एक वीडियो बहुत ज़्यादा वायरल हो रहा है. वीडियो में ख़ून से लथ-पथ एक नंगा व्यक्ति दिखता है. दावा किया जा रहा है कि ये कोरोना वायरस के आयसोलेशन वार्ड में तब्लीग़ी जमात का मेंबर है.

कई यूज़र्स ने इस वीडियो का लंबा वर्ज़न शेयर किया है जिसमें व्यक्ति को अपने सिर और हाथ से कांच को तोड़ते हुए देखा जा सकता है. [चेतावनी : वीडियो की प्रकृति हिंसक और आपत्तिजनक है इसीलिए इसे देखने के लिए अपने विवेक का इस्तेमाल करें.]

वीडियो को ये ख़बर आने के बाद शेयर किया जा रहा है, जिसमें बताया गया था कि गाज़ियाबाद के अस्पताल में जमात में शामिल कुछ लोग नंगे घूम रहे थे और कर्मचारियों के दुर्व्यवहार कर रहे थे.

फ़ेसबुक पेज ‘हिंदुस्तान की आवाज़ लाइव’ ने ये वीडियो शेयर करते हुए लिखा है, “देखिए 14 दिन के एकांतवास में भी इन तबलीगी जमात के लोगों ने अश्लीलता और आतंक मचा रखा है…… कोरोंनटाइन में जमकर किया हंगामा#सरम नाम की सारी हदें कर दी पार#खेला नंगा नाच.वीडियो हुवा वाइरल# प्रशासन है इन लोगो से परेशान#” इस पोस्ट को 1400 से ज़्यादा बार शेयर किया जा चुका है. (पोस्ट का आर्काइव)

ऑल्ट न्यूज़ के ऑफ़िशियल ऐप पर इस वीडियो की सच्चाई जानने के लिए कई रीक्वेस्ट मिली हैं.

ये वीडियो व्हाट्सऐप पर भी सर्क्युलेट हो रहा है. ट्विटर और फ़ेसबुक पर कई लोगों ने इसे इन्हीं दावों के साथ शेयर किया है.

पाकिस्तान का पुराना वीडियो

यूट्यूब पर कीवर्ड्स सर्च से ऑल्ट न्यूज़ को इस वीडियो का लंबा वर्ज़न मिला. जिसे 26 अगस्त, 2019 को अपलोड किया गया है. 21 सेकंड के बाद से वायरल वीडियो में दिख रहे विज़ुअल को देखा जा सकता है. वीडियो का टाइटल है – “मस्जिद में एक नंगा व्यक्ति घूस गया, गुलशन ए हदीद कराची.” (Naked man entered in Mosque, Gulshan e Hadeed Karachi)

इस वीडियो के डिस्क्रिप्शन के अनुसार वीडियो पाकिस्तान के कराची का है और ये घटना ‘गुलशन ए हदीद’ की एक मस्जिद में हुई थी. हमने गूगल मैप पर इस जगह पर मौजूद कई मस्जिदों को देखा. पता चला कि ये घटना जामिया मस्जिद खालिद बिन वलीद में हुई थी. नीचे की तस्वीर में हमने वीडियो के एक फ़्रेम में दिख रही मस्जिद और गूगल मैप पर मस्जिद की तस्वीर, दोनों की तुलना की है. जिनमें काफ़ी समानताएं दिखती है –

1. सेकंड फ़्लोर की ग्लास विंडो

2. फर्स्ट फ़्लोर की ग्रिल्ड विंडो

3. नीले रंग का बोर्ड

इसके अलावा हमने पाया कि ये वीडियो 23 अगस्त, 2019 को ऊपर बताए गए वीडियो से तीन दिन पहले एक अलग दावे से अपलोड किया गया था. डिस्क्रिप्शन के मुताबिक इस व्यक्ति की पहचान शफ़ीक़ अब्रॉ के रूप में हुई है जिसे बाद में पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया. साथ ही ये भी बताया गया है कि ये पुलिस कमांडो का बेटा है जो मानसिक रूप से बीमार है.

इस तरह एक पुराना वीडियो जो पाकिस्तान के एक मस्जिद में शूट किया गया था उसे कोरोना वायरस से पीड़ित तब्लीग़ी जमात का सदस्य बताकर शेयर किया जा रहा है. ये एक और ऐसा उदाहरण है जिसमें ग़लत जानकारी फैलाकर मुस्लिम समुदाय पर निशाना साधा जा रहा है. मार्च के बीच में यहां तबलीगी जमात में हिस्सा लेने के लिए आये कई लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं. इस ख़बर के बाद से सोशल मीडिया और मीडिया का एक बहुत बड़ा तबका इस पूरे मसले को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश में लगा हुआ है. हाल ही में उत्तर प्रदेश की सहारनपुर पुलिस ने दो बड़े मीडिया संगठनों द्वारा फैलाए गए फ़र्ज़ी ख़बर को खारिज किया जिसमें बताया गया था कि क्वारंटीन वार्ड में भर्ती जमातियों ने मांसाहारी भोजन मांगा, नहीं देने पर खाना फेंका और खुले में शौच किया.

नोट : भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 5,400 के पार जा पहुंची है. इसकी वजह से सरकार ने बुनियादी ज़रुरतों से जुड़ी चीज़ों को छोड़कर बाकी सभी चीज़ों पर पाबंदी लगा दी है. दुनिया भर में 14 लाख से ज़्यादा कन्फ़र्म केस सामने आये हैं और 82 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. लोगों में डर का माहौल बना हुआ है और इसी वजह से वो बिना जांच-पड़ताल किये किसी भी ख़बर पर विश्वास कर रहे हैं. लोग ग़लत जानकारियों का शिकार बन रहे हैं जो कि उनके लिए घातक भी साबित हो सकता है. ऐसे कई वीडियो या तस्वीरें वायरल हो रही हैं जो कि घरेलू नुस्खों और बेबुनियाद जानकारियों को बढ़ावा दे रही हैं. आपके इरादे ठीक हो सकते हैं लेकिन ऐसी भयावह स्थिति में यूं ग़लत जानकारियां जानलेवा हो सकती हैं. हम पाठकों से ये अपील करते हैं कि वो बिना जांचे-परखे और वेरीफ़ाई किये किसी भी मेसेज पर विश्वास न करें और उन्हें किसी भी जगह फ़ॉरवर्ड भी न करें.

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About the Author

Jignesh is a writer and researcher at Alt News. He has a knack for visual investigation with a major interest in fact-checking videos and images. He has completed his Masters in Journalism from Gujarat University.