सोशल मीडिया पर 02:47 मिनट का एक वीडियो वायरल हो रहा है. दावा किया जा रहा है कि चीन में साधुओं ने मंत्रोच्चार करते हुए हेलिकॉप्टर से गाय के गोबर और गौमूत्र का छिड़काव किया. ये वीडियो उस वक़्त में सर्कुलेट हो रहा है, जब कोरोना वायरस की वजह से, पूरे भारत में, आवश्यक सेवाओं को छोड़कर, पूर्ण लॉकडाउन है. वहीं चीन ने संक्रमण के मामलों में कमी आने के बाद प्रतिबंधों में ढील दे दी है.

इस वीडियो को ‘नरेंद्र मोदी फ़ैन्स फ़्रॉम करुणाडु’ नामक फ़ेसबुक पेज ने शेयर किया. इस पेज को फ़ेक न्यूज़ पोर्टल ‘पोस्टकार्ड न्यूज़’ संचालित करता है. ये वीडियो इसी दावे के साथ फ़ेसबुक पर वायरल है. इसके साथ चल रहे मैसेज में लिखा है, “गाय के गोबर, गौमूत्र और आम के पेड़ के पत्तों के मिश्रण’ का हेलिकॉप्टर से मंत्रोच्चार के साथ छिड़काव करते हुए चीनी साधु. अगर ये भारत में होता, तो वो लोग इसे अंधविश्वास कहते और उन लोगों को संघी, गोबर खाने और गौमूत्र पीने वाला बताते.”

 

ಚೀನಾದವರು ವಿಮಾನದಿಂದ ಭೂಮಿಗೆ ಹರಿಶಿನ ನೀರು ಮತ್ತು ಗೋ ಮೂತ್ರದಿಂದ ಮಂತ್ರ ಪೂರ್ವಕ ಪುಣ್ಯಾಹ ಮಾಡಿ ಮಾವಿನ ಎಲೆಯಿಂದ ಪ್ರೋಕ್ಷಣೆ ಮಾಡಿ ಕರೋನಾ ವೈರಸ್ ನಿಂದ ಕಾಪಾಡಲು ಪ್ರಾರ್ಥನೆ ಮಾಡುತ್ತಿದ್ದಾರೆ.

ಚೀನಾದವರು ಮಾಡಿದರೆ ದೈವ ನಂಬಿಕೆ. ಭಾರತದವರು ಮಾಡಿದರೆ ಮೂಢ ನಂಬಿಕೆ.

Posted by Narendra Modi fans from Karunadu on Monday, 23 March 2020

ये वीडियो तमिल में भी वायरल हो रहा है, “हल्दी वाले पानी और आम के पेड़ के पत्तों के साथ हेलिकॉप्टर में वैदिक मंत्रों का उच्चारण कर रहे हैं और चीन में कोरोना को खत्म कर रहे हैं.” (மஞ்ச தண்ணி மாவிலை தர்பை வைத்து ஹெலிகாப்டர் மூலமாக வேத மந்திரம் ஒத சீனாவில் கொரோனாவை விரட்டுகிறார்கள் பாருங்கள்.)

मराठी में वायरल हो रहे मैसेज में लिखा है, “चीन ने हळदी व गोमूत्र ह्याची मंत्रोकत फवारणी सुरू केली तेच आपण केलं तर टिंगल टवाळी सुरू होते.”

इसी तरह मलयालम में भी : “ഗോമൂത്രവും ചാണകവെള്ളവും മാവിലയും ചേർത്ത മിശ്രിതം – ത്രി പിടക സൂക്തങ്ങൾ ചൊല്ലിക്കൊണ്ട് പുരോഹിതർ ഹെലികോപ്ടറിലിരുന്ന് ചീനയിലെ അതിർത്തിയിൽ മ്യാൻമറിന്റെ വായു മണ്ഡലത്തിൽ തളിക്കുന്നു.. ഇത് ഇവിടെയാണെങ്കിൽ ” അന്ധവിശ്വാസം -സംഘി – ചാണകം – പശു മൂത്രം കുടിയൻ എന്നൊക്കെ കേൾക്കേണ്ടി വരും”

ऑल्ट न्यूज़ को इस वीडियो के फ़ैक्ट-चेक के लिए व्हॉट्सऐप (+91 76000 11160) और ऑफ़िशियल एंडॉयड ऐप पर कई रिक्वेस्ट्स मिलीं.

म्यांमार का पुराना और असंबंधित वीडियो

ऑल्ट न्यूज़ ने इनविड की मदद से वायरल वीडियो की पड़ताल की. हमने वीडियो को कई फ़्रेम्स में तोड़ा और एक फ़्रेम को गूगल पर ‘मॉन्क्स हेलिकॉप्टर’ कीवर्ड की मदद से तलाशा. तब हमें ‘इनासाइट म्यांमार’ नाम का एक ब्लॉग मिला. इसमें 17 मार्च, 2020 की तारीख का Shwe Lan Ga Lay का एक यूट्यूब लिंक भी था. इसमें दावा किया गया था कि पुजारियों ने म्यांमार में कोविड-19 महामारी की आशंका के बीच मंत्रोच्चार के साथ जल का छिड़काव किया.

हालांकि, ऑल्ट न्यूज़ को एमएसएन का एक लेख भी मिला, जिसमें एडिटर्स नोट में लिखा था, “कई पाठकों ने कहा है कि असली वीडियो कोरोना वायरस संकट से पहले का है. हम अपनी रिपोर्टिंग की शुद्धता में विश्वास रखते हैं और इस वक़्त इस वीडियो की पुष्टि करने का प्रयास कर रहे हैं.”

हमने म्यांमार के पत्रकार केप डायमंड से संपर्क साधा, उन्होंने चार दिसंबर, 2019 का एक फ़ेसबुक पोस्ट हमसे साझा किया. आगे सर्च करने पर, हमें उस व्यक्ति का फ़ेसबुक प्रोफ़ाइल मिला, जिसने वीडियो शूट कर सोशल नेटवर्किंग प्लेटफ़ॉर्म पर अपलोड किया था. ये भी चार दिसंबर को शेयर किया गया था और इसमें कोरोना वायरस का कोई ज़िक्र नहीं था.

ကျနော်တို့ မိုးကုတ်မြို့ရှုခင်းကို
ကြည့်ရှုခံစားတဲ့…

Posted by သခင္မ်ိဳး ပတၱျမားေျမေအာင္ on Wednesday, 4 December 2019

हमें इनमें से एक मॉन्क (सबसे दाईं ओर, हरे रंग से हाईलाइट किया गया है) का फ़ेसबुक प्रोफाइल भी मिला. हरे में हाईलाइटेड दूसरे व्यक्ति, जिसने हेडसेट पहन रखा है, ने ही ये वीडियो शूट किया था.

ये वीडियो कोरोना वायरस का संकट शुरू होने से बहुत पहले का है. चीनी वैज्ञानिकों ने जनवरी, 2020 के पहले हफ़्ते में बताया था कि चीन में सार्स कोरोना वायरस के नए रूप, नोवेल कोरोना वायरस, की वजह से निमोनिया की तरह के मामले बढ़ रहे हैं. म्यांमार में कोरोना वायरस का पहला मामला 23 मार्च, 2020 को दर्ज किया गया.

इसलिए , बर्मीज साधुओं के धार्मिक मंत्रोच्चार और हेलिकॉप्टर से पानी के छिड़काव के वीडियो को ग़लत तरीके से ये बताकर शेयर किया गया कि चीनी साधु वायरस का संक्रमण रोकने के लिए गौमूत्र का छिड़काव कर रहे हैं.

नोट: भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 1000 के पार जा पहुंची है. इसकी वजह से सरकार ने बुनियादी ज़रुरतों से जुड़ी चीज़ों को छोड़कर बाकी सभी चीज़ों पर पाबंदी लगा दी है. दुनिया भर में 7 लाख से ज़्यादा कन्फ़र्म केस सामने आये हैं और 34 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. लोगों में डर का माहौल बना हुआ है और इसी वजह से वो बिना जांच-पड़ताल किये किसी भी ख़बर पर विश्वास कर रहे हैं. लोग ग़लत जानकारियों का शिकार बन रहे हैं जो कि उनके लिए घातक भी साबित हो सकता है. ऐसे कई वीडियो या तस्वीरें वायरल हो रही हैं जो कि घरेलू नुस्खों और बेबुनियाद जानकारियों को बढ़ावा दे रही हैं. आपके इरादे ठीक हो सकते हैं लेकिन ऐसी भयावह स्थिति में यूं ग़लत जानकारियां जानलेवा हो सकती हैं. हम पाठकों से ये अपील करते हैं कि वो बिना जांचे-परखे और वेरीफ़ाई किये किसी भी मेसेज पर विश्वास न करें और उन्हें किसी भी जगह फ़ॉरवर्ड भी न करें.

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