कथित तौर पर नमाज़ पढ़ते लोगों की भीड़ का एक वीडियो सोशल मीडिया पर धड़ल्ले से शेयर हो रहा है. 80 सेकेंड की क्लिप को, फ़ेसबुक यूजर सलीम अशरफ़ ने इस संदेश के साथ शेयर किया है, “इटली में सभी मजहब के लोग सजदे के बल अल्लाह से रो रोकर अपने गुनाहों की माफ़ी की तलब कर रहे है। या अल्लाह दुनिया का तू बादशाह है बेशक जो भी तुझसे मदद की भीख मांग रहे है तौबा की तलब कर रहे हैं तू उनकी दुआ को कुबूल कर और हिदायत दे अमीन”.

इटली में सभी मजहब के लोग सजदे के बल अल्लाह से रो रोकर अपने गुनाहों की माफ़ी की तलब कर रहे है। या अल्लाह दुनिया का तू बादशाह है बेशक जो भी तुझसे मदद की भीख मांग रहे है तौबा की तलब कर रहे हैं तू उनकी दुआ को कुबूल कर और हिदायत दे अमीन

#AllahIsSuperPower

Posted by Saleem Ashraf on Thursday, 26 March 2020

संदेश के अनुसार, वीडियो इटली का है, जहां के लोग अल्लाह के आगे सजदा कर रहे हैं और कोरोना वायरस महामारी के बीच माफ़ी मांग रहे हैं. गौरतलब है कि इटली इस महामारी से सबसे अधिक प्रभावित हुए देशों में से एक है. इस वीडियो को अब तक 11,000 से अधिक बार शेयर किया जा चुका है.

In Italy people of all religions prostrate before God.
They started crying and asking for forgiveness for their sins. Keep sharing the video

Posted by Coronavirus WorldWide on Saturday, 28 March 2020

29 मार्च को, Coronavirus Worldwide नामक फ़ेसबुक पेज ने इसी वीडियो का लंबा वर्जन पोस्ट किया था. जिसे फ़ेसबुक लाइव स्ट्रीम के तौर पर दिखाया गया. इसके साथ मेसेज में लिखा है, “इटली में सभी धर्मों के लोग अल्लाह के आगे सजदा कर रहे हैं. उन्होंने रोना शुरू कर दिया और अपने पापों के लिए माफ़ी मांगी. इस वीडियो को शेयर करते रहिए”.

ऑल्ट न्यूज़ को इस वीडियो का फ़ैक्ट-चेक करने के लिए ऑफ़िशियल एंड्रॉयड ऐप पर कई रिक्वेस्ट्स मिलीं. इसी वीडियो को हिंदी, अंग्रेज़ी और उर्दू में ट्विटर पर भी शेयर किया गया.

इस वीडियो को स्पेन का बताकर भी शेयर किया गया है. स्पेन वाले दावे में लिखा है, “अभी ताजा रिपोर्ट सारा स्पेन सजदे में गिर गया स्पेन में तमाम मजहब के लोग अल्लाह के सामने सजदे मे गिर गए रो रो कर अपने गुनाहों की माफी मांगने लगे वीडियो को शेयर करे”.

फ़ैक्ट-चेक

ऑल्ट न्यूज़ ने कथित फ़ेसबुक लाइव स्ट्रीम के नीचे पोस्ट किए गए कमेंट्स को ध्यान से देखा. पता चला कि ये वीडियो न तो इटली और न ही स्पेन का है. दरअसल, इसे पेरू के लीमा शहर के सैन मार्टिन प्लाज़ा में शूट किया गया था.

नीचे के तुलनात्मक अध्ययन से, कोई भी व्यक्ति समझ सकता है कि वायरल वीडियो के बैकग्राउंड में दिख रहे स्ट्रक्चर्स सैन मार्टिन प्लाज़ा से मेल खाते हैं. दाईं तरफ़ की तस्वीर लोकेशन का गूगल स्ट्रीट व्यू है.

आगे, इस वीडियो को फ़ेसबुक पर सर्च करने पर हमें 6 दिसंबर, 2019 की एक दूसरी लाइव स्ट्रीम मिली. इसके साथ पोस्ट किए गए मैसेज में लिखा था, “पेरु के लिए प्रार्थना सभा. सैन मार्टिन प्लाज़ा – लीमा”. फ़ेसबुक पेज, Perú, Jesucristo es la única esperanza (अनुवाद – पेरू, ईसा मसीह इकलौती उम्मीद हैं). ये पेरू में स्थित इवेंजलिकल गिरजाघरों का को-ऑर्डिनेशन प्लेटफॉर्म है.

 

VIGILIA DE ORACIÓN POR EL PERÚ.
Plaza San Martín – Lima.

Posted by Perú, Jesucristo es la única esperanza on Friday, 6 December 2019

ऑल्ट न्यूज़, स्वतंत्र तौर पर ये पुष्टि करने में सफल रहा कि दोनों ही वीडियो फ़ेसबुक पर वायरल हैं और एक 7 दिसंबर, 2019 को लाइव स्ट्रीम किए गए वीडियो में पेरू का यही समारोह दिखाया गया था.

हमने दो फ्रेम्स की तुलना की. हमने पहला फ़्रेम (ऊपर) वायरल हो रहे वीडियो से लिया. इसमें एक खास इमारत के रौशनदार कमरे दिख रहे हैं. दूसरा फ़्रेम हमने लिया फ़ेसबुक पेज पर अपलोड किए गए वीडियो से जिसमें वही विजुअल्स (नीचे) दिख रहे हैं. इसका मकसद इस बात की पुष्टि करना था कि दोनों ही वीडियो एक ही दिन और एक ही समय पर शूट किए गए थे. भीड़ में खड़े सुरक्षा गार्ड को दोनों ही तस्वीरों में देखा जा सकता है.

हमें इस इवेंट का एक पोस्टर भी मिला. इसे फ़ेसबुक पेज से 3 दिसंबर, 2019 को शेयर किया गया था. इस बात की पूरी संभावना है कि ये एक धार्मिक समूह द्वारा आयोजित समारोह था. ध्यान देने वाली बात ये भी है कि जमावड़ा 6 दिसंबर, 2019 को हुआ था. जबकि समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक़, पेरू में कोरोना वायरस का पहला पॉजिटिव केस 6 मार्च, 2020 को सामने आया था. इसलिए, ये दावे के साथ कहा जा सकता है कि इस आयोजन का कोरोना वायरस महामारी से कोई मतलब नहीं था.

फ़ेसबुक पर कीवर्ड (VIGILIA DE ORACIÓN POR EL PERÚ) सर्च करने पर, हमें अभी वायरल हो रहे वीडियो का सटीक वर्जन मिला. इसे स्थानीय राजनेता अलेजांद्रो मुनांते ने फ़ेसबुक लाइव के ज़रिए शूट किया था.

 

Vigilia de oración por el Perú🇵🇪

Posted by Alejandro Muñante on Friday, 6 December 2019

दिसंबर, 2019 के पेरू के वीडियो को, इटली और स्पेन में कोरोना वायरस के प्रकोप के दौरान लोगों द्वारा नमाज़ पढ़ने, का बताकर शेयर किया गया. असलियत में, इस वीडियो का महामारी से कोई लेना-देना नहीं है. इसे 6 दिसंबर, 2019, को शूट किया गया था. चीन ने 31 दिसंबर, 2019, को निमोनिया-जैसे मामलों के बारे में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) को जानकारी दी. 9 जनवरी, 2020, को WHO ने स्टेटमेंट जारी कर बताया कि लोग नोवेल कोरोना वायरस से संक्रमित हो रहे हैं. इसलिए, पेरू के नागरिक (या इटली और स्पेन) एक ऐसे संक्रमण के संबंध में प्रार्थना नहीं कर रहे होंगे, जिसका दुनिया के सामने आना बाकी था.

ये आर्टिकल लिखे जाने तक, इटली में 11,500 से ज़्यादा और स्पेन में 8,100 से ज़्यादा मौतें हो चुकी हैं. जॉन हॉपकिन्स कोरोना वायरस रिसोर्स सेंटर के अनुसार, पेरू में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की कुल संख्या 950 के पार पहुंच गई है.

नोट: भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 1700 के पार जा पहुंची है. इसकी वजह से सरकार ने बुनियादी ज़रुरतों से जुड़ी चीज़ों को छोड़कर बाकी सभी चीज़ों पर पाबंदी लगा दी है. दुनिया भर में 8 लाख से ज़्यादा कन्फ़र्म केस सामने आये हैं और 42 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. लोगों में डर का माहौल बना हुआ है और इसी वजह से वो बिना जांच-पड़ताल किये किसी भी ख़बर पर विश्वास कर रहे हैं. लोग ग़लत जानकारियों का शिकार बन रहे हैं जो कि उनके लिए घातक भी साबित हो सकता है. ऐसे कई वीडियो या तस्वीरें वायरल हो रही हैं जो कि घरेलू नुस्खों और बेबुनियाद जानकारियों को बढ़ावा दे रही हैं. आपके इरादे ठीक हो सकते हैं लेकिन ऐसी भयावह स्थिति में यूं ग़लत जानकारियां जानलेवा हो सकती हैं. हम पाठकों से ये अपील करते हैं कि वो बिना जांचे-परखे और वेरीफ़ाई किये किसी भी मेसेज पर विश्वास न करें और उन्हें किसी भी जगह फ़ॉरवर्ड भी न करें.

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