4 दिसंबर को नागालैंड के मोन ज़िले में तिरु क्षेत्र से कोयला खनिकों को ले जा रही एक पिकअप वैन पर सेना की एक स्पेशल यूनिट ने शाम 5 बजे के आसपास ग़लती से गोलियां चला दीं. द हिंदू ने रिपोर्ट किया कि करीब 15 नागरिक और एक सैनिक इस घटना में मारे गए. दो दिन बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने घटना का स्वत: संज्ञान लिया.

इस मामले के सन्दर्भ में एक पूर्व रक्षा अधिकारी और लाइफ़ कोच A K नैथानी ने एक वीडियो ट्वीट किया. वीडियो में दो नागरिक चाकू लेकर सैनिकों को धमकाते हुए देखे जा सकते हैं. वीडियो में सैनिक खुद का बचाव करते हुए ज़मीन पर गोलियां चलाते हुए दिख रहे हैं.

एक यूज़र ने A K नैथानी से पूछा कि क्या वीडियो नागालैंड का है. तो उन्होंने जवाब दिया, “ये बात (कि वीडियो नागालैंड का है) नहीं मानने का मेरे पास कोई कारण नहीं है.”

ट्विटर यूज़र MJ ऑगस्टीन विनोद के बायो में ‘ग्रुप कैप्टन (रिटायर्ड)’ लिखा है. विनोद ने नैथानी के वीडियो को ट्वीट करते हुए नागालैंड के नागरिकों पर आरोप लगाया कि उन्होंने सेना को गोली चलाने के लिए उकसाया. ट्विटर यूज़र कैप्टन आलोक त्यागी ने इसी तरह के दावे के साथ वीडियो शेयर किया.

बीजेपी नेता राजीव चंद्रशेखर ने विनोद का ट्वीट लाइक किया.

BJP नेता अश्विनी उपाध्याय ने बिना किसी दावे के साथ ये वीडियो 10 दिसम्बर को पोस्ट किया.

ऑल्ट न्यूज़ के व्हाट्सऐप नंबर (+91 76000 11160) पर इस दावे की सच्चाई जानने के लिए कई रिक्वेस्ट मिली. वीडियो के साथ शेयर किये जा रहे मेसेज में नागरिकों की मौत को “समझाया” गया है. मेसेज का क्रेडिट एक सैन्य अधिकारी को दिया गया है.

कोलंबिया का पुराना वीडियो

वीडियो के एक फ़्रेम का रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमने देखा कि इसे 2018 में कोलंबिया स्थित न्यूज़ आउटलेट नोटिसियास काराकोल टीवी ने पब्लिश किया था. रिपोर्ट के अनुसार, ये घटना ग्रामीण कोरिंटो के हाशिंडा मिराफ्लोरेस की है. ये एरिया कोलंबिया के काउका विभाग के अधिकार क्षेत्र में आता है

कोलंबिया स्थित मीडिया आउटलेट Movimiento MAIS और Pulzo ने भी इस घटना पर रिपोर्ट पब्लिश की थी. MAIS ने 2018 में ये वीडियो अपलोड करते हुए बताया था कि ये घटना कोरिंटो में हुई थी.

5 जनवरी, 2018 को कोलंबिया के पूर्व राष्ट्रपति ख़्वान मैनुएल सांतोस ने इस घटना पर अफ़सोस जताया था.

इस तरह, नागालैंड में भारतीय सेना द्वारा मारे गए 15 नागरिकों की मौत को सही ठहराने के लिए कोलंबिया का एक पुराना वीडियो ग़लत दावे के साथ शेयर किया गया.

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🙏 Blessed to have worked as a fact-checking journalist from November 2019 to February 2023.