हाल ही में झारखंड की IAS अधिकारी पूजा सिंघल व उनके करीबी के कई ठिकानों पर ED ने छापेमारी की. इस छापेमारी में करोड़ों रुपये बरामद हुए. इसके बाद, सोशल मीडिया पर IAS पूजा सिंघल और गृहमंत्री अमित शाह की एक तस्वीर शेयर की जाने लगी. साथ में दावा किया जा रहा है कि पूजा सिंघल अमित शाह के काफी करीब थीं और छापेमारी से कुछ दिनों पहले वो उनसे मिली भी थीं.
फ़िल्म निर्देशक अविनाश दास ने ये तस्वीर ट्वीट करते हुए लिखा, “घर से करोड़ों का कैश पकड़ाने से थोड़े दिनों पहले पूजा सिंघल की एक तस्वीर” (आर्काइव लिंक)
घर से करोड़ों का कैश पकड़ाने से थोड़े दिनों पहले पूजा सिंघल की एक तस्वीर। pic.twitter.com/X4dlyf1UNq
— Avinash Das (@avinashonly) May 8, 2022
संयुक्त किसान मोर्चा के हिम्मत सिंह गुर्जर ने भी ये तस्वीर ट्वीट करते हुए इसे कुछ दिनों पहले की तस्वीर बताया. साथ ही लिखा कि कैश का बंटवारा नहीं हुआ इसीलिए रेड डाली गई? (आर्काइव लिंक)
कांग्रेस पार्टी के छात्र इकाई NSUI के राष्ट्रीय महासचिव नागेश करियप्पा ने भी ये तस्वीर ट्वीट करते हुए ऐसा ही दावा किया (आर्काइव लिंक)
‘I.T & Social Media Cell Congress‘ नाम के फ़ेसबुक पेज ने भी ये तस्वीर इसी दावे के साथ पोस्ट की.
ये तस्वीर इसी दावे के साथ फ़ेसबुक और ट्विटर पर वायरल है.
फ़ैक्ट-चेक
कई ट्विटर यूज़र्स ने अविनाश दास के ट्वीट पर जवाब देते हुए बताया कि ये तस्वीर हाल की नहीं बल्कि 2017 की है. तस्वीर के बारे में पता लगाने के लिए हमने गूगल पर सर्च किया. हमें इंडिया कंटेन्ट नाम की वेबसाइट पर अपलोड की गई अमित शाह की एक तस्वीर मिली. इस तस्वीर में उनके कंधे पर ठीक वैसा ही गमछा है जो उन्होंने वायरल तस्वीर में भी पहना हुआ है. वेबसाइट पर मिली जानकारी के अनुसार, ये तस्वीर 2017 की है.
गेट्टी इमेजेज़ पर की-वर्ड्स सर्च से हमें गृहमंत्री अमित शाह की एक तस्वीर मिली. इस तस्वीर में IAS अधिकारी पूजा सिंघल भी दिख रही हैं. साथ ही दोनों ने वही कपड़े पहने हैं जो वायरल तस्वीर में दिखता है. गेट्टी इमेजेज़ ने लिखा है कि ये 16 सितंबर 2017 की तस्वीर है जब तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष अमित शाह रांची में आयोजित ‘गरीब कल्याण मेला’ में पहुंचे थे.
BJP के यूट्यूब चैनल पर भी 16 सितम्बर 2017 को इस कार्यक्रम का एक वीडियो शेयर किया गया था. इसमें 29 मिनट 45 सेकंड पर अमित शाह और पूजा सिंघल दिखते हैं.
कुल मिलाकर, अमित शाह और IAS अधिकारी पूजा सिंघल की 5 साल पुरानी तस्वीर सोशल मीडिया पर हाल ही की बताकर शेयर की गई.
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.
बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.