दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के समर्थक और विरोधियों के बीच की लड़ाई ने सांप्रदायिक शक्ल ले ली और इसमें ख़बरों के मुताबिक़ 45 से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. तनाव की स्थिति बरकरार है. हर ओर अफ़वाहों की मौजूदगी है. इसी दौरान सोशल मीडिया में दो तस्वीरें शेयर की जा रही है –
1. पुलिस द्वारा एक लड़के को लाठी से पीटने वाली तस्वीर सोशल मीडिया में वायरल हो रही है. लोग दावा कर रहे है कि दिल्ली पुलिस एक मुस्लिम लड़के की पिटाई कर रही है. ये तस्वीर ट्विटर और फ़ेसबुक पर इसी दावे से वायरल है. फ़ेसबुक पर अनिल कुमार यादव नामक एक यूज़र ने इसे पोस्ट किया है. इस पोस्ट को अब तक 32,000 बार शेयर किया जा चुका है.
ये तस्वीर कांग्रेस के पूर्व लोकसभा सांसद उदित राज ने 29 फ़रवरी को शेयर की थी. लेकिन उन्होंने इसे शेयर करते हुए दिल्ली का नहीं बताया था. (आर्काइव किया हुआ ट्वीट)
2. एक और तस्वीर सोशल मीडिया में वायरल हो रही है जिसमें एक महिला को तीन बच्चों को गले लगाकर रोते हुए देखा जा सकता है.
ये तस्वीर भी उदित राज ने अपने पहले ट्वीट की तरह बिना किसी दावे से 1 मार्च को शेयर की थी. (आर्काइव किया हुआ ट्वीट)
फ़ैक्ट-चेक
ऑल्ट न्यूज़ अपने इस आर्टिकल में इन दोनों तस्वीरों की सच्चाई आपके सामने रखेगा.
पहली तस्वीर
पहली तस्वीर को गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च करने पर 30 जून, 2010 के ‘डेमोक्रैटिक अन्डरग्राउन्ड’ के एक आर्टिकल का लिंक मिला. ये तस्वीर इसी आर्टिकल का एक हिस्सा थी. आर्टिकल में इस तस्वीर को बांग्लादेश की बताया गया है और साथ में एक और लिंक भी शेयर किया गया है. टीनआइ (TinEye) पर रिर्वस सर्च करने से ये गेटी इमेजेज़ पर मिली. तस्वीर के विवरण में बताया गया है, “30 जून, 2010 को ढाका में मजदूरों के साथ झड़प के दौरान एक पुलिसकर्मी ने बच्चे को डंडे से मारा. पुलिस ने भीड़ को हटाने के लिए आंसू गैस और पानी की बौछारों (water cannon) का इस्तेमाल किया.”
दूसरी तस्वीर
हमने इस तस्रिवीर को भी रिवर्स सर्च किया. इसके बाद ये तस्वीर ‘गेटी इमेजेज़’ पर मिली. वेबसाइट के मुताबिक ये तस्वीर सीरिया की है. इसे 14 मई, 2014 को उत्तर सीरिया के अलेप्पो शहर में हुए बम विस्फोट के बाद खींचा गया था.
सीबीएस नामक एक वेबसाइट ने भी ये तस्वीर प्रकाशित की है.
इस तरह सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही दोनों पुरानी तस्वीरें हैं और भारत की हैं ही नहीं. इस तनाव भरे माहौल में सोशल मीडिया में कई पुराने और रैंडम वीडियो और तस्वीरें शेयर कर उसे दिल्ली हिंसा से जोड़ने का प्रयास किया है. ऐसे सोशल मीडिया पोस्ट्स पर ऑल्ट न्यूज़ द्वारा की गई फ़ैक्ट-चेक रिपोर्ट्स को आप यहां पढ़ सकते हैं.
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