किसानों के प्रदर्शन को बदनाम करने के लिए फिर से एक दावा वायरल है. एक व्यक्ति की कुछ तस्वीरें शेयर करते हुए लोग कह रहे हैं कि ये प्रदर्शन में भाग ले रहा कोई ढोंगी शख्स है. लोगों ने तस्वीरों के साथ ऐसा दावा किया. ये आर्टिकल लिखे जाने तक यूज़र @Bittu_Tufani का ट्वीट 1,800 से ज़्यादा लोग रीट्वीट कर चुके हैं. (आर्काइव लिंक)

इसे ट्विटर यूज़र @Adv_AnkurSharma ने भी शेयर किया और आर्टिकल लिखे जाने तक 1,300 से ज़्यादा लोगों ने इसे रीट्वीट किया है. (आर्काइव लिंक)

अन्य यूज़र्स @TheMukeshK_, @lucky_s_chawla और @garveetIndian ने भी ये तस्वीरें शेयर कर यही दावा किया.

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ट्विटर के साथ ही ये दावा फे़सबुक पर भी काफ़ी वायरल है.

पुरानी और असंबंधित तस्वीरें

पहली तस्वीर

पहली तस्वीर का रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें यूट्यूब चैनल Arputhar Yesu Tv का एक वीडियो मिला. चैनल ने ये वीडियो 2018 में अपलोड किया था जिसका टाइटल है, “Laborer’s day Christian Tamil Sermon Father Jegath Kasper Speech on Workers Day 30-04-2018.” यानी, मज़दूर दिवस के मौके पर भाषण दे रहे ये व्यक्ति पादरी जेगथ गैस्पर हैं.

9 मिनट 32 सेकंड पर उन्हें उसी पोज़ में देखा जा सकता है जो वायरल तस्वीर में हैं.

फ़ादर जेगथ गैस्पर राज NGO तमिल मैयम के संस्थापक हैं. सेंट्रल ब्यूरो ऑफ़ इन्वेस्टिगेशन ने 2010 में 2G घोटाला मामले में उनके दफ़्तर की जांच की थी. उन्होंने कहा था कि तमिल मैयम को ग़लत तरीके से निशाना बनाया गया है.

दूसरी तस्वीर

जब हमने दूसरी तस्वीर का रिवर्स इमेज सर्च किया तो हमें एक अन्य यूट्यूब चैनल ARRA TV का वीडियो मिला. इस चैनल ने 2017 में फ़ादर गैस्पर का ये वीडियो अपलोड किया था जिसमें वो किसी धार्मिक कार्यक्रम में बोल रहे हैं.

ऑल्ट न्यूज़ ने फ़ादर गैस्पर से संपर्क किया और उन्होंने बताया कि ये वीडियो कुछ साल पुराना है. उन्होंने अंतर्धार्मिक सौहार्द की बात करते हुए कहा, “तमिलनाडु धार्मिक एकजुटता के मामले में प्रगतिशील है. मुझे एक कार्यक्रम में विभिन्न धर्मों की खूबियों पर बोलने के लिए आमंत्रित किया गया था.”

तीसरी तस्वीर

तीसरी तस्वीर का रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें ANI की 28 अप्रैल, 2018 की एक रिपोर्ट मिली. इसके मुताबिक, तमिलनाडु के कन्याकुमारी में दो पास्टर (चर्च इन-चार्ज) के साथ धक्का-मुक्की की गयी थी. फ़ादर गैस्पर ने क्रिश्चियन समाज के ख़िलाफ़ इन हरकतों के पीछे RSS को ज़िम्मेदार ठहराया था. ANI की फ़ाइल इमेज हुबहू वायरल इमेज ही है.

टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने भी इस घटना पर एक वीडियो रिपोर्ट की थी. इसमें बताया गया है कि तमिल मैयम ने कन्याकुमारी के अरुल्मिगु मुतरम्मन मंदिर में प्रदर्शन भी की थी. RSS द्वारा ईसाई समाज पर तथाकथित हमले के अलावा प्रदर्शन में कावेरी नदी के पानी के मुद्दे पर भी आवाज़ उठाई गयी थी.

फ़ादर गैस्पर ने ऑल्ट न्यूज़ से ये भी स्पष्ट किया कि वो किसी किसान प्रदर्शन में शामिल नहीं हुए. लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि इसका ये मतलब नहीं है कि वो किसानों के प्रदर्शन का समर्थन नहीं करते.

फ़ादर गैस्पर की तीन तस्वीरें सोशल मीडिया पर किसान आन्दोलन में भाग ले रहे किसी ढोंगी की बताकर शेयर की जा रही हैं. इन तस्वीरों का आन्दोलन से कोई लेना देना नहीं है. ये तस्वीरें तीन अलग-अलग मौके की हैं.


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