शहर में उड़ान भरते पंछियों के झुंड का एक वीडियो इस दावे के साथ वायरल हो रहा है कि इसे चंडीगढ़ के कालका रोड पर, कोरोना वायरस से बचाव के लिए लगाए गए लॉकडाउन के दौरान शूट किया गया. 9 अप्रैल, 2020 को फ़ेसबुक यूज़र प्रवीण चौबे ने वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, “चंडीगढ़ कालका रोड… प्रकृति अपने मूल में लौट रही है.” इस पोस्ट को लगभग 800 बार शेयर किया जा चुका है.

Chandigarh kalka Road… Nature is back to its basics

Posted by Praveen Chaubey on Thursday, 9 April 2020

ट्विटर और फ़ेसबुक पर कई और भी लोगों ने वीडियो को सेम दावे के साथ शेयर किया है.

इस वीडियो का फ़ैक्ट-चेक करने के लिए हमारे ऑफ़िशियल एंड्रॉयड ऐप पर कई रिक्वेस्ट्स आईं है.

फ़ैक्टचेक

ऑल्ट न्यूज़ को पता चला कि चंडीगढ़ का बताकर शेयर किया जा रहा वीडियो असल में अहमदाबाद के रिवर फ़्रंट का है. पंछियों के संयोजन बनाकर साथ उड़ने की घटना को कलरव करना (या Murmuration) कहते हैं. इस वीडियो को ‘टाइम्स ऑफ़ इंडिया‘ ने अपने ऑफ़िशियल यूट्यूब चैनल पर 12 फ़रवरी, 2020 को अपलोड किया था. इसलिए, ये स्पष्ट है कि वीडियो हालिया देशव्यापी लॉकडाउन से संबंधित नहीं है. भारत में पूर्ण लॉकडाउन 24 मार्च की मध्यरात्रि से चल रहा है.

रिपोर्ट के अनुसार, “अहमदाबाद के लोग उस वक़्त चकित रह गए जब सैकड़ों पंछियों ने आसमान में एक साथ उड़ान भरी. रिवरफ़्रंट के पास इस अद्भुत दृश्य को देखकर लोग मंत्रमुग्ध थे. सैकड़ों पंछियों के साथ में उड़ने के वीडियो में कोई तारीख़ नहीं लिखी है, ये सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. साथ में उड़ने की इस घटना को कलरव करना कहते हैं, जब पंछी गोता लगाते हुए, आसमान में लयबद्ध उड़ान भरते हैं.”

इसलिए, अहमदाबाद में पंछियों की लयबद्ध उड़ान के दो महीने पुराने वीडियो को 21 दिनों के लॉकडाउन के दौरान चंडीगढ़ के कालका रोड पर “प्रकृति में रंग लौटने”, के ग़लत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है.

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About the Author

Jignesh is a writer and researcher at Alt News. He has a knack for visual investigation with a major interest in fact-checking videos and images. He has completed his Masters in Journalism from Gujarat University.