ट्विटर पर एक वीडियो शेयर किया जा रहा है जिसमें एक तट पर कुछ लाशें दिख रही हैं. दावा किया जा रहा है कि कुछ देश अपने COVID-19 से संक्रमित लोगों को समुद्र में फेंक रहे हैं. ट्विटर यूज़र देव ओज़ा ने इस वीडियो को इस मेसेज के साथ ट्वीट किया – “कुछ देश समुद्र में COVID-19से संक्रमित लोगों की लाशें फेंक रहे हैं. सीफ़ूड खाने से परहेज़ करें. ये दुनिया सच में ख़त्म होने वाली है. भगवान, प्लीज़ कुछ करिए.” किसी परेश शाह ने भी इसी वीडियो को पोस्ट किया है और ऐसी ही बातें लिखी हैं. इन्होंने ये भी लिखा कि इस बात की इन्होंने पुष्टि नहीं की है.
@aajtak @ndtvindia @News18India @republic @ABPNews Some countries throw Covid19 infected dead bodies into the seas. Advice to stop eating seafood.
The World is really coming to an end.
Dear God, please intervene. pic.twitter.com/sTH4uIhA18— Jyoti (@Jyoti41028304) April 8, 2020
ऑल्ट न्यूज़ को इस वीडियो की सच्चाई जानने के लिए ऑफिशियल व्हाट्सऐप नंबर (+91 76000 11160) और एंड्रॉइड ऐप पर रिक्वेस्ट्स आईं.
यही वीडियो गुजराती मेसेज के साथ भी शेयर हो रहा है, जिसके साथ दावा किया गया है कि चीन कोरोना वायरस से संक्रमित शरीर समुद्र में फेंक रहा ताकि समुद्र में रहने वाले जोव भी संक्रमित हो जाये. मेसेज में ये भी लिखा है कि ये लाशे ताइवान, हांगकांग और सिंगापुर की तटों तक पहुंचा है. पूरा मेसेज कुछ इस तरह है, ““ચાઈના એ કોરોના વાઇરસ ને કારણે મૃત્યુ પામેલા લોકોને દરીયામાં ફેંકી દિધા છે. જેથી કરીને દરીયામાં રહેતા માછલાં અને અન્ય જીવો પણ કોરોના થી દુષિત થાય. આ માછલાં ખાઈને પછી બીજા દેશના લોકો પણ કોરોના નો ભોગ બને. આ યોજના મુજબ ચાઈના એ દરીયામાં ફેંકેલી લાશો તાઈવાન, હોંગકોંગ, સિંગાપોર અને મકાઉ ના દરીયાકિનારે આવી છે”
अफ़्रीकी आप्रवासियों की लाशों का पुराना वीडियो
यूट्यूब पर एक कीवर्ड सर्च के बाद हमें यही वायरल हो रहा वीडियो मिला. इस 19 जून 2019 को पब्लिश किया गया था. इसका टाइटल है – “Mediterranean Sea Becomes A Cemetery For African Immigrants.”
वीडियो के साथ डिस्क्रिप्शन में लिखा हुआ था कि ये अफ़्रीकी अप्रवासी हैं जो कि यूरोप में घुसते वक़्त अपनी जान गंवा बैठे. इसी के आधार पर हमने एक और कीवर्ड सर्च किया और यूरोपियन न्यूज़ चैनल ‘यूरोन्यूज़‘ की एक रिपोर्ट हमारे हाथ लगी. इसे 25 अगस्त, 2014 को पब्लिश किया गया था. नीचे दिए गए स्क्रीनशॉट में आपको इसी वायरल हो रहे वीडियो का एक हिस्सा दिखाई देगा.
चैनल ने रिपोर्ट किया था – “लीबिया के तट पर दर्दनाक दृश्यों में यहां के होने वाले आप्रवासियों की लाशें बहते हुए आना शुरू हुईं. लीबिया के अधिकारियों ने लगभग 100 लाशें निकाली हैं माना जा रहा है कि ये लोग पिछले हफ़्ते समुद्र में टूटे जहाज पर सवार होंगे.” रिपोर्ट में ये भी बताया गया था कि चूंकि इन लोगों के काग़ज़ात भी नहीं हैं इसलिये ये पता लगाना मुश्किल है कि ये कहां के लोग हैं. चैनल ने आगे बताया, “हज़ारों लोग, जिसमें ज़्यादातर अफ़्रीका के सहारा के आस-पास से होते हैं, इटली पहुंचने की कोशिश में पुराने जर्जर जहाज़ों में चढ़ जाते हैं. कई जहाज टूट चुके हैं.”
इस तरह से स्थापित किया जा सका कि 2014 में लीबिया के तट पर बह कर आई वहां के होने वाले आप्रवासियों की लाशों को कोरोना वायरस से जोड़कर शेयर किया जा रहा है. दावा किया जा रहा है कि सरकार COVID-19 से मरने वाले लोगों की लाशें समंदर में फेंक रही है. ये दावा पूरी तरह से ग़लत है.
[अपडेट: इस आर्टिकल में 27 अप्रैल को गुजराती मेसेज के साथ शेयर हो रहे वीडियो का क्लेम जोड़ा गया.]नोट : भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 5,500 के पार जा पहुंची है. इसकी वजह से सरकार ने बुनियादी ज़रुरतों से जुड़ी चीज़ों को छोड़कर बाकी सभी चीज़ों पर पाबंदी लगा दी है. दुनिया भर में 14 लाख से ज़्यादा कन्फ़र्म केस सामने आये हैं और 82 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. लोगों में डर का माहौल बना हुआ है और इसी वजह से वो बिना जांच-पड़ताल किये किसी भी ख़बर पर विश्वास कर रहे हैं. लोग ग़लत जानकारियों का शिकार बन रहे हैं जो कि उनके लिए घातक भी साबित हो सकता है. ऐसे कई वीडियो या तस्वीरें वायरल हो रही हैं जो कि घरेलू नुस्खों और बेबुनियाद जानकारियों को बढ़ावा दे रही हैं. आपके इरादे ठीक हो सकते हैं लेकिन ऐसी भयावह स्थिति में यूं ग़लत जानकारियां जानलेवा हो सकती हैं. हम पाठकों से ये अपील करते हैं कि वो बिना जांचे-परखे और वेरीफ़ाई किये किसी भी मेसेज पर विश्वास न करें और उन्हें किसी भी जगह फ़ॉरवर्ड भी न करें.
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