इज़राइल और फ़िलिस्तीन के बीच चल रहा विवाद हर तरफ़ चर्चा का विषय बना हुआ है. इस दौरान सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर करते हुए कहा जा रहा है कि दुनिया की तीसरी सबसे पवित्र मस्जिद इज़राइल ने ध्वस्त कर दी है. ट्विटर यूज़र ‘तक्ष श्रीवास्तव’ ने ये वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा, “मक्का और मदीना के बाद इस्लाम में अल अक्शा तीसरी सबसे पवित्र मस्जिद मानी जाती थी जो इज़रायल द्वारा तोड़ दी गई” (आर्काइव लिंक)
मक्का और मदीना के बाद इस्लाम में अल अक्शा तीसरी सबसे पवित्र मस्जिद
मानी जाती थी जोकि इजरायल द्वारा
तोड़ दी गई 😁😁🚩 pic.twitter.com/0SGR4szDdR— तक्ष श्रीवास्तव (🚩कट्टर भगवाधारी🚩) (@TakshSrivastav1) May 11, 2021
एक यूज़र ने इसे ट्वीट करते हुए लिखा, “ये इज़राइल है, प्रतिबद्ध, निडर और सटीक”. (आर्काइव लिंक)
मध्य प्रदेश पेट्रोलियम डीलर एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय सिंह ने ये वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा, “उधर इजराइल धमा धम फ़िलिस्तीन पर बम पटक रहा है, दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी मस्जिद ध्वस्त”. (आर्काइव लिंक)
उधर इजराइल धमा धम फिलिस्तीन पर बम पटक रहा है
दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी मस्जिद ध्वस्त pic.twitter.com/98Ht8ICPcZ— Ajay Singh (@ajaysingh0018) May 12, 2021
कई ट्विटर यूज़र्स ने ये वीडियो इज़राइल द्वारा फ़िलिस्तीन पर किए गए हमले का बताकर सोशल मीडिया पर शेयर किया है (पहला लिंक, दूसरा लिंक, तीसरा लिंक, चौथा लिंक). फ़ेसबुक पर ये वीडियो वायरल है.
फ़ैक्ट-चेक
एक ओर, ये बात सच है कि अल-अक्सा मस्जिद में और उसके आस-पास इज़रायली सुरक्षाबलों द्वारा बलप्रयोग और हिंसा की ख़बरें आई थीं और एक ऐसा वीडियो भी आया था जिसमें मस्जिद के एक हिस्से में आग नज़र आ रही थी. मगर इस वायरल वीडियो का हाल की हिंसा से कोई लेना-देना नहीं है.
वीडियो के फ़्रेम्स को गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें ये वीडियो यूट्यूब पर 8 जून 2014 को अपलोड किया हुआ मिला. इस यूट्यूब वीडियो में उवैस अल-करनी लिखा है. आगे, कीवर्ड सर्च करने पर मालूम हुआ कि उवैस अल-करनी मस्जिद सीरिया के रक़्क़ा शहर में थी जिसे 2014 में आतंकी संगठन ISIS ने हमले में ध्वस्त कर दिया था.
आगे, हमें ये वीडियो भारतीय अखबार मिंट के यूट्यूब चैनल पर 26 अगस्त 2015 को अपलोड हुआ मिला. वीडियो रिपोर्ट में आतंकी संगठन ISIS द्वारा ध्वस्त किए गए 5 प्राचीन स्थलों के बारे में बताया गया है जिसमें इस जगह का भी ज़िक्र है.
यूनाइटेड नेशन इंस्टिट्यूट फ़ॉर ट्रेनिंग एंड रीसर्च (UNITAR) ने सैटेलाइट एनालिसिस के ज़रिए सीरिया के धार्मिक स्थलों के नुकसान पर एक रिपोर्ट जारी की थी जिसमें उवैस-अल-करनी मस्जिद के हमले से पहले और बाद की सैटेलाइट से मिली तस्वीरें शामिल है.
UNITAR ने रक़्क़ा शहर में मौजूद धार्मिक स्थलों के नुकसान पर डीटेल्ड रिपोर्ट शेयर की थी जिसमें इस मस्जिद को हुए नुकसान की पुरी जानकारी दी गई है. (pdf डॉक्युमेंट पढ़ें)
अरबी न्यूज़ चैनल अल-जज़ीरा ने 24 दिसंबर 2014 को सीरिया के युद्ध में तबाह हुए धरोहर स्थलों पर एक आर्टिकल लिखा था. इस आर्टिकल में रक़्क़ा की उवैस-अल-करनी मस्जिद का भी ज़िक्र है. अंतर्राष्ट्रीय न्यूज़ एजेंसी रॉइटर्स ने भी 13 सितंबर 2014 के आर्टिकल में आतंकी संगठन आईएस द्वारा सूफ़ी धार्मिक स्थल के ध्वस्त होने की खबर दी थी.
ब्रैंडिस यूनिवर्सिटी के विज़िटिंग रीसर्च स्कॉलर Aaron Y. Zelin ने ट्विटर पर 16 मई 2014 को एक gif लिंक शेयर करते हुए लिखा था, “ISIS ने सीरिया के अल-रक्का में उवैस अल-क़रनी दरगाह को उड़ा दिया”
ISIS blows up the Uways al-Qarani shrine in al-Raqqa, Syriahttp://t.co/sx90cGYsxl
— Aaron Y. Zelin (@azelin) May 15, 2014
तो इस तरह ये पुष्टि होती है कि वायरल हो रहे वीडियो का इज़राइल और फ़िलिस्तीन से कोई संबंध नहीं है. ये वीडियो काफ़ी पुराना है.
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