‘द गार्डियन’ की 28 मार्च को छपी रिपोर्ट कहती है, “एक तरफ़ डॉनल्ड ट्रंप ने कामगारों और व्यवसायों को संघीय सहायता पहुंचाने के लिए, 2.2 ट्रिलियन डॉलर के, अमेरिकी इतिहास के सबसे बड़े आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज, को मंज़ूरी दी. वहीं दूसरी तरफ़, अमेरिका दुनिया का पहला ऐसा देश बन गया, जहां कोरोना वायरस के कंफ़र्म मामलों की संख्या एक लाख के पार पहुंच गई है.”
अमेरिका कोरोना वायरस का नया केंद्र बन चुका है. इस बीच तीन मिनट का एक वीडियो इस दावे के साथ वायरल हो रहा है – “अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने कोरोना वायरस के कहर को रोकने में असफल होने के बाद नमाज़ में हिस्सा लिया”. वायरल वीडियो में, सबसे नीचे दाएं कोने में, एबीसी न्यूज़ का लोगो दिख रहा है.
इस वीडियो की पुष्टि के लिए ऑल्ट न्यूज़ को व्हाट्सऐप (+91 76000 11160) और ऑफ़िशियल एंड्रॉयड ऐप पर कई रिक्वेस्ट्स मिलीं.
इस वीडियो को ट्विटर पर @rtapgarhiSonu (आर्काइव लिंक) और फ़ेसबुक पर हेमा सांखी (आर्काइव लिंक) ने इस मेसेज के साथ शेयर किया, “(दुनिया के सबसे बड़े ताकतवर मुल्क ने भी माना कुरान की ताकत को और व्हाइट हाउस में कुरान पढ़ा गया और दुआ की गई क्रोना के लिए शेयर कीजिए,हर धर्म का सम्मान करों)”.
#ब्रेकिंग न्यूज़ दुनिया के सबसे बड़े ताकतवर मुल्क ने भी माना कुरान की ताकत को और अल्लाह की ताकत को व्हाइट हाउस में कुरान पढ़ा गया और दुआ की गई कोरोना वायरस के लिए शेयर कीजिए 👇👇👇 pic.twitter.com/D4k5iGqDXU
— Sonu Prtapgarhi. (@PrtapgarhiSonu) March 26, 2020
फ़ैक्ट-चेक
यानडेक्स (Yandex) पर रिवर्स इमेज सर्च करने पर ऑल्ट न्यूज़ को एक लिंक मिला, जिससे हिंट मिला कि ये वीडियो 2017 में आयोजित अंतरधर्मीय प्रार्थना सभा का हो सकता है.
इस सुराग के सहारे, ऑल्ट न्यूज़ ने यूट्यूब पर एक कीवर्ड सर्च किया. पता चला कि ये वायरल क्लिप, 21 जनवरी, 2017 को नेशनल कैथेड्रल, वॉशिंगटन में आयोजित 58वें प्रेसिडेंशियल शपथ समारोह में हुई अंतर राष्ट्रीय प्रार्थना सभा के वीडियो से ली गई है. 2017 में छपी एनपीआर के आर्टिकल के मुताबिक़, “प्रार्थना सभा की ये परंपरा पहले राष्ट्रपति जॉर्ज वॉशिंगटन के साथ शुरू हुई थी. 1933 में राष्ट्रपति फ़्रैंकलिन रूज़वेल्ट ने इसे दोबारा शुरू करवाया. तब से ये परंपरा चली आ रही है.”
इस समारोह में मौज़ूद अतिथियों की सूची नेशनल कैथेड्रल की वेबसाइट पर उपलब्ध है. इस इवेंट में इस्लाम का प्रतिनिधित्व स्टर्लिंग, वर्जीनिया स्थित ऐडम्स सेंटर के कार्यकारी इमाम, इमाम मोहम्मद मजीद और बाल्टीमोर, मेरीलैंड स्थित मेदीना मस्ज़िद के सलाहकार, साजिद तरार, कर रहे थे.
वायरल वीडियो की शुरुआत मजीद के संबोधन से होती है, उसके बाद तरार के भाषण का एक हिस्सा दिखता है. ऑल्ट न्यूज़ को एबीसी न्यूज़ द्वारा अपलोड किया गया वीडियो नहीं मिल सका. हालांकि, हमें C-SPAN द्वारा अपलोड किया गया वही वीडियो मिल गया. वीडियो का ज़रूरी हिस्सा 36:58 मिनट से शुरू होता है. इसी समारोह का, दूसरे ऐंगल से शूट किया गया वीडियो, फ़ॉक्स न्यूज़ ने अपलोड किया था. ज़रूरी सेक्शन को 35:40 मिनट से देखा जा सकता है.
21 जनवरी, 2017 को वॉशिंगटन पोस्ट ने अपनी रिपोर्ट में लिखा, “राष्ट्रीय एकता की अपील के लिए शनिवार को आयोजित अंतरधर्मीय प्रार्थना सभा में प्रेसिडेंट ट्रंप ने एक घंटे से अधिक का समय गुजारा, जबकि, पूर्वानुमान के मुताबिक़, लगभग पांच लाख लोग उनकी अनुभवहीन प्रेसिडेंसी का विरोध करने के लिए राजधानी में इकट्ठा हुए.”
इसलिए, 2017 की अंतरधर्मीय प्रार्थना सभा के एक वीडियो को ‘प्रेसिडेंट ट्रंप द्वारा कोरोना वायरस महामारी के दौरान नमाज़ अता करने’ का बताकर शेयर किया गया.
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