“सब्र का फल मीठा होता है बदले में दिल्ली में मस्ज़िद मिल गई वाहरी क़ुदरत…अल्लाह सब्र करने वालों को यूं सिला देता है”
उपरोक्त संदेश, अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के मद्देनज़र, एनडीटीवी की एक वीडियो रिपोर्ट के साथ सोशल मीडिया में साझा किया गया है। वीडियो क्लिप 2:30 मिनट की है।
Sabr ka phal meetha hota hai
Badle Me delhi Me masjid mil gai
Wahri qudrat .. Allah sabr karne walon ko yun sila deta haiPosted by Jawaid Siddique on Sunday, 17 November 2019
इस रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली मेट्रो के तीसरे चरण के निर्माण के लिए खुदाई में, 1857 के विद्रोह के दौरान ध्वस्त हुई एक मस्जिद के अवशेष पाए गए है। यह अवशेष पुरानी दिल्ली के दरियागंज में पाए गए है। कई फेसबुक उपयोगकर्ताओं ने इसी संदेश के साथ इस वीडियो को अपलोड किया है। यह ध्यान देने योग्य है कि इस वीडियो को अयोध्या विवाद पर शीर्ष अदालत के हालिया फैसले के संदर्भ में साझा किया गया है।
तथ्य-जांच: 2012 का वीडियो
ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि विचाराधीन वीडियो हाल का नहीं है। ‘mosque found in metro digging’ – मेट्रो खुदाई में मिली मस्जिद’ कीवर्ड्स का उपयोग करके सर्च करने पर, जुलाई 2012 की घटनाओं से संबंधित कई लेख सामने आए। हिंदुस्तान टाइम्स के एक लेख के अनुसार, “सुभाष पार्क में, जिस स्थल की पहचान दिल्ली मेट्रो ने फेज 3 विस्तार के तहत अपने केंद्रीय सचिवालय-आईटीओ-दिल्ली गेट-कश्मीरी गेट कॉरिडोर के हिस्से के रूप में जामा मस्जिद स्टेशन के लिए की थी, एक मस्जिद के पुरातात्विक अवशेष, जिसे 17वीं शताब्दी की ‘अकबराबादी मस्जिद’ माना गया है, पाए गए हैं।” (अनुवाद) रिपोर्ट में कहा गया है कि सितंबर 1857 में चरम विद्रोह को कुचल कर अंग्रेजों द्वारा दिल्ली पर पुनः कब्ज़ा किए जाने के बाद मस्जिद गिरा दी गई थी। यह दिल्ली मेट्रो के तीसरे चरण के विस्तार के दौरान पाई गई।
यूट्यूब पर खोज करने पर, ऑल्ट न्यूज़ को वही वीडियो रिपोर्ट मिला, जिसे सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने प्रसारित किया है। इसे 6 जुलाई, 2012 को NDTV ने इसे अपलोड किया था। इस रिपोर्ट का शीर्षक है, ‘खुदाई में मिली मुगलकालीन मस्जिद’।
दिल्ली मेट्रो के निर्माण के दौरान दिल्ली में एक मस्जिद के अवशेष मिलने की NDTV की जुलाई 2012 की एक रिपोर्ट, सोशल मीडिया में हाल के घटनाक्रम के रूप में साझा की गई है।
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