21 दिसंबर को, बॉलीवुड अभिनेता और पूर्व भाजपा सांसद परेश रावल ने इस दावे के साथ एक ट्वीट किया कि म्यांमार, भारत से 1769 किमी की दूरी पर स्थित है और चीन से केवल 2 किमी दुरी पर है। इसके बाद उन्होंने रोहिंग्या मुस्लिमों की अवैध घुसपैठ के लिए धर्मनिरपेक्ष लोगों और बुद्धिजीवियों को ज़िम्मेदार ठहराया। उन्होंने लिखा, “…म्यांमार से भारत- 1769 किलोमीटर…म्यांमार से चीन- 2 किमी लेकिन, रोहिंग्या क्यों चाहते हैं भारत आना? और चीन क्यों नहीं? क्योंकि भारत से अलग, चीन में कोई धर्मनिरपेक्ष नहीं कोई बुद्धिजीवी नहीं कोई देश विरोधी नहीं है, जो रोहिंग्या शरणार्थियों का समर्थन करे।” (अनुवाद) इस पोस्ट को 18,000 बार रिट्वीट और 56,000 से अधिक बार लाइक किया गया है

17 दिसंबर को फ़र्ज़ी समाचार प्लेटफॉर्म पोस्टकार्ड न्यूज़ के संस्थापक महेश विक्रम हेगड़े, जिन्हें ‘पीएम नरेंद्र मोदी फॉलो करते हैं’, ने एक इन्फोग्राफ के साथ समान संदेश पोस्ट किया, जिसमें पश्चिम बंगाल को म्यांमार से भारत में प्रवेश के रूप में बताया गया है। कई अन्य उपयोगकर्ताओं ने ट्विटर और फेसबुक पर यह समान दावा पोस्ट किया है।

भूगोल ऐसे काम नहीं करता

जिस तरह म्यांमार और चीन की सीमा मिलती है, वैसे ही चार भारतीय राज्यों – अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मिजोरम, और मणिपुर से भी इसकी सीमा मिलती है। वास्तव में, इन तीनों राष्ट्रों की सीमाएँ मिलती हैं।

गृह मंत्रालय के अनुसार, म्यांमार और भारत के बीच अंतर्राष्ट्रीय सीमा की कुल लंबाई 1,643 किलोमीटर (किमी) है।

प्रेस सूचना कार्यालय की 3 जनवरी 2018 की एक प्रेस रिलीज़ में भारत और म्यांमार के बीच भूमि सीमा पारगमन समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने की खबर दी गई थी। उस समझौते का उद्देश्य दोनों देशों के सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए पहले से ही मौजूद मुक्त आवाजाही के अधिकारों को वैध पासपोर्ट और वीज़ा आधारित करने के साथ उनका विनियमन और अनुकूलीकरण करना था।

परेश रावल और दूसरे उपयोगकर्ताओं का यह दावा, कि म्यांमार से चीन के बीच की दूरी 2 किमी और म्यांमार से भारत की दूरी 1769 किमी है, तर्कहीन और गलत है। पूर्व भाजपा सांसद परेश रावल पहले भी कई बार गलत जानकारी शेयर करते हुए पाए गए हैं – कभी फ़र्ज़ी अखबार की क्लिप को ट्वीट करके राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए तो कभी जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद से मुकाबले में मोदी सरकार को बेहतर बताने के लिए झूठे आंकड़े जनता के सामने रखते हुए देखे गए हैं।

डोनेट करें!
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.

बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.

About the Author

🙏 Blessed to have worked as a fact-checking journalist from November 2019 to February 2023.