अगस्त 2019 में, केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्ज़े को रद्द करने के लिए अनुच्छेद 370 को निष्क्रिय कर दिया था। उसके बाद से सोशल मीडिया में इस कदम के समर्थन या विरोध में कई पोस्ट साझा कर गलत सूचनाएं प्रसारित की गई है। 5 अगस्त, 2019 के बड़े फैसले के बाद कुछ तस्वीरों के समूह को सोशल मीडिया में कश्मीर में शांति दर्शाने के दावे से साझा की गई है।
3 Pictures clicked today from #Kashmir as a reply to your fake tweets and Anti India Propaganda @arjunsethi81
Have a nyc Day #JaiHind @adgpi @JmuKmrPolice @crpfindia @ZPHQJammu @drmonika_langeh @ashokepandit @KhajuriaManu pic.twitter.com/GxFqAbCnof
— Ashish Kohli 🇮🇳 (@dograjournalist) October 3, 2019
उपरोक्त पोस्ट आशीष कोहली (@dograjournalist) द्वारा साझा की गई है, जिसे ट्विटर पर निर्मला सीतारमण के कार्यालय द्वारा फॉलो किया जाता है। कोहली खुद को एक ऐसे पत्रकार के रूप में बताते हैं, जो “जम्मू-कश्मीर से सीमा संघर्ष और आतंकवाद की रिपोर्ट करता है”-अनुवाद, और उनके ट्विटर परिचय में लिखा हुआ है –“जम्मू का गौरवान्वित नागरिक, जिसे पूर्व मुख्यमंत्री मेहबूबा मुफ़्ती ने ब्लॉक किया है”-अनुवादित। उन्होंने तीन तस्वीरों को ट्वीट करते हुए दावा किया है कि यह आज की तस्वीरें है (3 अक्टूबर)। उन्होंने इन तीनों तस्वीरों को “फर्ज़ी ट्वीट्स” और “भारत विरोधी प्रचार” का जवाब बताया है।
तथ्य जांच: पुरानी तस्वीरें
कोहली के पोस्ट पर की गए कमेंट के आधार पर पता चलता है कि यह तस्वीरें पुरानी है। इन जानकारियों के आधार पर ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि ये तस्वीरें जिसे हाल का बताकर साझा किया गया है वास्तव में पुरानी है। हम इन सभी तस्वीरों की जांच बारी-बारी से करेंगे।
पहली तस्वीर
ऑल्ट न्यूज़ ने उपरोक्त तस्वीर का रिवर्स सर्च किया और हमें मार्च 2019 में समीर यासिर नामक एक पत्रकार द्वारा की गई एक ट्वीट मिली। केंद्र सरकार के अनुच्छेद 370 पर लिए गए फैसले के चार महीने पहले यानि की 22 मार्च, 2019 की ट्वीट में यह समान तस्वीर साझा की गई थी।
Two militants died in Baramulla and no hartel (strike) today in the town. And it is a Friday! pic.twitter.com/BB6yjhk1yR
— Sameer Yasir (@sameeryasir) March 22, 2019
दूसरी तस्वीर
यह तस्वीर अप्रैल 2017 के कश्मीर लाइफ द्वारा प्रकाशित एक लेख में दिखाई दी थी।
तीसरी तस्वीर
ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि उपरोक्त तस्वीर नवंबर 2016 में डेली एक्सेलसियर नामक जम्मू कश्मीर के एक दैनिक में प्रकाशित हुई थी। यह श्रीनगर की एक रिपोर्ट थी।
कश्मीर की पुरानी तस्वीरों को अनुच्छेद 370 पर लिए गए फैसले के कुछ हफ्तों बाद क्षेत्र में सामान्य स्थिति दर्शाने के लिए हालिया बताकर साझा किया गया।
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.
बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.