24 जून को द हिन्दू ने रिपोर्ट किया, “पुणे ज़िले में 192 से भी ज़्यादा नए COVID-19 केस आये हैं जो कि 12 घंटे के दौरान अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है. ज़िले में कुल 17,403 केसेज़ हुए हैं.” इसी से जुड़ा एक वीडियो शेयर किया जा रहा है. इस 30 सेकंड के वीडियो में सड़क के किनारे पड़े हुए एक युवक को एक एम्बुलेंस में कुछ मेडिकल वर्कर्स बिठा रहे हैं. इन सभी मेडिकल वर्कर्स ने प्रोटेक्टिव सूट पहने हुए हैं. वीडियो के साथ किये जा रहे दावे में लिखा हुआ है, “पुणे में कोरोना के मरीज़ अब खुले में, पब्लिक जगहों पर दिखाई देने लगे हैं.”
कई ट्विटर यूज़र्स ने (यूज़र 1, यूज़र 2) ने इस वीडियो को शेयर किया है.
Corona patients have started appearing in public places on the streets of Pune 😢
The situation is dire, kindly please take care of yourself and your family
Stay safe …🙏🏻#corona #pune pic.twitter.com/Qr7UWBEyW5— Naser (@Naser23111034) June 23, 2020
ऑल्ट न्यूज़ को इस वीडियो की और इस दावे की सत्यता परखने के लिए ऑफ़िशियल एंड्रॉइड ऐप और व्हाट्सऐप नंबर (+917600011160) पर कई रीक्वेस्ट्स आईं.
फ़ैक्ट-चेक:
ऑल्ट न्यूज़ ने कीवर्ड सर्च किया और मालूम पड़ा कि ये वीडियो पुणे मिरर ने अपलोड किया था. उनकी रिपोर्ट के मुताबिक़ पुणे म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन के स्वास्थ्य अधिकारियों ने डेकन कॉर्नर पर एक मॉक ड्रिल करवाई थी. वो चाहते थे कि मामले से निपटने के ज़िम्मेदार लोगों का इमरजेंसी के वक़्त में रिस्पॉन्स टाइम जांचा जाए.
#PMC health officials conducted a mock drill at Deccan Corner to know the response time of concern authorities in case a COVID related emergency arises#coronavirus #coronavirusinindia #CoronaOutbreak pic.twitter.com/D4XQe6HEpX
— Pune Mirror (@ThePuneMirror) June 23, 2020
पुणे के मेयर मुरलीधर मोहोल ने भी इस वीडियो को ट्वीट किया और इस बाबत सफ़ाई दी कि ये एक मॉक ड्रिल का वीडियो है. उन्होंने मराठी में लिखा, “डेकन एरिया में कोरोना केसेज़ के चलते पुणे में आज एक मॉक ड्रिल का आयोजन करवाया गया था. इस ड्रिल को सिस्टम की जागरुकता चेक करने के लिए करवाया गया था. लेकिन इस वीडियो को अलग ही दावे के साथ सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है. कृपया इसपर ध्यान दें.”
पुण्यात आज डेक्कन परिसरात कोरोना संसर्गाच्या पार्श्वभूमीवर मॉक ड्रिल करण्यात आले होते. सर्व यंत्रणांची सतर्कता तपासण्यासाठी हे मॉक ड्रिल करण्यात येत असते. मात्र या व्हिडीओचा वापर करुन वेगळ्या अर्थाने समाजमाध्यमांमध्ये पसरवला जात आहे. कृपया आपण सर्वांनी याची नोंद घ्यावी ! pic.twitter.com/EPHYBR5Bv6
— Murlidhar Mohol (@mohol_murlidhar) June 23, 2020
इसलिए इस बात की तस्दीक की जा सकती है कि PMC के अधिकारियों द्वारा करवाई जा रही एक मॉक ड्रिल को कोरोना वायरस के मरीज़ का वीडियो बताकर सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है. इससे पहले भी भागलपुर केंद्रीय जेल और हाजीपुर जेल में हुई मॉक ड्रिल का वीडियो भी इस तरह के दावों के साथ शेयर किया गया था. पंजाब पुलिस की मॉक ड्रिल का एक वीडियो असल COVID-19 केस का वीडियो बताकर शेयर किया गया था.
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