सोशल मीडिया पर दो तस्वीरें वायरल हो रही हैं जिनमें दावा किया गया है कि कर्नाटक में एक ग़रीब, दिहाड़ी मजदूर के परिवार की लड़की रेवती ने UPSC की परीक्षा में तीसरा स्थान हासिल किया है. मेसेज में बताया गया है कि उसे IAS के लिए चुन लिया गया है. बंगाल भाजपा के स्टेट जॉइंट सेक्रेटरी अमिताभ चक्रवर्ती उन लोगों में से हैं जिन्होंने 27 जून 2020 को ये तस्वीरें ट्वीट की.

जम्मू और कश्मीर भाजपा के जिला उपाध्यक्ष अर्सलान मलिक ने भी दोनों तस्वीरें ट्वीट कीं.

देवेश कुमार चौबे नाम की फ़ेसबुक प्रोफ़ाइल से किये गए पोस्ट को 28,000 से ज़्यादा बार शेयर किया गया. ஆதி அகத்தியர் Aathi Agathiar नाम के ग्रुप से भी इसे 1,000 से ज़्यादा बार शेयर किया गया है.

इंस्टाग्राम पर भी ऐसे ही दावे किए जा रहे हैं.

2017 से हो रही वायरल

ये दोनों तस्वीरें सोशल मीडिया पर 2017 से वायरल हो रही हैं. Indian Administrative service – IAS नाम के फ़ेसबुक पेज से किये गए इस पोस्ट को 94,000 से ज़्यादा बार शेयर किया गया था.

कई यूज़र्स ने इसे 2017 में शेयर किया था.

भाजपा सांसद सोनल मानसिंह ने ये तस्वीर 7 जुलाई 2017 को शेयर की थी.

फ़ैक्ट-चेक

ऑल्ट न्यूज़ ने ने 2016 के UPSC परीक्षा के कैंडिडेट्स की पूरी लिस्ट देखी (रिज़ल्ट 2017 में घोषित किए गए) और पाया कि रेवती नाम की कोई कैंडिडेट नहीं थी जिसने तीसरा स्थान हासिल किया हो. दरअसल तीसरी रैंक पाने वाले कैंडिडेट का नाम गोपाल कृष्ण रोनंकी था.

गूगल इमेज सर्च ने हमें journalismpower.com नाम की तेलुगु वेबसाइट के लिंक पर पहुंचाया जहां 26 मार्च 2017 को रेवती के बारे में एक आर्टिकल पब्लिश किया गया था. आर्टिकल के मुताबिक वेकेंट रेवती आंध्रप्रदेश के कृष्णा जिले में अवनीगड्डा के एक ग़रीब परिवार से आती है. कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद रेवती ने आंध्रप्रदेश पुलिस की परीक्षा दी और सब-इंस्पेक्टर (SI) पद के लिए चुनी गईं. आर्टिकल में रेवती की दूसरी तस्वीर लगी है.

ऑल्ट न्यूज़ ने अवनीगड्डा पुलिस थाने से सम्पर्क किया जहां से SI रेवती का नंबर मिला. उन्होंने बताया कि वे IAS अफ़सर नहीं हैं. उनका पूरा नाम मथी वेंकट रेवती (28) है और वे मोदुमुड़ी गांव से आती हैं. वो फ़िलहाल राजमुंद्री ज़िले के दिशा पुलिस थाने में तैनात हैं. सब-इंस्पेक्टर रेवती ने ऑल्ट न्यूज़ के साथ अपनी हाल की तस्वीर भी शेयर की.

यानी ‘कर्नाटक की रेवती ने UPSC परीक्षा में तीसरी रैंक हासिल की’, ये झूठा दावा 2017 से वायरल हो रहा है. सच ये है कि वे 2017 में आंध्रप्रदेश पुलिस की परीक्षा देने के बाद सब-इंस्पेक्टर चुनी गई थीं.

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