एक वीडियो जिसमें पुलिस वाले नागरिकों को पीटते हुए दिखते हैं, इस दावे के साथ साझा किया गया कि असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ़ सिटिज़न्स (NRC) का प्रयोग किया जा रहा है। यह क्लिप फेसबुक पर वायरल है।

पहला दावा

17 दिसंबर को, फेसबुक उपयोगकर्ता नुसरत खान ने विचाराधीन वीडियो पोस्ट किया। इसे 15,000 से अधिक बार देखा गया है। नुसरत के पोस्ट में कहा गया है, “आसाम में #NRC में नाम ना होने की वजह से जबर्दस्ती डिटेंशन सेंटर ले जाया जा रहा है .. अगर ये vd देख के भी आपको कोई अहसास नही होता तो मुबारक हो आप इंसानी जमात से बाहर हो चुके हो.. अगर आपको मंजूर हे के आपका भी कोई अपना ,या आप खुद ऐसे ले जाये जाओ तो बैठे रहे घरों में ,अपने कामकाज पर ही धयान दो आप. एक आपके पास ही तो काम है,आपके पास ही तो टाइम नही ..delhi के और देश के दूसरे हिस्से के हज़ारो लोग तो फालतू बैठे हे न जो लाठियां खा रहे ,खून बहा रहे ,आप खाओ बिरयानी . और न्यूज़ या मोबाइल vd देख के ही अफ़सोस करते रहो.. कल ज़ब आपको या आपके फॅमिली मेंबर को डिटेंशन सेंटर ले जाये तब मत कहना के हमे पता नही था NO CAB NO NRC #WeRejectNRC #WeRejectCAA”

 

आसाम में #NRC में नाम ना होने की वजह से जबर्दस्ती डिटेंशन सेंटर ले जाया जा रहा है ..
अगर ये vd देख के भी आपको कोई अहसास नही होता तो मुबारक हो आप इंसानी जमात से बाहर हो चुके हो..
अगर आपको मंजूर हे के आपका भी कोई अपना ,या आप खुद ऐसे ले जाये जाओ तो बैठे रहे घरों में ,अपने कामकाज पर ही धयान दो आप🙏
एक आपके पास ही तो काम है,आपके पास ही तो टाइम नही ..delhi के और देश के दूसरे हिस्से के हज़ारो लोग तो फालतू बैठे हे न जो लाठियां खा रहे ,खून बहा रहे ,आप खाओ बिरयानी .👍
और न्यूज़ या मोबाइल vd देख के ही अफ़सोस करते रहो..
कल ज़ब आपको या आपके फॅमिली मेंबर को डिटेंशन सेंटर ले जाये तब मत कहना के हमे पता नही था😑
NO CAB NO NRC
#WeRejectNRC
#WeRejectCAA

Posted by Nusrat Khan on Tuesday, 17 December 2019

दूसरा दावा

19 दिसंबर को, फेसबुक-उपयोगकर्ता एनके चौधरी चौधरी ने यही वीडियो इस दावे के साथ साझा किया, “देश के बाकी हिस्सों में शायद पता ही नहीं है कि आसाम में ये काम चालू है किस तरह से NRC में नाम नहीं होने पर घर से उठाया जाता है जरा खुद भी देख लीजिये, इनका NRC में नाम नहीं है इसलिए घर से उठाया जा रहा है #Assam आज आपका विरोध बंद हो जाए तो कल आपका हाल ऐसा ही होगा । North East में लोग विरोध क्यों कर रहे हैं इस वीडियो को देखकर ये पता चल गया होगा आपलोगों को।”

तीसरा दावा

19 दिसंबर को, फेसबुक पर Sikandar Sblt ने यही वीडियो पोस्ट किया और लिखा, “NRC में नाम न आने की वजह से देखिये ये घरों से कैसे निकाला जा रहा है डीटेंशन जेल ले जाने के लिए। असम में। अगर आप का आंदोलन आज रुक गया तो कल को आप ऐसी मुसीबत झेलने के लिए तैयार रहें। “

चौथा दावा

18 दिसंबर को, एक फेसबुक उपयोगकर्ता अशरफ एम सैलथुर, ने विचाराधीन वायरल वीडियो इस संदेश के साथ पोस्ट किया, “ಅಸ್ಸಾಮಿನಲ್ಲಿ #NRC ಪಟ್ಟಿಯಲ್ಲಿ ಇಲ್ಲದವರನ್ನು ಮನೆಯಿಂದ ಹೊರ ಹಾಕುತ್ತಿರುವ ಭೀಕರ ದ್ರಶ್ಯ. ಮೋದಿಯ ಹಿಟ್ಲರ್ ಮಾದರಿಯ ಸರ್ವಾಧಿಕಾರಿ ಆಡಳಿತವು ಪ್ರಾರಂಭವಾಗಿದೆ.ಆದಷ್ಟು ಶೇರ್ ಮಾಡಿ [कन्नड़ से गूगल अनुवाद : एक भयानक घोटाला #NRC सूची में जो असम के लोगों को उनके घरों से बाहर निकाल रहा है। मोदी की हिटलर-शैली की तानाशाही शुरू हो गई है]” इस पोस्ट को 2,300 से अधिक बार देखा गया है।

ऑल्ट न्यूज़ को व्हाट्सएप और हमारे आधिकारिक मोबाइल एप्लिकेशन पर इस वीडियो की तथ्य-जांच के कई अनुरोध मिले हैं।

झूठा दावा

वायरल वीडियो में ‘DY 365 Exclusive’ का टैग अंकित दिखाई दे रहा है कि है।

ऑल्ट न्यूज़ असम के न्यूज़ चैनल DY 365 तक पहुँचा। उन्होंने पुष्टि की कि वीडियो उनका है और 2017 का है। उनके अनुसार, वह फुटेज गुवाहाटी में एक वन क्षेत्र से हटाए जाने को दर्शाता है।

ऑल्ट न्यूज़ ने कीवर्ड-खोज की तो 28 नवंबर 2017 को DY 365 द्वारा अपलोड किया गया वीडियो मिला। विवरण के अनुसार, यह घटना अम्चंग वन्यजीव अभयारण्य से लोगों को हटाए जाने की है।

Kangkan Nagar eviction and child

#Amchang_eviction #Kangkan_Nagar #protestor #child
As the second day of eviction drive continues at Amchang Wildlife Sanctuary, an appalling incident took place at Kangkan Nagar. An angry protestor identified as Ismail Haque attacked a forest official with a sharp weapon amid the eviction. Security personnel jumped at him immediately and what followed next is…
Watch to know more:

Posted by DY365 on Monday, 27 November 2017

ऑल्ट न्यूज़ को 29 नवंबर 2017 का द वायर का लेख भी मिला, जिसमें बताया गया था, “गुवाहाटी के बाहरी इलाके में अम्चंग वन्यजीव अभयारण्य के आसपास के क्षेत्रों से पर्यावरण मंत्रालय द्वारा पर्यावरण के प्रति संवेदनशील क्षेत्र (ECZ) घोषित किए जाने के बाद गुवाहाटी के उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार, असम सरकार द्वारा निष्कासन अभियान के तहत 27 नवंबर से अब तक 700 से अधिक परिवारों को बेघर किया जा चूका है।” -(अनुवाद)

इस प्रकार, सोशल मीडिया का दावा कि यह वीडियो NRC के तहत असम में लोगों को हिरासत में लिए जाना दिखलाता है, झूठा है। यह वीडियो 2017 का है और अम्चंग वन्यजीव अभयारण्य के आसपास के क्षेत्रों से लोगों को हटाते हुए दिखलाता है।

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🙏 Blessed to have worked as a fact-checking journalist from November 2019 to February 2023.