एक आदमी पर कुल्हाड़ी से बेरहमी से हमला करते दो लोगों का वीडियो कोरोना वायरस महामारी की पृष्ठभूमि में सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है. दावा किया जा रहा है कि वीडियो में दिख रही घटना राजस्थान के जैसलमेर की है, जहां रेवंत सिंह नाम के एक व्यक्ति को मौत के घाट उतार दिया गया. ‘दैनिक जागरण‘ की रिपोर्ट के मुताबिक़, रेवंत सिंह ने 22 मार्च को प्रधानमंत्री मोदी के ‘थाली बजाओ’ इवेंट में हिस्सा लिया था. इस वजह से स्थानीय लोगों ने इकट्ठा होकर 4 अप्रैल को उसपर हमला कर दिया, कुछ दिनों बाद रेवंत सिंह की मौत हो गई. रेवंत सिंह के भतीजे ने शाहिद ख़ान, सादिक ख़ान और हमतुल्लाह पर प्राथमिकी दर्ज कराई है.

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो नीचे लिखे मेसेज के साथ शेयर किया गया, “राजस्थान के जैसलमेर ज़िले में उपद्रवी तत्वों ने रेवंत सिंह को बेरहमी से मार दिया. रेवंत सिंह का कसूर यही था कि उन्होंने मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में ताली बजा कर प्रधानमंत्री के मुहिम का समर्थन किया, यही है देश की गंगा-जमुनी तहजीब.”

यही वीडियो एक अलग मेसेज के साथ भी शेयर किया गया, जिसमें दावा किया जा रहा है कि राजस्थान के जैसलमेर के पोखरण गांव में ‘जिहादी आतंकवादियों’ ने रेवत सिंह को इसलिए मार दिया क्योंकि उसने लॉकडाउन में बाहर निकलने पर आपत्ति जताई थी. फ़ेसबुक पेज विश्व हिन्दू रक्षा संगठन-बिहार ने वीडियो को इस दावे के साथ पोस्ट किया है, “लॉक डाउन के दौरान जिहादी आतंकवादियो को घर से दूर रहने को कहना पड़ा भारी एक हिंदू भाई रेवत सिंह तंवर माडवा ( पोकरण) की हत्या कर दी प्रशासन से निवेदन है कि दोषियों तुरंत गिरफ्तार करें। सब्र टूट गया तो सम्भालना मुश्किल हो जाएगा.” इस पोस्ट को 700 से अधिक बार शेयर किया जा चुका है.

(चेतावनी: ये वी़डियो बेहद वीभत्स है, इसलिए हम अपनी रिपोर्ट में इस वीडियो को नहीं लगा रहे हैं. जो देखना चाहते हैं, इस लिंक पर क्लिक करके देख सकते हैं. अपने विवेक का इस्तेमाल करें)

इस वीडियो की पुष्टि के लिए ऑल्ट न्यूज़ के ऑफ़िशियल एंड्रॉइड ऐप पर कई रिक्वेस्ट्स आईं है.

पाकिस्तान का वीडियो

ऑल्ट न्यूज़ ने इनविड (InVid) की मदद से वीडियो को कई फ़्रेम्स में अलग किया और गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च की प्रक्रिया अपनाई. ये हमें एक ट्वीट तक ले गया जिसमें इसी वीडियो को एक पाकिस्तानी यूज़र ने 1 अप्रैल को शेयर किया था. एक अन्य यूज़र ने इस ट्वीट के रिप्लाई में लिखा कि नृशंस घटना के दोनों आरोपियों को गिरफ़्तार कर लिया गया है.

इसी वीडियो को, यूट्यूब पर, 24 मार्च को अपलोड किया गया था. डिस्क्रिप्शन के अनुसार, पाकिस्तान के गोजरा में नोमान शाहिद नामक व्यक्ति पर हमला किया गया था. डिस्क्रिप्शन में “चक 179 जीबी” शब्द का प्रयोग भी किया गया था.

इस आधार पर कीवर्ड्स सर्च करने पर हमें पाकिस्तानी मीडिया संस्थानों की कई रिपोर्ट्स मिलीं. ‘द नेशन‘ ने इस घटना की ख़बर 25 मार्च को दी थी: “दो लोगों पर आरोप है कि उन्होंने मंगलवार को चक 179 जीबी में एक लड़के के दोनों हाथ और पैर काट दिए.” गोजरा पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के टोबा टेक सिंह में पड़ता है.

31 मार्च की ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून‘ की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस व्यक्ति पर उसके ससुराल के लोगों ने कुल्हाड़ी से हमला किया था क्योंकि उसके निक़ाह को लड़की के घरवालों ने स्वीकार नहीं किया था. हमले में बुरी तरह घायल व्यक्ति की पहचान नोमान शाहिद के तौर पर हुई है. जिस महिला से उसने निक़ाह किया, उसका नाम सना बीबी है.

रिपोर्ट में आगे ज़िक्र है, “पीड़ित के पिता शाहिद रियाज़ ने केस दर्ज़ करवाया है. पुलिस ने रिज़वान और शाहिद को गिरफ़्तार किया और उसके सहयोगियों की तलाश तेज़ कर दी है. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि तीसरा संदिग्ध, अर्शलान, दक्षिणी पंजाब में छिपा हुआ है.”

इस घटना को भारतीय मीडिया संस्थानों ने भी कवर किया था. पीटीआई के मुताबिक़, इस व्यक्ति की उम्र 23 साल थी और इस हमले में शरीर के कई हिस्से अलग हो गए. पुलिस अधिकारी शोएब क़ुरैशी ने बताया कि नोमान को फ़ैसलाबाद के अलाइड अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया.

इसलिए, पाकिस्तान के पंजाब में सम्मान के नाम पर की गई हिंसा के वीडियो को ग़लत तरीक़े से राजस्थान के जैसलमेर से जोड़ा गया और झूठा दावा किया गया कि मुसलमानों की भीड़ ने कथित तौर पर एक व्यक्ति को जान से मार दिया.

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Pooja Chaudhuri is a senior editor at Alt News.