सोशल मीडिया में दो तस्वीरों को व्यापक रूप से इस दावे से साझा किया गया है कि महिला के मृत शरीर को थैले में लपेटकर अपने गांव ले जाने के लिए पिता और पुत्र द्वारा तोड़ा-मरोड़ा जा रहा है। दावे में कहा गया है कि यह घटना ओड़िसा में हुई थी और महिला के परिवारवालों को यह कार्य इसलिए करना पड़ा क्योंकि अस्पताल के पास एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं था। साझा संदेश के अंत में बताया गया है कि,“अगर यह सत्य है तो चाँद पर पहुंचना व्यर्थ है”-(अनुवाद)।

पहले जय श्री राम बोलिये फिर नीचे पढ़िये ..
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ये ह्रदयविदारक तस्वीर जो आप देख रहे हैं ये तस्वीरें दुनियाँ में सबसे ज्यादा…

Posted by अछूत The Untouchable on Monday, 22 July 2019

वायरल संदेश में लिखा है –“ये ह्रदयविदारक तस्वीर जो आप देख रहे हैं ये राज्य उड़ीसा की हैं इस औरत की लाश को तोड़ मरोड़ कर इसलिए बोरी में डाला जा रहा है ताकि ये पिता पुत्र लाश को कंधे पर ढो कर आसानी से अपने गाँव ले जा सके क्योंकि होस्पिटल में एम्बुलेंस नहीं है अगर यह सच है तो चांद पर जाना बेकार है”

यह दावा फेसबुक और ट्विटर पर वायरल है।

ऑल्ट न्यूज़ एप पर सोशल मीडिया उपयोगकर्ता ने इस तस्वीर की पड़ताल करने के लिए हमसे अनुरोध किया है।

2016 की घटना

गूगल पर दोनों तस्वीरों को रिवर्स सर्च करने से हमें 2016 में वनइंडिया द्वारा प्रकाशित किया गया एक लेख मिला। हालांकि, यह घटना ओड़िशा में हुई थी, लेकिन यह तीन साल पुरानी घटना है और जो लोग महिला के पैरों को अलग कर रहे है वह महिला के पति और पुत्र नहीं बल्कि स्वास्थ्यकेंद्र के कर्मचारी हैं।

इस घटना को मुख्यधारा के मीडिया संगठन ने भी प्रकाशित किया था, जिसमें द इंडियन एक्सप्रेस, इंडिया टीवी, इंडिया टुडे, NDTV और हिंदुस्तान टाइम्स भी शामिल है। ओडिशा के सोरो में ट्रेन दुर्घटना में एक बुज़ुर्ग महिला की मौत हो गई थी। इस क्षेत्र में एक भी अस्पताल नहीं है सिवाय एक स्वास्थय केंद्र के, जहां पर महिला के शरीर को लाया गया था। एम्बुलैंस की अनुपस्थति में और ऑटो-रिक्शा के 3000 रुपये तक के किराए की वज़ह से दो कर्मचारियों ने महिला के शरीर को पास के रेलवे स्टेशन तक आसानी से पहुंचाने के लिए पैरों के हिस्से को तोड़ दिया। पोस्टमार्टम के लिए इसे बालासोर से 30 किमी दूर ले जाने की आवश्यकता थी।

इस घटना की तस्वीरों को वर्तमान में सोशल मीडिया में साझा किया जा रहा है, ताकि इसे हाल में हुई घटना के रूप में दिखाया जा सके। हालांकि, यह घटना 2016 में हुई थी और मृत शरीर के अंगो को तोड़ने वाले महिला के परिवारजन नहीं बल्कि स्वास्थ्य कर्मचारी थे।

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About the Author

Pooja Chaudhuri is a researcher and trainer at Bellingcat with a focus on human rights and conflict. She has a Master's in Data Journalism from Columbia University and previously worked at Alt News.