नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली में भड़की हिंसा के बाद से सोशल मीडिया तमाम झूठे दावों से भर गया है. कई फ़ोटोज़ और वीडियोज़ गलत दावे से शेयर किए जा रहे हैं. इसी तरह का एक 25 सेकंड का वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें पुलिस लोगों पर लाठीचार्ज कर रही है. वीडियो में दिखता है कि पुलिस अचानक से भीड़ पर हमला कर देती है. कुछ लोग भागने की कोशिश में रोड के किनारे नाले के पास फंस जाते हैं और पुलिस उनपर लाठियां बरसाती नज़र आती है. दावा किया जा रहा है ये दिल्ली पुलिस है जो लोगों को पीट रही है. खुद को भाजपा युवा मोर्चा, झारखंड के सोशल मीडिया इंचार्ज बताने वाले राहुल अवस्थी ने फेसबुक और ट्विटर पर ये वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा है, “दिल्ली में सफाई अभियान शुरू दे सटा सट. #DelhiRiots” फेसबुक पर इसे 3 लाख से भी ज़्यादा बार देखा जा चुका है.
दिल्ली में सफाई अभियान शुरू
दे सटा सट.Posted by राहुल अवस्थी on Tuesday, 25 February 2020
फ़ैक्ट-चेक
ऑल्ट न्यूज़ ने इस वीडियो को InVID टूल की सहायता से कई की-फ़्रेम्स में तोड़ा. और सभी की-फ़्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च किया. एक की-फ़्रेम से सर्च रिज़ल्ट मिला जिसे नीचे हाइलाइट किया गया है.
सर्च रिज़ल्ट में हमें यही वीडियो एक फेसबुक लिंक पर मिला जो लगभग 2 महीने पहले पोस्ट किया गया था. इससे ये तो साफ़ हो जाता है कि ये वीडियो हाल में दिल्ली में हुई हिंसा का नहीं हो सकता है.
‘Rana JD’ नाम के यूज़र ने इसे 25 दिसम्बर 2019 को फ़ेसबुक पर “#SHAMEONINDIA” लिखते हुए अपलोड किया था.
इस जानकारी के आधार पर हमने यूट्यूब पर सर्च किया. काफ़ी स्क्रॉल करने पर हमें ये वीडियो एक ‘SPN न्यूज़’ नाम के चैनल पर मिला. ये समाचार रिपोर्ट 20 दिसम्बर, 2019 की है.
इस वीडियो को बुलंदशहर, उत्तर प्रदेश का बताया गया है. 6 मिनट 23 सेकंड के इस वीडियो रिपोर्ट में एंकर इस वीडियो के बारे में कहते हैं कि नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया. वीडियो के 5 मिनट बीत जाने पर एंकर कहते हैं, “आप देख सकते हैं प्रदर्शनकारी कोतवाली नगर क्षेत्र में नारे लागते हुए रैली निकाल रहे थे. उनके पीछे भारी तादाद में पुलिस बल चल रहा था. अचानक पुलिस ने पीछे से प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज कर दिया. ये वीडियो वायरल हो रहा है और कहा जा रहा है कि लाठीचार्ज सबसे पहले इंस्पेक्टर अरुणा रॉय ने किया है.”
20 दिसम्बर, 2019 को नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ़ यूपी के कई ज़िलों में प्रदर्शन हिंसक हो गया था. ‘हिंदुस्तान टाइम्स’ की 20 दिसम्बर की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस प्रदर्शन के दौरान फ़िरोज़ाबाद में गोली लगने से एक की मौत और कानपुर में 7 लोग घायल हुए थे. 23 दिसंबर की ‘द वायर’ की रिपोर्ट कहती है, “नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ चल रहे विरोध प्रदर्शन में 18 लोगों की मौत अकेले उत्तर प्रदेश में हुई है, जिसमें एक आठ साल का बच्चा शामिल है.”
इस तरह ये पता चला कि जिस वीडियो को दिल्ली पुलिस लाठीचार्ज का बताया जा रहा है वो दरअसल उत्तर प्रदेश पुलिस का है. और 2 महीने पहले नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों पर यूपी पुलिस की बर्बरता दर्शाता है.
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