सोशल मीडिया पर 2 तस्वीरों का एक कोलाज वायरल है. दावा है कि ये तस्वीरें महाराष्ट्र पुलिस द्वारा रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ़ अरनब गोस्वामी को पीटने की हैं. बता दें कि हाल ही में अरनब को 2018 के एक आत्महत्या केस के सिलसिले में महाराष्ट्र पुलिस ने गिरफ़्तार किया है. अरनब गोस्वामी ने रायगढ़ पुलिस पर गिरफ़्तारी के दौरान मारपीट का आरोप लगाया है.
भाजपा प्रवक्ता गौरव गोयल ने ये तस्वीर ट्वीट करते हुए लिखा, “यकीन नहीं हो रहा कि ये अरनब गोस्वामी है. अगर ये वास्तव में सही है तो महाराष्ट्र सरकार ने कयामत के दिन को बुलावा दिया है. मैं काफ़ी चिंतित हूं.” आर्टिकल लिखे जाने तक इस ट्वीट को 1,800 बार रीट्वीट किया गया है. (ट्वीट का आर्काइव लिंक)
[मूल मेसेज – Can’t believe he is #ArnabGoswami If it’s real…..Maharashtra Govt has asked for the dooms day.I m terribly Perturbed.#महाराष्ट्र_सरकार_बरखास्त_करो]Can’t believe he is #ArnabGoswami
If it’s real…..Maharashtra Govt has asked for the dooms day.I m terribly Perturbed.#महाराष्ट्र_सरकार_बरखास्त_करो @TajinderBagga pic.twitter.com/80l4iwJGq1
— Gaurav Goel (@goelgauravbjp) November 4, 2020
भाजपा नेता कपिल मिश्रा और तजिंदर बग्गा द्वारा फ़ॉलो किये जा रहे ट्विटर यूज़र सुधीर मिश्रा ने ये तस्वीर इसी दावे के साथ ट्वीट की है. (ट्वीट का आर्काइव लिंक)
कुछ ऐसी तस्वीरें आ रही हैं
क्या यह सच्चाई है ?? 😪क्या हिंदुत्व के सिपाही ऐसे ही मारे जाएंगे, देख लो आँख खोलकर, दो पुलिसवालों ने पैर पकड़ रखा है, एक ने सीने पर पैर रखा है….और बेल्ट से मार रहा…#ArnabGoswami
😡😡 pic.twitter.com/jdmWZRLnfg— Sudhir Mishra (@Sudhir_mishr) November 4, 2020
और भी कई यूज़र्स ने ये तस्वीर अरनब गोस्वामी की बताते हुए फ़ेसबुक और ट्विटर पर शेयर की है.
फ़ैक्ट-चेक
बात दें कि तस्वीर शेयर करते हुए किया जा रहा दावा बिल्कुल ग़लत है. ये तस्वीर अरनब गोस्वामी की गिरफ़्तारी से जुड़ी हुई नहीं है. गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर 10 जनवरी 2020 की न्यूज़ 18 की एक रिपोर्ट बेहद आसानी से मिल जाती है. रिपोर्ट में यही तस्वीर दिखती है जो कि वायरल हो रही है. इसमें बताया गया है कि उत्तर प्रदेश के देवरिया ज़िले के एक पुलिस स्टेशन में तीन पुलिसकर्मियों ने एक व्यक्ति की बड़ी बेरहमी से पिटाई की थी. आर्टिकल के मुताबिक, जनवरी 2020 में हुई इस घटना के वीडियो के वायरल होने के बाद पुलिसकर्मियों को सस्पेन्ड कर दिया गया था. इस मामले में उनके खिलाफ़ FIR भी दर्ज की गई थी.
रिपोर्ट के मुताबिक, मदनपुर पुलिस स्टेशन के अंतर्गत पड़ने वाले महेन गांव के रहनेवाले विश्वेश्वर तिवारी ने 8 जनवरी को फ़ोन चोरी होने की एक शिकायत दर्ज करवाई थी. विश्वेश्वर ने ये शिकायत सुमित गोस्वामी के खिलाफ़ दर्ज करवाई थी. इसके बाद, पुलिस स्टेशन में आरोपी को लाया गया और बाद में पुलिस ने उसकी बेरहमी से पिटाई की. इस मामले में पुलिस पर सही से छानबीन नहीं करने का आरोप भी लगा था.
9 जनवरी को इस घटना का वीडियो यूट्यूब पर अपलोड कर दिया गया. आपसे गुज़ारिश है कि इस वीडियो देखते हुए अपने विवेक से काम लें
इसके अलावा, पुलिस द्वारा अरनब गोस्वामी को उनके घर से गिरफ़्तार करने के दृश्य रिकॉर्ड हो रहे थे और सोशल मीडिया में छाये हुए थे.
अरनब गोस्वामी ने पुलिस पर मारपीट का आरोप लगाया था लेकिन इन आरोपों को अलीबाग कोर्ट ने नकार दिया है. उल्टा पुलिस ने अरनब पर एक महिला अफ़सर से बदतमीज़ी करने का आरोप लगाया है.
यानी, जैसा कि हमने देखा जनवरी 2020 में उत्तर प्रदेश पुलिस ने फ़ोन चोरी के आरोप में एक शख्स को पीटा था. इस घटना की तस्वीरें हाल में हुई अरनब गोस्वामी की गिरफ़्तारी से जोड़कर शेयर की गईं.
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