एक वीडियो शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि ‘फ़्रांस ने मुस्लिमों के खिलाफ़ युद्ध छेड़ दिया है.’ कहा गया है, ‘पेरिस का द ग्रेट मॅास्क ऑफ़ क्लिशी और अन्हालू’ में तबाही मचाई गयी और मुस्लिम समुदाय के लोगों को पीटा गया.

हाल ही में एक फ़्रेंच टीचर सेमुएल पैटी की गला काट कर हत्या कर दी गयी थी. सेमुएल पैटी ने कक्षा को अभिव्यक्ति की आज़ादी पढ़ाने के दौरान पैगम्बर मोहम्मद पर एक विवादित कार्टून दिखा दिया था जिसके बाद 18 वर्षीय अब्दुलाख अन्ज़ोरोव ने उनकी बेरहमी से हत्या कर दी थी. राष्ट्रपति इमेनुएल मैक्रों ने खुले तौर पर उस कार्टून का समर्थन किया. इस्लाम में पैगम्बर मोहम्मद का विज़ुअल चित्रण विवादास्पद मुद्दा है. मैक्रों ने ‘फ़्रांस में ‘इस्लामिक अलगाववाद‘ से भी लड़ने की बात कही. मैक्रों की मुस्लिमों और इस्लाम पर टिपण्णी के बाद कई देश फ़्रेंच उत्पादों का बॅायकॅाट कर रहे हैं. एक बार फिर 30 अक्टूबर को एक अन्य मुस्लिम नौजवान ने हमला किया जिसमें फ़्रांस के नीस में 3 लोगों की मौत हो गयी.

ये वीडियो फे़सबुक पर एक अन्य कैप्शन के साथ भी वायरल है, “फ्रे़ंच राष्ट्रपति के घर के आगे प्रदर्शन.”

ऑल्ट न्यूज़ केऑफ़िशियल एंड्राइड ऐप पर इसके फै़क्ट चेक के लिए रिक्वेस्ट भी आई है.

जर्मनी का वीडियो

ऑल्ट न्यूज़ ने वीडियो के फ़्रेम्स निकाल कर इनका रिवर्स इमेज सर्च किया. फ़्रेम्स के साथ ही हमने कीवर्ड ‘muslim protest allahu akbar’ सर्च किया. हमें ‘दुनिदा इस्लामका मीडिया इस्लामिक वर्ल्ड मीडिया’ फे़सबुक पेज का एक पोस्ट मिला. पोस्ट में यही क्लिप इस कैप्शन के साथ था, “ये जर्मनी का हैम्बर्ग शहर है, या अल्लाह, इस्लाम पर बरकत कर. (Waa Magaalada Hamburg ee dalka Germany, Allahayow quweey islaamka).”

इससे हिंट लेते हुए जब कीवर्ड किया गया तो हमें जर्मन आउटलेट NDR न्यूज़ का 11 जनवरी, 2020 का एक आर्टिकल मिला जिसमें इस घटना के बारे में रिपोर्ट की गयी है. जर्मनी की कुछ अन्य मीडिया आउटलेट्स ने भी इस प्रदर्शन पर आर्टिकल्स पब्लिश किये हैं.

इन रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन में उइगर समुदाय के साथ दुर्व्यवहार के खिलाफ़ हैम्बर्ग के सेंट जॉर्ज में 2,000 लोगों ने प्रदर्शन किया था. पिछले साल दिसम्बर में चीन में उइगर मुस्लिमों से साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ़ विश्व के कई हिस्सों में विरोध हो रहे थे. चीन उइगर मुस्लिमों पर अत्याचार की रिपोर्ट ख़ारिज करता है और कंसंट्रेशन कैंप को ‘पुनर्शिक्षा’ केंद्र बताता है. एक यूट्यूब चैनल ने जर्मनी के हैम्बर्ग में हुए इस प्रदर्शन का वीडियो 11 जनवरी, 2020 को अपलोड किया था.

हमने विरोध प्रदर्शन में दिख रही जगह को गूगल स्ट्रीट व्यू में भी चेक किया. नीचे देखा जा सकता है कि दोनों जगह एक ही है.

इसी वीडियो को पहले भी इटली का बताकर शेयर किया जा चुका है. इसका AFP ने फै़क्ट चेक किया था.

वायरल वीडियो जिसमें लोग ‘अल्लाहू अकबर’ के नारे लगा रहे हैं, जर्मनी का है. ‘फ़्रांस का मुस्लिमों के खिलाफ़ युद्ध’ का दावा बिलकुल ग़लत है.

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Aqib is monitoring and researching mis/disinformation at Alt News