चेहरा वायरल तस्वीर में दिखने वाले शख्स से नहीं मिलता है.
पहली तस्वीर
ऑल्ट न्यूज़ ने ये तस्वीर गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च की जिससे हमें ये तस्वीर 2018 के एक ब्लॉग में मिली. ब्लॉग के मुताबिक, तस्वीर में दिखने वाले व्यक्ति को बांग्लादेश के मीमेनसिंह ज़िले से गिरफ़्तार किया गया था. इस व्यक्ति पर आरोप था कि उसने एक नाबालिग लड़की से छेड़छाड़ की थी. ब्लॉग में बताया गया है कि इस लड़की ने बाद में आत्महत्या कर ली थी. आगे, बांग्ला की-वर्ड्स ‘ময়মনসিংহের মেয়ে আত্মহত্যা, যৌন হয়রানির মামলা’ से सर्च करने पर हमें बांग्लादेशी न्यूज़ वेबसाइट सोमोय न्यूज़ का एक आर्टिकल मिला. इस रिपोर्ट में बताया गया है कि इस व्यक्ति को मीमेनसिंह के त्रिशल उपज़िला से गिरफ़्तार किया गया था. आरोपी व्यक्ति का नाम मुबारक हुसैन था. उसे पुलिस ने शारीरिक शोषण के आरोप में गिरफ़्तार किया था. पीड़ित लड़की ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी.
वायरल तस्वीर में दिख रहे पुलिसकर्मी की यूनिफ़ॉर्म मीमेनसिंघ ज़िले के पुलिस यूनिफ़ॉर्म से कम्पेयर करने पर ये बात साफ़ हो जाती है कि ये तस्वीर बांग्लादेश की है.
तस्वीर 2
रिवर्स इमेज सर्च करने से हमें 29 अक्टूबर 2018 का जम्मू कश्मीर पुलिस का एक ट्वीट मिला. ट्वीट के मुताबिक, श्रीनगर के बाहरी इलाके में से 3 संदिग्ध आतंकवादियों को गिरफ़्तार किया गया था. पुलिस ने उनके पास से हथियार और गोला-बारूद भी ज़ब्त किए थे.
A brief exchange of fire on the outskirts of Srinagar city. Three suspected militants arrested among them one is injured.Arms and ammunition recovered. Investigations started. pic.twitter.com/lT9AoRnu5H
— J&K Police (@JmuKmrPolice) October 29, 2018
30 अक्टूबर 2018 की ग्रेटर कश्मीर की रिपोर्ट के मुताबिक, “जम्मू कश्मीर पुलिस ने तीन आतंकवादियों को श्रीनगर के नूरा अस्पताल के पास हुई गोलीबारी के बाद गिरफ़्तार किया.”
जैसा कि हमने इस आर्टिकल में देखा, 2 अलग-अलग घटनाओं की तस्वीरें असम कांग्रेस के नेता की एक मनगढ़ंत कहानी के साथ शेयर की गई. इन तस्वीरों के साथ झूठा दावा किया गया कि असम कांग्रेस के नेता को पुलिस ने हथियारों के साथ गिरफ़्तार किया है.
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