सोशल मीडिया पर कई लोग एक वीडियो शेयर करते हुए दावा कर रहे हैं, “फ़्रांस मे मुस्लिमों को नमाज पढ़ते हुए कैसे परेशान किया जा रहा है. धर्म कोई भी मगर ये गलत है.” बता दें कि कुछ हफ़्ते पहले ही फ़्रांस में एक मुस्लिम कट्टरपंथी ने एक फ़्रेंच टीचर, सेमुएल पैटी की हत्या कर दी थी. सेमुएल ने अभिव्यक्ति की आज़ादी पढ़ाते वक्त क्लास को पैगम्बर मुहम्मद पर चार्ली हेब्दो का एक विवादित कार्टून दिखाया था. इस्लाम में पैगम्बर मोहम्मद का विज़ुअल चित्रण करने की सख्त मनाही है. फ्रेंच राष्ट्रपति एमेनुएल मैक्रों ने इस हत्या की कड़ी निंदा करते हुए कार्टून का बचाव किया था. इसके बाद विश्व के कई हिस्सों में मुस्लिम समुदाय ने फ़्रांस का विरोध किया और उसका बॉयकॉट करने की बात कही.
फे़सबुक पेज ‘Only famous things here’ ने 31 अक्टूबर को पोस्ट किया. इस पोस्ट को अबतक 3,400 से ज़्यादा बार शेयर किया गया और 2.5 लाख से ज़्यादा बार देखा गया.
फ्रांस मे मुस्लिमो को नमाज पढ़ते हुए कैसे परेशान किया जा रहा है. धर्म कोई भी मगर ये गलत है
Posted by Only famous things here on Saturday, October 31, 2020
कुछ ट्विटर यूज़र्स ने भी ये वीडियो शेयर किया.
फ्रांस मे मुस्लिमो को नमाज पढ़ते हुए कैसे परेशान किया जा रहा है. धर्म कोई भी मगर ये गलत है#Islamophia pic.twitter.com/vWmpVO6GhC
— Faizi (@Faizi67202299) November 2, 2020
2017 का वीडियो
ऑल्ट न्यूज़ ने वीडियो वेरिफ़िकेशन टूल InVid की मदद वीडियो के फ़्रेम्स निकालकर यांडेक्स पर उनका रिवर्स इमेज सर्च किया. हमें ये वीडियो एक यूट्यूब चैनल पर मिला जहां डिस्क्रिप्शन में बताया गया है कि ये वीडियो फ़्रांस का है. इससे हिंट लेते हुए हमने यूट्यूब पर कीवर्ड सर्च किया और मीडिया प्लेटफ़ॉर्म Ruptly का वीडियो मिला. उसके डिस्क्रिप्शन में बताया गया है कि ये घटना नवम्बर 2017 की है. स्थानीय मस्जिद के बंद किये जाने पर पेरिस के उत्तरपश्चिमी उपनगर के क्लिशी-ला-गैरीन टाउन हॉल में मुस्लिम समुदाय के करीब 2,000 लोग शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने लिए इकठ्ठा हुए थे.
नीचे दोनों तस्वीरों में वायरल वीडियो और Ruptly वीडियो के लोकेशन की तुलना की गयी है जिससे साबित होता है कि दोनों वीडियो एक ही जगह के हैं. (बायीं तरफ़ वायरल वीडियो और दायीं तरफ़ Ruptly वीडियो का स्क्रीनशॉट)
ऑल्ट न्यूज़ ने ये लोकेशन गूगल स्ट्रीट व्यू पर भी वेरीफ़ाई किया.
असोसिएटेड प्रेस ने इस घटना के बारे में रिपोर्ट किया था जिसके बाद अन्य संस्थानों जैसे हिंदुस्तान टाइम्स और डेली हेराल्ड ने भी इसपर रिपोर्ट पब्लिश की थी.
Ruptly के ही आर्टिकल में हमें फ़्रेंच पत्रकार क्लीमेंट लैनो का ट्वीट मिला जहां उन्होंने प्रोटेस्ट की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा है, “क्लिशी: सैकड़ों लोगों ने मस्जिद बंद होने पर न्यूज़ स्ट्रीट में प्रार्थना की. (CLICHY – Nouvelle prières de rue après la fermeture de la mosquée. Plusieurs centaines de personnes).”
CLICHY – Nouvelle prières de rue après la fermeture de la mosquée. Plusieurs centaines de personnes. pic.twitter.com/WW8uMvTQ00
— Clément Lanot (@ClementLanot) March 31, 2017
उनके अगले ट्वीट में वीडियो अपलोड करते हुए इसका क्रेडिट उन्होंने खुद को दिया हुआ है, इससे साबित होता है कि वो घटनास्थल पर मौजूद थे.
VIDÉO – Prières de rue depuis une semaine à #Clichy après la fermeture de la mosquée par la mairie. pic.twitter.com/sEjOdKOmwV
— Clément Lanot (@ClementLanot) March 31, 2017
यानी फ़्रांस के 3 साल पुराने वीडियो को लोगों ने हाल के सन्दर्भ में शेयर किया.
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