सोशल मीडिया में एक वीडियो काफ़ी शेयर किया जा रहा है जिसमें कुछ लोग एक लड़का और लड़की को निर्वस्त्र हालत में घुमा रहे हैं. बैकग्राउंड में ढोल बजने की आवाज के साथ ही कुछ लोग ये भी कह रहे हैं “वीडियो बनाओ वीडियो.” दावा है कि ये घटना उत्तर प्रदेश के देवरिया में एक गांव सकरापार की है जहां पर दलित समुदाय के लड़का-लड़की को इसलिए निर्वस्त्र कर घुमाया जा रहा है क्योंकि वे फसल काटने के लिए नहीं पहुंचे थे. वीडियो की संवेदनशीलता को देखते हुए ऑल्ट न्यूज़ इसे आर्टिकल में शामिल नहीं कर रहा है.
ट्विटर पर जयपुर, राजस्थान के ABVP स्टेट सेक्रेटरी होशियार सिंह मीना ने ये वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा, “ये देवरिया के सकरापार कि घटना बताई है दलित के लड़के और लड़की को निर्वस्त्र कर मार रहे है फसल काटने नही आए सिर्फ इसलिए युवक और युवती को निर्दयता से निर्वस्त्र कर पिटाई की गई ये वीडियो कही का भी हो दोषियों के खिलाफ कार्यवाही होनी चाहिए @FOUNDERofMMES @RamlalAluda @Arjun_Mehar” (ट्वीट का आर्काइव लिंक)
इस घटना का एक और लंबा वीडियो इसी दावे के साथ फ़ेसबुक पर काफ़ी शेयर हो रहा है. ऑल्ट न्यूज़ के ऑफ़िशियल एंड्रॉइड ऐप और व्हाट्सऐप नंबर (+91 76000 11160) पर इस वीडियो की सच्चाई जानने के लिए कई रीक्वेस्ट आई हैं.
फ़ैक्ट-चेक
ये वीडियो अप्रैल 2017 में बांसवाड़ा, राजस्थान में हुई एक घटना का है. ऑल्ट न्यूज़ इस वीडियो की जांच अगस्त 2017 में कर चुका है जब ये गुजरात में दलितों के साथ हुए अत्याचार के दावे से शेयर किया जा रहा था.
दरअसल वीडियो में दिखने वाली घटना बांसवाड़ा, राजस्थान के शंभुपुरा गांव की है जहां पर एक ही परिवार के एक प्रेमी जोड़े के घर से भाग जाने की वजह से परिवारवालों ने उनके साथ ये सलूक किया था. इस गांव में ज़्यादातर लोग भील समुदाय के है. 19 अप्रैल 2017 के ‘हिंदुस्तान टाइम्स’ की रिपोर्ट में बताया गया है कि वीडियो में दिखने वाला 20 वर्षीय युवक अपने परिवार की एक लड़की से प्रेम करता था. वो दोनों परिवार से बचने के लिए गांव से भागकर गुजरात आ गए थे. लेकिन परिवारवालों ने उन्हें ढूंढ लिया और उन्हें वापस गांव ले आए. इस मामले में खाप पंचायत ने के फैसले के बाद लड़की और लड़के को इस तरह से निर्वस्त्र कर गांव में घुमाया गया.
रिपोर्ट में कलिंजरा पुलिस स्टेशन के स्टेशन हाउस ऑफ़िशर (SHO) रवींद्र सिंह के हवाले से बताया गया है कि पुलिस को इस घटना की जानकारी इस वीडियो के वायरल होने के बाद हुई थी. इस मामले में पुलिस ने परिवार के 5 लोग और 10 से 12 अज्ञात लोगों के खिलाफ़ शिकायत दर्ज की थी. पुलिस ने कुछ लोगों को गिरफ़्तार भी किया था. रिपोर्ट में बताया गया है कि पीड़ित लड़का-लड़की को काफ़ी चोटे आई थी जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया था.
‘मिरर नाउ’ ने 21 अप्रैल 2017 को इस घटना के बारे में एक वीडियो रिपोर्ट चलाई थी.
‘मिरर नाउ’ के ब्रॉडकास्ट में एसपी आनंद कुमार बताते है, “एक लड़का और लड़की, जो एक ही परिवार से हैं. वो कुछ दिन पहले भाग गए थे. ये एक कुटुंब का मामला था तो इन्होंने पुलिस में कोई रिपोर्ट नहीं दी और ये अपने स्तर पर ही तलाश करते रहे. कल वो इन्हें गुजरात में मिलें और फ़िर 10 या 12 बजे ये उन्हें गांव में लेकर आए. किसी को भी सूचना दिए बिना इन्होंने उनको निर्वस्त्र करके उनके साथ मार-पीट की. इस घटना की खबर किसी को नहीं हुई. उसके बाद उन्होंने लड़के को परिवारवालों को दे दिया और लड़की का कहीं विवाह कर दिया कल ही. जब व्हाट्सऐप पर इस घटना का वीडियो और फ़ोटोज़ वायरल हुए तब इसकी जानकारी पुलिस को हुई. SHO गांव में गए और वहां के सरपंच व अन्य लोगों से बात की. पहले तो किसी ने नहीं बताया लेकिन बाद में हमें पता चला कि ये घटना उसी गांव में हुई है. पुलिस बाद में लड़के के घर गई, लड़का पहले तो काफ़ी आनाकानी कर रहा था शिकायत दर्ज करवाने में लेकिन अब उसने FIR दी है ऐसी घटना की.”
इस तरह हमने देखा कि अप्रैल 2017 में राजस्थान के एक गांव में लड़का-लड़की को निर्वस्त्र कर घुमाने की घटना का वीडियो सोशल मीडिया में उत्तर-प्रदेश के देवरिया में हाल में हुई घटना का बताकर शेयर किया जा रहा है. वीडियो हालिया बताते हुए यूज़र्स ये झूठा दावा कर रहे है कि ये लड़का-लड़की दलित समुदाय से है और फसल न काटने की वजह से उनके साथ गांववालों ने ये सलूक किया.
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