लल्लनटॉप के सब एडिटर अभिषेक कुमार ने एक तस्वीर शेयर करते हुए दावा किया कि अफ़गानिस्तान एयरपोर्ट पर सिक्योरिटी चेक की जाने की ये तस्वीर है. (आर्काइव लिंक)
#afghanistan एयरपोर्ट पर सिक्योरिटी चेक की मनोरम तस्वीर.. मतलब एपिक है ये..! pic.twitter.com/oqNAljuvoa
— Abhishek Kumar (@Abhishakejee) August 17, 2021
फ़ेसबुक पर एक पेज ने ये तस्वीर इसी दावे के साथ पोस्ट की जिसे 7 हज़ार से अधिक लाइक्स मिले.
फ़ेसबुक पर ये तस्वीर वायरल है. और कुछ ट्विटर यूज़र इसे काबुल एयरपोर्ट की बताकर शेयर कर रहे हैं.
फ़ैक्ट-चेक
इस तस्वीर का रिवर्स इमेज सर्च करने से UK स्थित एक एंटरटेंमेंट ब्रांड LADbible द्वारा जुलाई 2015 में पोस्ट की गयी यही तस्वीर मिली. यानी, ये हाल ही तस्वीर तो बिल्कुल भी नहीं है.
हालांकि, पेज ने इस बारे में अधिक जानकारी नहीं दी है लेकिन ये वायरल हो रही तस्वीर से काफी साफ़ दिखती है. इसलिए हमने इस तस्वीर का फिर से रिवर्स इमेज सर्च किया. इस बार हमें सर्च रिज़ल्ट में एक वेबसाइट पर ये तस्वीर नवम्बर 2015 के आर्टिकल में मिली. आर्टिकल में दी गयी जानकारी के मुताबिक ये तस्वीर यमन की है.
इसके बाद हमें CBS न्यूज़ चैनल के पत्रकार का एक ट्वीट मिला जिसमें ये तस्वीर थी. 1 जुलाई 2015 को उन्होंने इस तस्वीर को पोस्ट करते हुए लिखा था, “यमन की यादें: हूती सैनिक रैली में जाने वाले एक व्यक्ति की जांच कर रहा. चाकू, कटार और मशीन गन्स ले जाने की अनुमति है.”
Memories from #yemen: Houthi soldier searching a man going into a rally: Qat, daggers & machine guns allowed! pic.twitter.com/TFevPYz9pv
— yemenfelix1 (@amtadros) July 1, 2015
की-वर्ड्स सर्च से हमें ‘CBS इवनिंग न्यूज़’ की एक वीडियो रिपोर्ट मिली. ये रिपोर्ट 16 जून 2015 की है. उस समय यमन में लगातार संकट की स्थिति बनी हुई थी. हमने देखा कि वीडियो में 1 मिनट 21 सेकंड पर वायरल तस्वीर जैसा दृश्य दिखता है. रिपोर्ट में बताया गया है कि ये हूती विद्रोही हैं जो चेक कर रहे हैं. नीचे तस्वीर से ये स्पष्ट हो जाता है. तस्वीर में दिखने वाले कुछ लोग वीडियो में भी दिखते हैं. इसके अलावा पीछे हरे रंग का एक खंभा भी दिखता है.
BBC की 2015 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तरी यमन में बसने वाले हूती विद्रोहियों ने देश के दूसरे हिस्सों पर हमला कर दिया था. राजधानी सना पर क़ब्ज़ा कर राष्ट्रपति को देश छोड़ने पर मजबूर किया. इसी रिपोर्ट में बताया गया है, “हूती शिया मुसलमान हैं, जिन्हें ईरान का समर्थन हासिल है. यमन के बाक़ी हिस्सों में बहुतायत सुन्नी मुसलमानों की है और हूती विद्रोहियों के ख़िलाफ़ बमबारी करने का नेतृत्व सऊदी अरब ने शुरू किया था.”
यानी, यमन की 2015 की तस्वीर शेयर करते हुए इसे अफ़गानिस्तान का बताया गया.
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