पश्चिम बंगाल के बीरभूम हिंसा में कम से कम 8 घरों को जला दिया गया जिसमें महिला और बच्चों समेत 8 लोगों की मौत की ख़बर है. इसके बाद एक वीडियो शेयर किया जा रहा है. कहा जा रहा है कि गाड़ियों के शीशे तोड़ रहे ये लोग मुस्लिम समुदाय के हैं. वीडियो में दंगाईयों को रास्ते में कार पर हमला करते हुए देखा जा सकता है.

 

ये विडीयो कलकत्ता का है,
बंगाल में हालात एकदम पाकिस्तान जैसे बने हुए हैं,
और ये जो गाड़ियों
के शीशे तोड़ रहे हैं वो मुल्ले हैं, क्यूं कि इनको सड़क पर बैठ कर रोजे खोलने हैं,एसा पूरे देश में होने में देर नहीं है .70वर्षो में हिन्दू 8 राज्यों में अल्पसंख्यक होगये किसी को पता भी नहीं चला,,
अब सोचना पड़ेगा नहीं तो………?????????

Posted by Ansh Ansh on Wednesday, 23 March 2022

 

ऑल्ट न्यूज़ के व्हाट्सऐप नंबर पर भी इस दावे की असलियत पता करने की रिक्वेस्ट मिलीं.

This slideshow requires JavaScript.

2020 में इसे स्वीडन का वीडियो बताया गया था

इसे ट्विटर अकाउंट  @cbpunjabi ने स्वीडन का बताकर शेयर किया जिसे 50,000 से ज्यादा लोगों ने देखा. इस वीडियो में मुस्लिम समुदाय को अपमानित करने के मकसद से सुअर का एक एमोजी लगाया गया है.

अगस्त 2020 में स्वीडन को दंगों का सामना करना पड़ा था, जब मामलो (Mamlo), डेनमार्क की फ़ार-राइट पार्टी स्ट्रैम कुर्स (हार्ड लाइन) के सदस्यों ने इस्लाम के पवित्र ग्रन्थ कुरआन को जला दिया था. इससे पहले कुरआन-बर्निंग रैली में पार्टी नेता रेज़मस पलुडां (Rasmus Paludan) के जाने पर रोक लगी थी, जहां उन्हें नाॅर्डिक देशों (उत्तरी यूरोप और उत्तरी अटलांटिक देश) में इस्लामीकरण पर बैठक करनी थी. पलुडां एक कट्टर नेता भी हैं जिन्हें यूट्यूब पर नस्लवाद को बढ़ावा देने के लिए भी दोषी ठहराया जा चुका है. इनमें वो वीडियोज़ भी शामिल हैं जब उन्होंने कुरआन को सुअर के मांस में लपेट कर जला दिया था.

स्वीडन में ऐंटी-इस्लाम प्रदर्शनों के बाद ये वायरल वीडियो मुस्लिम समुदाय का बताकर शेयर किया जा रहा है जिसमें लोग राह चलती कारों पर हमला करते नज़र आ रहे हैं.

स्विट्ज़रलैंड का पुराना वीडियो

इस वीडियो का ऑल्ट न्यूज़ ने 4 साल पहले भी फ़ैक्ट चेक किया था. उस वक्त इसे ब्रिटेन के बर्मिंघम में मुस्लिमों के प्रदर्शन करने के ग़लत दावे के साथ शेयर किया गया था. हमने पाया था कि ये घटना ब्रिटेन नहीं बल्कि स्विट्ज़रलैंड के बेसल (Basel) की हैं. इसके साथ ही, इस वीडियो का इस्लाम से कोई लेना देना नहीं है.

वीडियो में दिख रही तोड़-फोड़ बेसल और लुसर्न फ़ुटबॉल क्लब के बीच हुए फ़ुटबॉल मैच से सम्बंधित है. ये हिंसा बेसल के बर्सट्रासा में 19 मई, 2018 को हुई थी. रिपोर्ट के अनुसार, इस उपद्रव में करीब 90 लोग शामिल थे जिनमें से 2 को गिरफ़्तार किया था. इस मुठभेड़ में 2 अन्य लोग घायल हुए थे. इस घटना की स्विट्ज़रलैंड में मीडिया ने बड़े स्तर रिपोर्टिंग की थी.

यही वीडियो ‘ब्राज़ील में उपद्रव‘ के ग़लत दावे के साथ शेयर किया गया था.

यानी, एक पुराने वीडियो को पहले स्वीडन में मुस्लिम समुदाय का उपद्रव बताकर शेयर किया किया गया. और अब इसे पश्चिम बंगाल में मुस्लिमों का उत्पात बताया जा रहा है. जबकि असल में ये स्विट्ज़रलैंड में फ़ुटबॉल प्रेमियों द्वारा की गयी हिंसा का वीडियो है.

डोनेट करें!
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.

बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.

About the Author

Pooja Chaudhuri is a researcher and trainer at Bellingcat with a focus on human rights and conflict. She has a Master's in Data Journalism from Columbia University and previously worked at Alt News.