आरएसएस विरोधी नारों वाले बोर्ड हाथ में लिए एक महिला की तस्वीर को ट्विटर हैंडल इंडिया विथ RSS ने पोस्ट किया है। इसे स्वयंसेवको की स्वंतंत्र पहल के रूप में बताया गया है है। ट्वीट में लिखा गया है, “फीस बढ़ोतरी और आरएसएस के बीच क्या संबंध है?” (अनुवाद) इसके साथ फीस बढ़ोतरी के खिलाफ जारी प्रदर्शन को “किसी एक विचारधारा के तहत राजनितिक रूप से प्रेरित अभियान।” के रूप में पेश करके इसे बदनाम करने की कोशिश की गई है। इस पोस्ट को 1,100 बार लाइक और 500 से ज़्यादा बार रिट्वीट किया जा चूका है।

कई अन्य उपयोगकर्ता इस तस्वीर को समान दावे से ट्विटर और फेसबुक पर पोस्ट कर रहे हैं – “ये प्रोटेस्ट तो फीस बढ़ोतरी के विरोध में था, तो फिर ये RSS की तख्ती क्यों…?”

तथ्य जांच

इस तस्वीर को रूसी सर्च इंजन यांडेक्स पर रिवर्स सर्च करने से, ऑल्ट न्यूज़ को 2 फरवरी, 2016 को प्रकाशित कैच न्यूज़ का एक लेख मिला। लेख के शीर्षक के अनुसार, “#RohithVemula: पुलिस द्वारा की गई भयावह हमले की महिला चश्मदीद गवाह।”- (अनुवाद) इस लेख में विश्वविद्यालय की पीएचडी छात्रा के बारे में लिखा गया है, जो नई दिल्ली के झंडेवाला में स्थित आरएसएस कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन को लेकर कथित रूप से पुलिस द्वारा पीटे छात्रों की चश्मदीद गवाह थी। यह विरोध प्रदर्शन 30 जनवरी को हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के दिवंगत छात्र रोहित वेमुला की 27वें जन्मदिन पर हुआ था। यह विरोध प्रदर्शन महात्मा गांधी की पुण्यतिथि के दिन किया गया था। रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ छात्र आरएसएस को इन दोनों की मौत का आरोपी मान रहे थे।

स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया की जेएनयू यूनिट के फेसबुक पेज ने इस विरोध प्रदर्शन के वीडियो को पोस्ट किया था, जिसमें छात्रों को वही प्लेकार्ड के साथ देखा जा सकता है। SFI, CPI-M का एक छात्र निकाय है।

Police, RSS goons beating up students at Rohith protest in Delhi

Video of the brutal assault by the police and RSS goons against students who marched to the RSS office today (30 January 2016) in protest against the institutional murder of Rohith Vemula at Hyderabad Central University. The students demanded punishment to those who led the harassment and victimisation at the behest of the RSS-BJP which led to the death of Rohith. The students were demanding action against HCU VC Appa Rao and Union ministers Bandaru Dattatreya and Smriti Irani, and they were brutally beaten up by the police, joined in by RSS goons. Many media persons also were beaten up and their cameras smashed by the police. Our fight for justice for Rohith would go on, our struggle against casteism will move forward, battling casteist and communal-fascist forces like the RSS at every step.

Posted by SFI JNU Unit on Saturday, 30 January 2016

वीडियो में दूसरे सेकंड में, फ्रेम के ऊपर के हिस्से में आप समान नारों वाले प्लेकार्ड को देख सकते है, जिसमें लिखा है –“RSS मुर्दाबाद SFI” आप ऐसे ही प्लेकार्ड वाली तस्वीरों को उनके फेसबुक पेज पर भी देख सकते हैं।

हम उस स्थान का पता लगा पाए जहाँ यह तस्वीर खींची गयी थी। इस तस्वीर को ‘मंदिर दरगाह बाबा श्री पीर रतन नाथ जी’ के पास खिंचा गया था, जिसे आप गूगल मैप की तस्वीर में हरे रंग से निशान बनाए गए हिस्से में देख सकते हैं। इससे यह मालूम होता है कि वायरल तस्वीर SFI के छात्रों द्वारा आरएसएस कार्यालय के बाहर किये गए विरोध प्रदर्शन की है।

इस प्रकार, राजधानी में आरएसएस के खिलाफ किए गए छात्रों के विरोध प्रदर्शन की तीन साल पुरानी तस्वीर को जेएनयू के हालिया विरोध प्रदर्शन का बताकर इस प्रदर्शन पर राजनीतिक प्रभाव होने की बात कही गई।

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About the Author

Jignesh is a writer and researcher at Alt News. He has a knack for visual investigation with a major interest in fact-checking videos and images. He has completed his Masters in Journalism from Gujarat University.