4 दिसंबर को नागालैंड के मोन ज़िले में तिरु क्षेत्र से कोयला खनिकों को ले जा रही एक पिकअप वैन पर सेना की एक स्पेशल यूनिट ने शाम 5 बजे के आसपास ग़लती से गोलियां चला दीं. द हिंदू ने रिपोर्ट किया कि करीब 15 नागरिक और एक सैनिक इस घटना में मारे गए. दो दिन बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने घटना का स्वत: संज्ञान लिया.
इस मामले के सन्दर्भ में एक पूर्व रक्षा अधिकारी और लाइफ़ कोच A K नैथानी ने एक वीडियो ट्वीट किया. वीडियो में दो नागरिक चाकू लेकर सैनिकों को धमकाते हुए देखे जा सकते हैं. वीडियो में सैनिक खुद का बचाव करते हुए ज़मीन पर गोलियां चलाते हुए दिख रहे हैं.
How does one react to such provocation ? Notice the restraint shown by the armed soldiers …… *NOT TRIGGER HAPPY !* …._may draw your own conclusion._ pic.twitter.com/zrYM2L6LI2
— A K Naithani (@Anju1304) December 7, 2021
एक यूज़र ने A K नैथानी से पूछा कि क्या वीडियो नागालैंड का है. तो उन्होंने जवाब दिया, “ये बात (कि वीडियो नागालैंड का है) नहीं मानने का मेरे पास कोई कारण नहीं है.”
I have no reason to believe it not being so. The pity is that we have no hesitation in doubting the integrity of our forces
— A K Naithani (@Anju1304) December 7, 2021
ट्विटर यूज़र MJ ऑगस्टीन विनोद के बायो में ‘ग्रुप कैप्टन (रिटायर्ड)’ लिखा है. विनोद ने नैथानी के वीडियो को ट्वीट करते हुए नागालैंड के नागरिकों पर आरोप लगाया कि उन्होंने सेना को गोली चलाने के लिए उकसाया. ट्विटर यूज़र कैप्टन आलोक त्यागी ने इसी तरह के दावे के साथ वीडियो शेयर किया.
बीजेपी नेता राजीव चंद्रशेखर ने विनोद का ट्वीट लाइक किया.
BJP नेता अश्विनी उपाध्याय ने बिना किसी दावे के साथ ये वीडियो 10 दिसम्बर को पोस्ट किया.
सेना का धैर्य देखिए🙏 pic.twitter.com/4jGsJuurml
— Ashwini Upadhyay (@AshwiniUpadhyay) December 10, 2021
ऑल्ट न्यूज़ के व्हाट्सऐप नंबर (+91 76000 11160) पर इस दावे की सच्चाई जानने के लिए कई रिक्वेस्ट मिली. वीडियो के साथ शेयर किये जा रहे मेसेज में नागरिकों की मौत को “समझाया” गया है. मेसेज का क्रेडिट एक सैन्य अधिकारी को दिया गया है.
कोलंबिया का पुराना वीडियो
वीडियो के एक फ़्रेम का रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमने देखा कि इसे 2018 में कोलंबिया स्थित न्यूज़ आउटलेट नोटिसियास काराकोल टीवी ने पब्लिश किया था. रिपोर्ट के अनुसार, ये घटना ग्रामीण कोरिंटो के हाशिंडा मिराफ्लोरेस की है. ये एरिया कोलंबिया के काउका विभाग के अधिकार क्षेत्र में आता है
कोलंबिया स्थित मीडिया आउटलेट Movimiento MAIS और Pulzo ने भी इस घटना पर रिपोर्ट पब्लिश की थी. MAIS ने 2018 में ये वीडियो अपलोड करते हुए बताया था कि ये घटना कोरिंटो में हुई थी.
Rechazamos rotundamente el uso desmedido de las armas en contra de nuestros hermanos en Miraflores Corinto, liberación de las tierras ya @JuanManSantos, @ONIC_Colombia @marthaperalta11 @luiskankui @FelicianoValen @CRIC_Cauca @FiscaliaCol @PGN_COL pic.twitter.com/qMouX4gmCH
— Movimiento MAIS (@MovimientoMAIS) January 5, 2018
5 जनवरी, 2018 को कोलंबिया के पूर्व राष्ट्रपति ख़्वान मैनुएल सांतोस ने इस घटना पर अफ़सोस जताया था.
Ningún colombiano debe agredir o irrespetar a nuestros soldados que sólo cumplen con el deber de proteger a los ciudadanos y sus derechos. La justicia debe operar contra los agresores.
— Juan Manuel Santos (@JuanManSantos) January 5, 2018
इस तरह, नागालैंड में भारतीय सेना द्वारा मारे गए 15 नागरिकों की मौत को सही ठहराने के लिए कोलंबिया का एक पुराना वीडियो ग़लत दावे के साथ शेयर किया गया.
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