सोशल मीडिया यूज़र्स एक वीडियो शेयर कर रहे हैं. वीडियो में हथियारबंद लोग सड़कों पर लोगों को गोली मारते और उन्हें बंधक बनाते हुए दिख रहे हैं. इस वीडियो के आखिर में कथित तौर पर एक व्यक्ति का गला काटते हुए दिखाया गया है. बता दें कि ये वीडियो अफ़ग़ानिस्तान पर तालिबान के कब्ज़े के संदर्भ में इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि ये अफ़ग़ानिस्तान की किसी सड़क का दृश्य है. (आर्काइव लिंक)

ट्विटर यूज़र @ UmaShankar2054 ने इस वीडियो के दो मिनट तक के हिस्से को पोस्ट किया. (आर्काइव लिंक)

इस वीडियो का लंबा वर्ज़न व्हाट्सऐप पर काफ़ी शेयर किया जा रहा है. ऑल्ट न्यूज़ के व्हाट्सऐप नंबर (76000 11160) पर इस दावे की सच्चाई जानने के लिए कई रिक्वेस्ट मिलीं.

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फ़ैक्ट-चेक

वीडियो का लम्बा वर्ज़न देखने पर कई ऐसी चीज़े दिखतीं हैं जिनसे पता चलता है कि यहां असल में किसी को बंधक नहीं बनाया गया था.

1) वीडियो में 48 सेकेंड पर एक नकाबपोश आदमी कथित बंधक से बात करते हुए दिख रहा है. दोनों के पास माइक हैं. दरअसल, पहले वाले आदमी ने एक नोटपैड (जो शायद स्क्रिप्ट है) पकड़ रखा है. कुछ देर बाद लगभग 57 सेकेंड पर एक और आदमी स्क्रीन पर बंधक का माइक एडजस्ट करते हुए दिखता है.

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2) 1 मिनट 26 सेकेंड और 4 मिनट 15 सेकेंड पर एक कैमरापर्सन और एक फ़ोटोग्राफ़र स्क्रीन पर दिखते हैं. इसके अलावा, उन्हें वीडियो में और भी कई बार देखा जा सकता है.

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वायरल वीडियो का सच जानने के लिए, ऑल्ट न्यूज़ ने अच्छी तरह पश्तो भाषा बोलने वाले एक व्यक्ति से बात की. उन्होंने पुष्टि करते हुए बताया कि ये नाटक का ही वीडियो है. साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि स्क्रीन पर ऊपर बाईं ओर दिख रहा लोगो ‘अफ़ग़ान इंटरनेशनल’ नामक एक चैनल का है.

हमने देखा कि अफ़ग़ान इंटरनेशनल के यूट्यूब चैनल पर सितंबर 2019 में ये वीडियो अपलोड किया था. वीडियो के डिस्क्रिप्शन के मुताबिक, इसमें अफ़ग़ानिस्तान के मैदान वरदक प्रांत में स्थित जलरेज़ ज़िले के कलाकारों की पिटाई दिखाई गई है.

नीचे अफ़गान इंटरनेशनल का वीडियो और वायरल वीडियो के फ़्रेम की तुलना की गयी है. दोनों तस्वीरें इस तरह से ली गई हैं कि इनमें दिख रहा लोगो फ़ोकस में रहे.

सितंबर 2019 में पत्रकारों सहित कई लोकल ट्विटर यूज़र्स ने इस घटना के बारे में पोस्ट किया था. (पहला लिंक, दूसरा लिंक, तीसरा लिंक)

सर्च करने से पता चला कि जलरेज़ अक्सर ख़बरों में रहता है. द न्यू यॉर्क टाइम्स के अनुसार, जलरेज़ में पश्तून लोग बहुत हैं जो तालिबान से सबसे ज़्यादा नज़दीकी जातीय समूह है.

अफ़ग़ानिस्तान और पाकिस्तान की खबरें कवर करने वाले एक अंग्रेजी भाषा के न्यूज़ आउटलेट गांधार की रिपोर्ट के मुताबिक, तालिबान ने मई में जलरेज़ पर कब्ज़ा कर लिया था.

अफ़ग़ानिस्तान के जलरेज़ ज़िले के एक नुक्कड़ नाटक का वीडियो हाल में तालिबान द्वारा अफ़गानी लोगों को गोली मारने के रूप में शेयर किया गया. बूमलाइव ने भी इस वीडियो का फैक्ट-चेक किया था. गौर करें कि अफ़ग़ानिस्तान से हाल ही में हिंसा की खबरें आई हैं.


ज़ाइद हामिद ने अफ़गानिस्तान पर तालिबान के कब्ज़े के बाद टीवी पर वहां मौजूद हिन्दुओं के क़त्ल की बात कही?

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🙏 Blessed to have worked as a fact-checking journalist from November 2019 to February 2023.