सोशल मीडिया पर लोगों में शराब बांटने का एक वीडियो काफ़ी शेयर किया जा रहा है. वीडियो की शुरुआत में पगड़ी पहना एक व्यक्ति दिखता है. यूज़र्स ये वीडियो शेयर करते हुए लिख रहे हैं, “किसान आंदोलन. मुफ़्त में बांटी जा रही शराब (अनुवादित)”. ट्विटर यूज़र रेणुका जैन ने ये वीडियो इसी मेसेज के साथ ट्वीट किया. आर्टिकल लिखे जाने तक इस वीडियो को 96 हज़ार बार देखा जा चुका है (आर्काइव लिंक). सोशल मीडिया पर पहले भी कई बार रेणुका जैन ने गलत जानकारियां शेयर की हैं.
Farmers protests.
Free liquor distribution pic.twitter.com/QXh9sQWATi
— #RenukaJain (@RenukaJain6) February 6, 2021
फ़ेसबुक यूज़र बीजेपी संजय अग्रवाल ने ये वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, “यही कारण है..सिंधु-संभु बार्डर से किसानों को घर छोड़कर पड़े रहने का.”. आर्टिकल लिखे जाने तक इस वीडियो को 10 हज़ार बार देखा जा चुका है. (आर्काइव लिंक)
यही कारण है..सिंधु-संभु बार्डर से किसानों को घर छोड़कर पड़े रहने का.👇
Posted by Bjp Sanjay Agrawal on Saturday, 6 February 2021
फ़िल्म निर्माता, मोदी सपोर्टर और कई मौकों पर ग़लत जानकारी शेयर करने वाले अशोक पंडित और सेलफ़्रेम कॉर्पोरेशन के प्रेसिडेंट अरुण पुदुर (आर्काइव लिंक) ने ये वीडियो किसान प्रदर्शन से जोड़कर शेयर किया है.
Was looking out for #YogendraYadav .
Rest the video says it all. pic.twitter.com/oknRkjEKkA— Ashoke Pandit (@ashokepandit) February 7, 2021
ये वीडियो फ़ेसबुक और ट्विटर पर वायरल है.
फ़ैक्ट-चेक
की-वर्ड्स सर्च करने पर हमें ये वीडियो अप्रैल 2020 में शेयर किया हुआ मिला. 12 अप्रैल 2020 के रोज़ यूट्यूब पर अपलोड किये गए इस वीडियो के साथ बताया गया है कि लॉकडाउन के दौरान ये इंसान शराब बांट रहा है.
फ़ेसबुक पर भी ये वीडियो 11 अप्रैल 2020 को पोस्ट किया गया था.
कोरोना महामारी के दौरान शराब की दुकानें 40 दिनों तक बंद रही थी. 24 अप्रैल 2020 की द टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, शराबियों और ड्रग अडिक्ट लोगों के परेशान होकर नेशनल हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करने के मामलों में 200 प्रतिशत का उछाल आया था.
आउटलुक ने 13 अप्रैल 2020 को एक वीडियो पोस्ट किया था जिसमें हैदराबाद का एक इंसान मुफ़्त में शराब बांटते हुए दिख रहा है.
यानी, अप्रैल 2020 से इंटरनेट पर मौजूद वीडियो हाल के किसान प्रदर्शन से जोड़कर शेयर किया गया कि किसान आंदोलनकारी मुफ़्त में बांटी जा रही शराब लेने के लिए इकट्ठा हुए.
फ़र्ज़ी पत्रकारों की फ़र्ज़ी कहानी से लेकर किसानों के ख़िलाफ़ प्रदर्शन करने वाले भाजपा वर्कर्स की असलियत तक :
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