हिंदी अख़बार ‘अमर उजाला‘ ने 4 अप्रैल को, ‘क्वारंटीन वार्ड में भर्ती जमातियों ने मांगा मांसाहारी भोजन, नहीं देने पर खाना फेंका, फिर खुले में किया शौच’ हेडलाइन से एक ख़बर पब्लिश की. रिपोर्ट में दावा किया गया कि ये घटना उत्तर प्रदेश में सहारनपुर के क्वारंटीन सेंटर्स में हुई है.

तबलीग़ी जमात के कई सदस्यों का टेस्ट पॉजिटिव आने के बाद से दिल्ली का निज़ामुद्दीन इलाक़ा कोरोना वायरस हॉटस्पॉट के रूप में जाना जाने लगा. इन सभी लोगों ने मार्च महीने के मध्य में निज़ामुद्दीन मरकज़ में एक आयोजन में हिस्सा लिया था. तब से, कई राज्यों में सरकारें इनके संपर्क में आए लोगों का टेस्ट और उन्हें क्वारंटीन करने के लिए तलाश रही है.

रिपोर्ट के मुताबिक़, “एसडीएम एसएन शर्मा ने बताया कि अलग-अलग इलाक़ों के जमातियों को जैन इंटर कॉलेज में बने क्वारंटीन वार्ड में रखा गया था. (उन्हें) जानकारी मिली कि जब जमातियों को खाना दिया गया, उन्होंने खाना फेंक दिया और मांसाहारी खाने की मांग की. जब उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तब उन्होंने खुले में शौच किया.”

‘अमर उजाला’ के ऑफ़िशियल फ़ेसबुक पेज पर पोस्ट किए गए इस आर्टिकल को लगभग 4,800 यूजर्स ने शेयर किया.

एक और प्रतिष्ठित अख़बार ‘पत्रिका’ ने लिखा, “क्वारंटीन सेंटर में मांसाहारी खाना नहीं परोसा जाता लेकिन जमातियों ने नॉन-वेज खाने की मांग की. जब उन्हें नॉन-वेज खाना नहीं मिला, तब उन्होंने ‘शुद्ध प्रोटीन से भरपूर’ खाना फेंक दिया. इतना ही नहीं, जमातियों पर ये भी आरोप है कि उन्होंने खुले में शौच भी किया.”

रोचक बात देखिए कि इस आर्टिकल में (रामपुर मनिहारन के) थाना इंचार्ज का ये बयान शामिल किया गया है कि उनकी प्राथमिक जांच में पता चला कि तबलीग़ी जमात के सदस्यों ने जूठन को इमारत के पीछे फेंक दिया. हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि खुले में शौच के दावे की अभी पुष्टि नहीं हो पाई है. ये आर्टिकल अब पत्रिका की वेबसाइट पर उपलब्ध नहीं है और इस आर्टिकल का लिंक आपको वेबसाइट के होमपेज पर ले जाता है.

ग़लत रिपोर्टिंग

सहारनपुर पुलिस ने नॉन-वेज खाना न मिलने पर तबलीग़ी जमात के सदस्यों द्वारा खुले में शौच के दावों की छानबीन की. पुलिस की जांच में ये रिपोर्ट असत्य साबित हुई.

पुलिस ने बताया कि रामपुर मनिहारन के एसएचओ को इस छानबीन की जिम्मेदारी दी गई थी. उनकी पड़ताल में पता चला कि सोशल मीडिया, अखबारों और न्यूज़ चैनलों पर प्रसारित किए गए दावे पूरी तरह से ग़लत हैं.

अंत में, दो राष्ट्रीय समाचार-पत्रों ने, ऐसे वक़्त में आधारहीन आरोपों का जोर-शोर से प्रसार किया, जब तब्लीग़ी जमात के ख़िलाफ़ ग़लत ख़बरें हर तरफ फैली हुई हैं. ऑल्ट न्यूज़ ने उन असंबंधित वीडियो का सच बाहर लाया था जिसमें जमातियों द्वारा पुलिसवालों पर थूकने और निज़ामुद्दीन मस्जिद के अंदर छींकने के ग़लत दावे किए गए थे.

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About the Author

Jignesh is a writer and researcher at Alt News. He has a knack for visual investigation with a major interest in fact-checking videos and images. He has completed his Masters in Journalism from Gujarat University.